निजीकरण को आसन भाषा में समझते हैं।
निजी बैंक में अच्छी सर्विस मिलती है, चलो मान लिया।
तो कुछ सवालों के जवाब दीजिए।
प्रश्न १: अच्छी सेवा होने के बाद भी, पीएसबी की तुलना में निजी बैंक में इतने कम ग्राहक क्यूँ हैं?
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प्रश्न ३: क्या आपका खाता निजी बैंक में है?
चलिए अब उतर तलाशते हैं।यदि आपका उत्तर मेरे उत्तर से भिन्न हैं तो कोमेंट में अपना प्रतिक्रिया दे सकते हैं२/n
उत्तर २: यदि सरकारी बैंक बंद कर के सभी ग्राहक का खाता निजी बैंकों में
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उत्तर ३: यदि आपका खाता निजी बैंक मैं है, और वो आपका सैलरी अकाउंट नहीं है तो फिर आपकी आर्थिक स्थिति अवश्य ही अच्छी है ४/n
इन सब सवाल जवाब का क्या निष्कर्ष निकलता है।
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➡️ निजी बैंक इसलिए अच्छी सेवा देना में सक्षम हैं, क्यूँकि उनके पास ग्राहकों की संख्या कम है।
➡️ सेवाएँ महँगी होने के कारण सीमित व्यक्ति ही निजी बैंक जाते हैं और सेवाएँ पाते हैं।
➡️ आम आदमी का निजी बैंक में खाता होना सम्भव नहीं।
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ना आप निजी बैंक में जा पायेंगे और ना ही निजी ट्रेन में। ना आप निजी अस्पताल में जा पायेंगे और ना ही आपके बच्चे निजी आईआईटी और आईटीआई में।
तो फिर आप सरकार से सवाल क्यूँ नहीं करते? किसके लिए हो रहा है ये निजीकरण? किसको फ़ायदा पहुँच रहा है? ७/n
बन जाइए भिड़ का हिस्सा, लगा दीजिए नारे। लेकिन आपके बच्चे बड़े होकर सवाल ज़रूर पूछेंगे, जब देश बिक रहा था तो आप क्या कर रहे थे?
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आप अगली पीढ़ी से नज़र मिला पायेंगे?
हे कलयुग के राम उठो, मैं तुम्हें जगाने आया हूँ।
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