थ्रेड...

रावण का बखान (किसी को उसकी बहन बनना है तो किसी को पत्नी तो कोई उसकी विद्वता से मोहित है तो कोई उसके अजेय होने के दम्भ से)

आजकल की लाइफ लाइन सोशल मीडिया पर ऐसा ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है। भावनाओं का ज्वार उफान पर है और कारण सिर्फ हिंदुओं के नामधारी सेक्युलरों की
हिंदुओं को अपमानित करने की नीच मानसिकता ही है।

बुद्धिजीवियों द्वारा महिमामंडन का कारण व गलतफहमी सुनिये...

....इसलिए कि उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं ?

अरे भाई ! माता सीता को नहीं छूने का कारण उसकी भलमनसाहत नहीं, बल्कि कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया श्राप था कि
यदि किसी स्त्री को उसकी इच्छा विरुद्ध छुआ, तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे।

....इसलिए कि अपनी बहन के अपमान के लिये पूरा कुल दाँव पर लगा दिया? जी हाँ ! ... ये भी ठीक।

नए बुद्धिजीवी लोग ये कहानी सुनाने बैठ जाते हैं कि एक माँ अपनी बेटी से ये पूछती है
कि तुम्हें कैसा भाई चाहिये ?

बेटी का जवाब होता है...रावण जैसा....जो अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दे।

भद्रजनों ! ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

रावण की बहन सूर्पणखां के पति का नाम विद्युतजिव्ह था, जो राजा कालकेय का सेनापति था। जब रावण तीनो लोकों पर विजय
प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध कालकेय से भी हुआ, जिसमें उसने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया, तब सूर्पणखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि, तेरे सर्वनाश का कारण मैं बनूँगी।

...इसलिए कि कोई कहता है कि रावण अजेय था।

जी नहीं.. देवाधिदेव शिव व प्रभु श्रीराम के अलावा उसे वानर राज बाली
, कर्त्यवीर्य अर्जुन, असुराज शंभर, दैत्यराज बलि ने भी हराया था।

...इसलिए कि वो एक प्रकांड पंडित था ? जी हाँ था तो ....

रावण का विद्वान होना उसे किसी भी कुकर्म करने को अधिकृत करता है क्या ? जो व्यक्ति अपने ज्ञान को यथार्थ जीवन में लागू ना करे, वो ज्ञान विनाशकारी होता है।
रावण ने अनेक ऋषि मुनियों का वध किया,अनेक यज्ञ ध्वंस किये, ना जाने कितनी स्त्रियों का अपहरण किया। यहाँ तक कि स्वर्ग लोक की अप्सरा 'रंभा' को भी नहीं छोड़ा जो उसकी बहू थी।

एक गरीब ब्राह्मणी 'वेदवती' के रूप से प्रभावित होकर जब वो उसे बालों से घसीट कर ले जाने लगा तो वेदवती ने
आत्मदाह कर लिया, और वो उसे श्राप दे गई कि तेरा विनाश एक स्त्री के कारण ही होगा।

खैर रावण का बखान करने वाले #राम शब्द का शाब्दिक अर्थ भी नहीं जानते होंगे।

प्रभु श्रीराम ने किसी ऐसे रावण का वध नहीं किया था जो विद्वान था, शास्त्रों का ज्ञाता था और अपने राज्य की भलाई के
बारे में सोचता था।

प्रभु श्रीराम ने ऐसे रावण का वध किया था जो स्त्रियों का सम्मान नहीं करता था, उनके साथ दुर्व्यवहार करता था और बलपूर्वक अपनी बात मनवाता था।

जरुरी है अपने हृदय में राम को जिन्दा रखना क्योंकि सिर्फ पुतले जलाने से रावण नहीं मरा करते।
विधर्मीयों द्वारा फैलाई गई बातों पर न जायें।

🚩जय श्री राम 🚩

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with गुलशन तनेजा (शिवा)

गुलशन तनेजा (शिवा) Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Gul_Arora5

27 Oct
थ्रेड...

27 अक्तुबर

#बन्दा_बैरागी_जी का जन्म दिवस पर शत-शत नमन

बन्दा बैरागी का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को ग्राम तच्छल किला, पुंछ में श्री रामदेव के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। युवावस्था में शिकार खेलते समय उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया। Image
इससे उसके पेट से एक शिशु निकला और तड़पकर वहीं मर गया। यह देखकर उनका मन खिन्न हो गया। उन्होंने अपना नाम माधोदास रख लिया और घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर चल दिये। अनेक साधुओं से योग साधना सीखी और फिर नान्देड़ में कुटिया बनाकर रहने लगे।
इसी दौरान गुरु गोविन्दसिंह जी माधोदास की कुटिया में आये। उनके चारों पुत्र बलिदान हो चुके थे। उन्होंने इस कठिन समय में माधोदास से वैराग्य छोड़कर देश में व्याप्त मुस्लिम आतंक से जूझने को कहा।

इस भेंट से माधोदास का जीवन बदल गया। गुरुजी ने उसे बन्दा बहादुर नाम दिया। फिर पाँच तीर,
Read 11 tweets
26 Oct
Must read थ्रेड...

पहचानिए इस हस्ती को, वृंदावन में करीब 54 एकड़ परिसर में साध्वी ऋतंभरा जी का 'वात्सल्य ग्राम' आश्रम है।
आश्रम के विशाल दरवाजे के बाईं ओर एक पालना है, जहां कोई भी व्यक्ति, किसी भी समय अनचहा या अनाथ शिशु को रखकर जा सकता है। Image
पालने में बच्चा छोड़कर जाने वाले व्यक्ति को आश्रम से संबंधित सदस्य किसी भी प्रकार का प्रश्‍न नहीं पूछता। पालने में कोई बच्चा रखते ही पालने पर लगा सेंसर आश्रम के व्यवस्थापन को इसकी सूचना देता है और आश्रम का कोई अधिकारी आकर उस बच्चे को आश्रम ले आता है।
आश्रम में प्रवेश होते ही वह बच्चा वात्सल्य ग्राम परिवार का सदस्य हो जाता है। अब वह वह अनाथ नहीं कहलाता, उसे आश्रम में ही माँ, मौसी, दादा-दादी; सब रिश्तेदार मिल जाते हैं !

इसके बाद सीबीएसई की पढ़ाई ....प्राकृतिक चिकत्सा .... योग..
Read 4 tweets
26 Oct
थ्रेड...

आज हम जिस दुनिया में रहते हैं ये मोटे तौर पर फ्रांस की ही बनाई हुई दुनिया है। लिबरलिज्म (असली वाला), मानवाधिकार, सेक्युलरिज्म (असली वाला), लेफ्ट-राइट, लोकतंत्र, समेत जिन नागरिक अधिकारों और आदर्शों को हम जानते हैं ये सब फ्रांस की महान क्रांति से ही दुनिया को मिले हैं।
फ्रांस की महान क्रांति जिसके चार्टर को विश्व के पहले लोकतांत्रिक देश अमेरिका ने अपने संविधान का आधार बनाया।

लेकिन पिछले कुछ दिनों इस्लामिक चरमपंथ का सामना कर रहा फ्रांस आज खुलकर इसके खिलाफ खड़ा है। अपनी महान विरासत, सेक्युलरिज्म या लिबरलिज्म के बोझ में फ्रांस दबा नहीं जा रहा
। जिस कार्टून की वजह से चार्ली हब्दों में आतंकी हमला हुआ या सैम्युल पैटी की जिस कारण हत्या हुई फ्रांस ने वो कार्टून अपने सरकारी बिल्डिंगों पर लगा दिये हैं।

वहां नाथूराम गोडसे, संघ या सावरकर को गाली देने के नाम पर चरमपंथ पाला नहीं जा रहा।
Read 7 tweets
23 Oct
स्कंदगुप्त... गौरवशाली इतिहास जो छुपाया गया...

थ्रेड... अवश्य पढ़ें

दुनियाँ उन्हें पुकारती थी......

#हूण

"""""""""" " The wrath of God " """""""""""""""

"""""""""""""" "खुदा का कहर " """"""""""""""""""'

भारत

455 ई.....
भारत अपने " स्वर्ण युग के वैभव " का आनंद उठा रहा था। पर शेष विश्व ?...

शेष विश्व उस समय आतंक से थरथरा रहा था ....

-----

वे अपने नमदे के तंबुओं के चलते फिरते शहर 'ओरदुओं में रहते थे।

वे दुश्मन की खोपडियाँ अपने तंबू में ट्रॉफियों की तरह सजाते थे।

वे
घोडी के दूध से बनी शराब 'कूमिस' अपने दुश्मन की खोपड़ी में पीते थे।

वे आतताइयों के जिंदगी को कीडे मकोडे से ज्यादा कुछ नहीं समझते थे।

वे अपने घोड़ों पर ही सोते जागते हुए जहाँ से भी गुजरते खून की नदियाँ बह निकलतीं थीं और आग का समंदर लहराने लगता था।
Read 25 tweets
22 Oct
थ्रेड... Must read

कल अफगानिस्तान के जलालाबाद में पाकिस्तान का वीजा लेने के लिए अफगानी लोग स्टेडियम में जुटे थे भगदड़ मच गई और 12 लोगों की दबकर मौत हो गई

दरअसल अफगानिस्तान के लोग अपनी रोजमर्रा की खरीदी के लिए पाकिस्तान का वीजा लेते हैं
पाकिस्तान उन्हें 3 महीने का मल्टीपल एंट्री वीजा देता है और अफगानिस्तान के लोग अपनी छोटी से छोटी चीजों की खरीदारी के लिए भी पाकिस्तान पर निर्भर है क्योंकि लाखों अफगानी पाकिस्तान का वीजा लेते हैं इसलिए पाकिस्तान एक बड़े से स्टेडियम में वीजा कैंप लगाता है
1986 तक अफगानिस्तान एशिया के सबसे ज्यादा विकास करता हुआ देश था, बेहद आधुनिक था बॉलीवुड की तमाम फिल्मों की शूटिंग अफगानिस्तान में होती थी जिसमें अंतिम फिल्म अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी की खुदा गवाह है जो अफगानिस्तान में शूट की गई थी
Read 6 tweets
22 Oct
थ्रेड...

कमर दर्द , सरवाइकल और चारपाई हमारे पूर्वज बैज्ञानिक थे।
सोने के लिए खाट हमारे पूर्वजों की सर्वोत्तम खोज है। हमारे पूर्वजों को क्या लकड़ी को चीरना नहीं जानते थे ? वे भी लकड़ी चीरकर उसकी पट्टियाँ बनाकर डबल बेड बना सकते थे।
डबल बेड बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। लकड़ी की पट्टियों में कीलें ही ठोंकनी होती हैं। चारपाई भी भले कोई साइंस नहीं है , लेकिन एक समझदारी है कि कैसे शरीर को अधिक आराम मिल सके। चारपाई बनाना एक कला है। उसे रस्सी से बुनना पड़ता है और उसमें दिमाग और श्रम लगता है।
जब हम सोते हैं , तब सिर और पांव के मुकाबले पेट को अधिक खून की जरूरत होती है ; क्योंकि रात हो या दोपहर में लोग अक्सर खाने के बाद ही सोते हैं। पेट को पाचनक्रिया के लिए अधिक खून की जरूरत होती है। इसलिए सोते समय चारपाई की जोली ही इस स्वास्थ का लाभ पहुंचा सकती है।
Read 9 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!