लातविया की संसद ने विदेश मंत्री एदगर्स रिंकेरिच को देश का नया राष्ट्रपति चुना है. 49 साल के रिंकेरिच 2011 से देश के विदेश मंत्री थे. रूसी आक्रामकता के खिलाफ वह लंबे समय से यूक्रेन के समर्थक माने जाते हैं. #Latvia#LGBTQ
रिंकेरिच के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति एगिल्स लेवित्स ने दूसरे कार्यकाल के लिए ना खड़े होने का फैसला किया. इसलिए रिकेंरिच को नया राष्ट्रपति चुना गया. संसदीय मतदान के बाद उन्होंने कहा, "देश की संपन्नता और सुरक्षा के लिए मैं सबकुछ करूंगा." #EuropeanUnion
रिंकेरिच गे हैं. 2014 में विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने समलैंगिक होने की बात सार्वजनिक की थी. ऐसा करने वाले वह लातविया के पहले बड़े नेता हैं. अब बतौर राष्ट्रपति उनके चुनाव से यूरोपीय संघ में पहली बार कोई जाहिर समलैंगिक राष्ट्राध्यक्ष बना है. #InclusionMatters
रिंकेरिच पश्चिम समर्थक हैं. वह यूक्रेन को नाटो और ईयू में शामिल किए जाने का भी समर्थन करते हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उन्हें राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई देते हुए कहा कि वह यूक्रेन के सच्चे दोस्त हैं. #UkraineRussiaWar#NATO
भारत की तरह लातविया में भी राष्ट्रपति के पद का सांकेतिक महत्व है. असली ताकत प्रधानमंत्री के पास होती है. #President#Latvia
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जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने कहा है कि नाटो के दरवाजे नए सदस्यों के लिए खुले हैं, लेकिन ऐसा देश जो अभी युद्ध लड़ रहा हो, लड़ाई के बीच संगठन में शामिल नहीं हो सकता.
ओस्लो में नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक में गईं बेयरबॉक ने पत्रकारों से कहा, "नाटो की ओपन डोर पॉलिसी बरकरार है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि हम ऐसे नए सदस्यों को शामिल करने की बात नहीं कर सकते जो अभी युद्ध लड़ रहे हैं."
जुलाई में नाटो लीडरों का लिथुआनिया में अहम सम्मेलन होने वाला है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की चाहते हैं कि इस सम्मेलन में स्पष्ट संदेश दिया जाए कि रूस के साथ युद्ध खत्म होने के बाद कीव नाटो में शामिल कर लिया जाएगा. लेकिन इसपर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों को अब लगभग पूरी तरह अपने-अपने यहां से निकाल दिया है. भारत में बचे आखिरी चीनी पत्रकार का वीजा भी खत्म हो गया है. चीन ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार बताया है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत ने उनके पत्रकारों के साथ बरसों से अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है. उन्होंने कहा, "2017 में भारत ने बिना किसी वजह से चीन पत्रकारों की वीजा अवधि घटाकर तीन महीने और यहां तक कि एक महीने तक कर दी.”
जून 2020 के बाद से ही भारत और चीन के बीच रिश्तों में तनाव जारी है जबकि दोनों देशों के सैनिकों के बीच लद्दाख में हुई झड़प में कम से कम 20 भारतीय और चार चीनी जवान मारे गये थे. तब से दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 18 दौर की बातचीत हो चुकी है.