अट्टालिका पर एक रमणी अनमनी सी है अहो
किस वेदना के भार से संतप्त हो देवी कहो ?
धीरज धरो संसार में, किसके नहीं है दुर्दिन फिरे
हे राम! रक्षा कीजिए, अबला न भूतल पर गिरे।(2/13)
गोरी बैठी छत पर, कूदन को तैयार
नीचे पक्का फर्श है, भली करे करतार
भली करे करतार, न दे दे कोई धक्का
ऊपर मोटी नार, नीचे पतरे कक्का
कह काका कविराय, अरी मत आगे बढ़ना
उधर कूदना मेरे ऊपर मत गिर पड़ना। (3/13)
वो बरसों पुरानी ईमारत
शायद
आज कुछ गुफ्तगू करना चाहती थी
कई सदियों से
उसकी छत से कोई कूदा नहीं था।
और आज
उस
तंग हालात
परेशां
स्याह आँखों वाली
उस लड़की ने
ईमारत के सफ़े
जैसे खोल ही दिए
आज फिर कुछ बात होगी
सुना है ईमारत खुश बहुत है. (4/13)
किस उलझन से क्षुब्ध आज
निश्चय यह तुमने कर डाला
घर चौखट को छोड़ त्याग
चढ़ बैठी तुम चौथा माला
अभी समय है, जीवन सुरभित
पान करो इस का बाला
ऐसे कूद के मरने पर तो
नहीं मिलेगी मधुशाला (5/13)
रहिमन कभउँ न फांदिये, छत ऊपर दीवार
हल छूटे जो जन गिरि, फूटै और कपार (6/13)
छत चढ़ नारी उदासी कोप व्रत धारी
कूद ना जा री दुखीयारी
सैन्य समेत अबहिन आवत होइहैं रघुरारी (7/13)
कबीरा देखि दुःख आपने, कूदिंह छत से नार
तापे संकट ना कटे , खुले नरक का द्वार' (8/13)
ओ घमंड मंडिनी, अखंड खंड मंडिनी
वीरता विमंडिनी, प्रचंड चंड चंडिनी
सिंहनी की ठान से, आन बान शान से
मान से, गुमान से, तुम गिरो मकान से
तुम डगर डगर गिरो, तुम नगर नगर गिरो
तुम गिरो अगर गिरो, शत्रु पर मगर गिरो। (9/13)
हो न उदास रूपसी, तू मुस्काती जा
मौत में भी जिन्दगी के कुछ फूल खिलाती जा
जाना तो हर एक को है, एक दिन जहान से
जाते जाते मेरा, एक गीत गुनगुनाती जा (10/13)
हो न उदास रूपसी, तू मुस्काती जा
मौत में भी जिन्दगी के कुछ फूल खिलाती जा
जाना तो हर एक को है, एक दिन जहान से
जाते जाते मेरा, एक गीत गुनगुनाती जा (11/13)
कूद जा डार्लिंग क्या रखा है
जिंजर चाय बनाने में
यो यो की तो सीडी बज री
डिस्को में हरयाणे में
रोना धोना बंद कर
कर ले डांस हनी के गाने में
रॉक एंड रोल करेंगे कुड़िये
फार्म हाउस के तहखाने में.. (12/13)
चलो बाल तो सूख गए अब चल के नाश्ता कर लेती हूं..
#हिन्दी प्रेमियों के लिए (13/13)