इतिहास का पुनर्लेखन किया जाय ताकी हमारी अगली पिढी अपने महान इतिहास और अपने महान शासको के बारे मे विस्तृत जान सके @narendramodi@smritiirani@AmitShah
*अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत*
*भारत का अजेय सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड़*
वीर सावरकर जी हिंदुओं की दिग्विजय के विषय में कहते हैं कि :--
" साधारणत: सन 550 के बाद हिंदू राजाओं ने सिंधु नदी को विभिन्न मार्गों से लांघकर आज जिन्हें बलूचिस्तान , अफगानिस्तान , इराक,हिंदूकुश ,
गिलगित , कश्मीर इत्यादि कहा जाता है , और जो प्रदेश सम्राट अशोक के पश्चात वैदिक हिंदुओं के हाथ से यवन , शक , हूण आदि म्लेच्छों ने छीन कर लगभग 500 वर्ष तक अपने अधिकार में ले रखे थे ,
वे सिंधु नदी के पार के समस्त भारतीय साम्राज्य के प्रदेश उन सभी म्लेच्छ शत्रुओं को ध्वस्त करते
हुए वैदिक हिंदुओं ने फिर से प्राप्त कर लिए । एक समय ऐसा भी था ,, कि जब कश्मीर के उस पार मध्य एशिया के खेतान में भी हिंदू राज्य प्रस्थापित थे । इतिहासकारों के अनुसार गजनी में भी राजा शिलादित्य शासन करते थे
इतिहासकार स्मिथ ने भी यही कहा है :---
" उनका कथन है कि हिंदुओं के हाथों मिहिरकुल की पराजय तथा शक्ति के संपूर्ण विनाश के उपरांत लगभग 5 शताब्दी तक भारत ने विदेशी आक्रमणों से मुक्ति का अनुभव किया ।
भारत के राजाओं के विश्व विजयी अभियानों को बड़ी सावधानी से इतिहास से हटा दिया गया है । "
आइए ! अब इस अध्याय में हम ऐसे ही एक विश्व विजयी हिंदू सम्राट के बारे में विचार करते हैं जिसने विदेशी अरब आक्रांताओं को भारत की पवित्र भूमि से बाहर खदेड़ कर भारत की धर्म ध्वजा अरब और चीन सहित विश्व के बड़े भूभाग पर फहरायी थी।
यह ऐसा हिंदू वीर सम्राट था जिसके सामने विश्व विजेता
कहा जाने वाला सिकंदर भी कहीं नहीं टिक पाता ।
*भारत का यह सम्राट ही वास्तविक ' विश्व विजेता ' सम्राट कहे जाने योग्य है और इसका नाम था - ललितादित्य मुक्तापीड़ ।*🚩🚩
*ललितादित्य मुक्तापीड कश्मीर का वह राजा था , जिसके नाम को सुनकर ही अरबी और
तुर्क के आक्रमणकारियों की नींद उड़ जाती थी ,*
*और वे रात को शय्या पर सोते - सोते भी उछलकर पड़ते थे ।*
भारत के इतिहास की वीर परंपरा से आज हमारे लिए मां भारती का यह वीर पुत्र दृष्टि से ओझल कर दिया गया है ।
*हमारे इतिहास की पुस्तकों में कहीं पर भी उसका उल्लेख नहीं होता ।*
अपने ऐसे ही मां भारती के वीर सपूतों के बारे में वीर सावरकर ने मुसलमान लेखकों को उद्धृत करते हुए एक स्थान पर लिखा है :--
*" प्रबल हिंदू काफिरों के भय से हम अरबों के बाल - बच्चे , स्त्री-पुरुष जंगल - जंगल मारे फिरते हैं।*
*हमारे द्वारा जीते गए सिंध प्रांत के अधिकांश
भागों को पुनः जीतकर वहां हिंदुओं ने अपना राज्य स्थापित कर लिया है ।*
*हम निराश्रित अरबों के लिए 'अल्लाह फजाई 'नामक किला ही एकमात्र शरण का स्थल बचा है ।*
*अरबी झंडे के नीचे हमारे हाथ में केवल यही एक स्थान है ।*
*केवल राजकीय मोर्चे पर ही हम अरबों को धूल नहीं चाटनी पड़ी है ,*
*अपितु राजा दाहीर का कत्ल करने के पश्चात जिन हजारों हिंदुओं को 100 वर्ष के परिश्रम से हमने भ्रष्ट करके मुसलमान बनाया था और हिंदू स्त्रियों को दासी बनाकर मुसलमानों के घर - घर घुसेड़ रखा था , उस धार्मिक मोर्चे पर भी हमारी वैसी ही दुर्गति हुई है ,*
*हिंदुओं में उत्पन्न क्रांतिकारी
एवं प्रभावी आंदोलन के कारण इस्लाम द्वारा भ्रष्ट किए गए समस्त स्त्री पुरुषों ने फिर से अपना काफिर धर्म अपना लिया है। "*
हिंदू जाति के भीतर ऐसा गौरवबोध कब हुआ और किसके कारण हुआ ?
निसंदेह इसमें ललितादित्य मुक्तापीड़ जैसे हमारे विश्व विजेता सम्राटों का विशेष और प्रशंसनीय योगदान था।
*ललितादित्य मुक्तापीड कश्मीर के कर्कोटा वंश के हिन्दू सम्राट थे।*
ह्वेनसांग ने अपने यात्रा विवरणों में कश्मीर के तत्कालीन कर्कोटा राज्यवंश के संस्थापक राजा दुर्लभवर्धन का उल्लेख करते हुए बताया है कि वह एक शक्तिशाली राजा था और अपने राज्यारोहण के पश्चात उसने अपना राज्य
कश्मीर से काबुल तक विस्तृत कर लिया था ।
यद्यपि कन्नौज के शासक हर्षवर्धन के वर्चस्व को कश्मीर उस समय स्वीकार करता था ।
इसी राजवंश में चंद्रपीड़ नामक शासक हुआ।
इसके बारे मे फिर कभी लिखता हू।
जय हिंद
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हे भारतातील राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या हिंदुत्ववादी-राष्ट्रवादी संघटनेचे संस्थापक होते.
डाँ. केशव बळीराम हेडगेवार यांचा जन्म चैत्र शुद्ध प्रतिपदेला एप्रिल १ सन इ.स. १८८९ मध्ये महाराष्ट्र आणि
आंध्र प्रदेश च्या मधल्या बोधाण तालुक्यातील कुंदाकृती गावात झाला.
हेडगेवारांचे शिक्षण त्यांच्या मोठ्या भावाने केले.मॅट्रिक पास झाल्या नंतर, इ.स. १९१० साली ते चिकित्सा शिक्षण घेण्या साठी ते कोलकात्ताला गेले. तरुणपणात सशस्त्र क्रांतीत सहभाग घेतलेला. शाळेत असताना त्यांनी
व्हिक्टोरिया राणीच्या राज्यारोहणाला ६० वर्षे पूर्ण झाल्याबद्दल वाटण्यात आलेली मिठाई रागाने फेकून दिली होती. तसेच पुढे ‘वंदे मातरम्’ चा घोष केल्याबद्दल त्यांना शाळेतून काढून टाकण्यात आले होते. बंगालमधील प्रत्यक्ष क्रांतिकार्यात सहभाग घेता यावा यासाठी त्यांनी आपले उच्चशिक्षण
यूपी के सीएम योगी जी का वो सच, जो बहुत कम लोग जानते हैं???
भयंकर रुप, जिसने पूरी भाजपा को हिलकर रख दिया????
बात अक्टूबर 2005 की है, एक UP का माफिया था। जिसका नाम मुख़्तार अंसारी था।वो खुली जीप में हथियार लहराते.महू में साम्प्रदायिक दंगा करवा रहा था।
3 दिन तक मौत का तांडव महू में मुख्तार करता रहा,उस वक़्त UP का CM मुलायम सिंह यादव था।और वो कई दफ़ा ये भी बोल चुका था कि
"मुझसे बड़ा गुंडा इस UP में नही है..." ये बात वो सिंर्फ़ योगी जी के लिये बोलता था।
जब दंगे को का तीसरा दिन था तो प्रशासन
काँग्रेस सत्तेवर आली की कृषीविषयक कायदे केराच्या टोपलीत टाकू..राहुल गांधी..
याला निवडणूक जिंकायचीच नाहीये. इतका बिनडोक माणूस काँग्रेसचा नंबर वन नेता आहे ही देशाच्या दृष्टीने खूप चांगली गोष्ट आहे.
त्याहूनही चांगली गोष्ट ही आहे की इतर विरोधी पक्ष दरवर्षी हा सुधारेल म्हणून लाळ गाळत याच्या मागे फिरत असतात.त्यात आता शिवसेनेची भर पडली आहे ही महाराष्ट्रातील जनतेच्या दृष्टीने अत्यंत सकारात्मक गोष्ट आहे. चार चोंगे उठून सोशल मीडियावर दंगा करतात म्हणून परसेप्शन तयार होत नसते.
फायदा झालेले शेतकरी निवडणुकीत कोणाला मत देणार ते मोदींना माहितीय. गरीब जनतेची नस कळते त्यांना.२०१९ च्या निवडणुकीतसुद्धा हेच घडले होते...लोकांना चक्कर आली जेंव्हा भाजपला ३०३ सीट्स मिळाल्या..@sachin_inc
गेल्या काही दिवसापासुन हाथरस मधील मुलीची धिंड ह्या मुर्ख मिडियावाल्यांनी व गाणी गात हसत खेळत राजकिय पर्यटन करणाऱ्या नेत्यांनी काढली आहे. व ही लाजिरवाणी दृष्य जबरदस्ती पहावी लागत आहेत.
हे येवढे मोठे पत्रकार आहेत पण FIR दाखल करायला गेलेली
मुलगी व तिच्या भावाने लिहुन दिलेली जबानी पाहायचे कष्ट कोणी घेतले नाहीत. तेथुन अलीगड येथील हॉस्पिटलचा मेडिकल रिपोर्ट कोणी पाहिला नाही. पाहिला नाही हे खरे नाही ह्यांना पहिल्या दिवसापासुन हे माहित होते पण तेंव्हा ती मुलगी चांगली होती त्यामुळे घटना घडली
ती 14 तारखे पासुन ती मुलगी क्रिटिकल झाली नाही तो पर्यंत हे सगळे गप्प बसले होते.
अलिगडहुन मुलगी जास्त क्रिटिकल झाली म्हणुन तिला सफदरजंग हॉस्पिटल दिल्ली येथे हलवले. तेंव्हा रक्ताचा वास यावा तसा ह्या राजकारणी लोकांना वास आला. व हल्ली सगळी मिडिया ही पक्षीय पातळीवर पोहचली आहे.
*'राणी पद्मिनी(पद्मावती)चा खरा इतिहास'* सुलतानी परंपरेप्रमाणे आपला काका, सासरा आणि दिल्लीच्या गादीवरील खिलजी वंशाचा संस्थापक असणार्या जलालुद्दिन खिलजीचा कपटाने आणि अतिशय क्रूरपणे खून करुन,त्याचे मुंडके भाल्याच्या टोकात खूपसून पूर्ण सैन्यातून मिरवून,त्यानंतर आपले भाऊ व साल्यांचे
मुडदे पाडून 21/10/1296 रोजी अल्लाउद्दीन खिलजी दिल्लीपति झाला.सत्तेसाठीचा रक्तपात आटोपून अल्लाउद्दिनने भारतातील इतर राज्यांवर आक्रमण करुन लूट मिळवण्याचे सत्र सुरु केले.चित्तोड(इ.स1303) ,गुजरात(1304), रणथंबोर(1305),मालवा(1305),सिवाना
1308,देवगिरी(1308),वारंगल(1310), जलोर(1311),
द्वारसमुद्र(1311)आदि राज्यांवर आक्रमणे करुन अल्लाउद्दिनने परमार, वाघेला, चामहान(चौहान) ,यादव,काकाटीय,होयसाळ,पांड्य आदि साम्राज्ये उद्ध्वस्त केली. हजारोंचा नरसंहार केला,लाखोंचे धर्मपरिवर्तन केले,कोट्यवधींच्या संपत्ती व हत्ती-घोड्यांची लूट केली आणि आमच्या अगणित माताभगिनींचा
सेकुलर लिबरल गैंग की घ्राण शक्ति बहुत मजबूत है । वे आसन्न खतरों को पहचान लेते हैं । सोनिया -अहमद पटेल -येचुरी- राजदीप सरदेसाई- सागरिका घोष ने वर्ष 2000 में भांप लिया था कि उनके सत्तर साल पुराने इको सिस्टम को नरेन्द्र मोदी ध्वस्त कर देगा
क्योंकि वह स्थापित राजनैतिक धारा के विपरित चलने वाला है । वह परिवार से दूर है ,घोर हिंदूवादी है ,प्रचंड इमानदार है। उसे रोकने का मौका मिला 2002 के दंगों में ।क्या क्या कुचक्र नहीं रचे गए , तत्कालीन गृहमंत्री को तो जेल में बंद किया ही गया ,इशरत जहां एनकाउंटर केस में
IPS बंजारा सहित SIT की सारी टीम को सस्पेंड कर दिया गया। और CBI ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में सात सात घंटे बेंच पर बिठा कर रखा गया । राणा अय्यूब ने वाशिंगटन पोस्ट में Butcher of Gujarat नामक लेख लिखा और गुजरात फाइल्स नामक किताब लिखी।