वाम युवाओं को कैसे अपने जैसा बनाता है, इसका एक उदाहरण---- "बैंग-बैंग" फिल्म है ।
मैं दावे से कहता हूँ कि जो लिख रहा हूँ आप उसे देखते हुए आगे बढ़ गए थे और गौर नही कर पाए होंगे। यही वाम की खासियत है।
#Thread
कभी सोचा है कि एक किस न करना कबसे स्वाभिमान का इश्यू हो गया कि कोई कह दे कि तूने अभी तक किस नही किया तो तू तो बिल्कुल बैकवर्ड है, गँवार है, पिछड़ी है?
सिर्फ लड़की ही नहीं लड़के को भी लपेट चुके हैं। क्या तूने आज तक एक लड़की नहीं पटाई?
यही तो लाइफ है। अब नहीं करेंगे तो कब करेंगे?
भाँड़ों से कह दो कि आप समाज खराब कर रहे हैं तो कह देंगे कि हम तो समाज का आईना होते हैं। जबकि आप खुद बताए कि समाज ऐसा पहले था या इनके आने के बाद हुआ??
आप को पहले समझना होगा कि जिसे आप आज की आधुनिकता समझ रहे हैं वो वाम संस्कृति है जो आप की संस्कृति पर भारी पड़ चुकी है।
आधुनिक तो सब संस्कृति होती जाती हैं। इसे समझे बिना हिंदुत्व की जीत ऐसे ही नही होगी।
वाया :- आशुतोष सिंह जी ।