गैंगस्टर संजय दत्त से मिलने उसका पुलिस दोस्त(दीपक तिजोरी) उसके घर जाता हैं।
पुलिस वाला संजय दत्त को समझाता हैं, वो अपराध की दुनिया छोड़ दे। नही तो एक दिन पकडा जाएगा या एनकाउंटर में मारा जाएगा।
ये पुलिसवाले ??
जो मेरे सामने कुत्ते की तरह दुम हिलाए घर के दरवाजे पर खड़े रहते हैं।
जब तक इन भृष्ट नेताओं हाथ तुम पर हैं तब तक तुम पुलिस से दूर हो।
उस दिन यही कुत्तो की तरह पूँछ हिलाने वाली पुलिस तुम्हें कुत्तों की तरह दौड़ा- दौड़ाकर मारेगी।
वास्तव फ़िल्म का यह डायलॉग वर्तमान घटनाक्रम विकास दुबे पर बिल्कुल सटीक बैठता हैं।
..चंद पुलिस वालों की वजह से सम्पूर्ण पुलिस महकमे को ही कुत्ता समझ लिया था।
लेकिन निष्ठावान नेता योगी के आते ही यही यूपी पुलिस जाँबाज, निर्भीक बन गई।
कल भी यही यूपी पुलिस थी जो अपराधियो को ढूंढने की बजाए नेताओ की भैंसे ढूंढा करती थी।
ये वही यूपी पुलिस थी जो अंसारी, विकास जैसे बाहुबलियों के आगे मजबूर दुम हिलाया करती थी।
कलेक्टर को जूते की नोंक में रखने का दांवा करने वाला आजम खुद पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर रहा हैं।
अंसारी भीगी बिल्ली की तरह जेल में हैं।
विकास जैसे अपराधी डर के मारे छुपने के लिए यूपी से भाग रहे हैं।
यूपी पुलिस वही हैं फर्क सिर्फ इतना है कि अब #योगीसरकार हैं...
#शुभ #वंदन
#जयहिन्द