अहमद शाह अब्दाली का साथ दिया था आला सिंह ने जिसने लाखों सिक्खों का क़त्लेआम किया....❗️
जिसके एवज में अब्दाली ने इनको 300 गाँव भेंट में दिए थे जिससे नींव पड़ी पटियाला स्टेट की.....
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इन्ही की पीढ़ी में आगे चल के महाराजा ऑफ पटियाला हुए भूपेंद्र सिंह...
इनका नाम इतिहास में हुवा जलियांवाला कांड को मूक सहमति देने के कारण....इन्होंने जनरल डायर को लेटर लिख के जलियावाला कांड को ब्रिटिश की तरफ़ से सही उठाया गया कदम माना था ..जिसके एवज में इनको भी ब्रिटिश सरकार ने पैसा शौहरत और कई उपाधियों से नवाजा था........❗️
इन्ही भूपेंद्र सिंह के पोते है कैप्टन अमरिंदर सिंह..अंतर बस इतना है कि इनके दादा अंग्रेजो की चाटते थे ये इटेलियन की...अभी दो दिन पहले हरियाणा सीएम खट्टर जी ने फोन पे इनसे बात की इन्होंने बोला "खट्टर तू अपना राज्य संभाल मुझे नसीहत मत दे"....एक्जेक्टली सेम वर्ड.....
कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने पूर्वजों द्वारा सिखों के खिलाफ किए गए पापों का जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूर्वज पहले अहमद शाह अब्दाली के साथ मिल गए। उसके बाद अंग्रेजों के साथ मिलकर महाराजा रंजीत सिंह के खिलाफ हो गए थे।
इतना ही नहीं 100 साल पहले जब जलियांवाला बाग में सैकड़ों निर्दोष लोगों का खून पाया गया, तब कैप्टन के पुरखों ने सरकारी टेलीग्राम के जरिए अमृतसर में जनरल डायर को बधाई भेजी थी। अब कैप्टन के लिए भागने की कोई जगह नहीं बची है।
उन्हें सिख कौम को बताना चाहिए कि उन्होंने अपने पूर्वजों के पापों के लिए माफी क्यों नहीं मांगी।
नीरव मोदी 1200 करोड़ जिस बैंक का लेके भागा है वो है पंजाब नेशनल बैंक ...और इसमें एक नाम और सामने आया था जिसने इसकी मदद की थी फंड दिलाने में गुरपाल सिंह का जो कि सुपुत्र है
कैप्टन अमरिंदर सिंह के ....अभी कुछ समय पहले सीबीआई ने 109 करोड़ के ओरिएंटल बैंक के एक और घोटाले को लेके केस फ़ाइल किया है गुरपाल सिंह पर...गुरपाल सिंह निदेशक है सम्भल सुगर मिल का...और आश्चर्य होगा ये जान के इस गुरपाल सिंह की सबसे ज्यादा सुगर फैक्ट्री यूपी में है..
और इस नए किसान बिल के आ जाने से इन जैसों की दुकानें अब बन्द के कगार पर है....ख़ासकर यूपी में
इस देश मे किसानो का दोहन करने वाला एक पैरलल माफिया सिंडिकेट चलता है जिसे लीड करते है ये अकालीदल वाले और गुरपाल सिंह जैसे लोग.....
अमरिंदर सिंह, अकालीदल और इन खालिस्तानी के बीच बने ट्रायंगल को लगता है वो कुछ उखाड़ लेंगे तो बहुत बड़ी खुशफ़हमी है इनको.... क्योंकि वो तटस्थ है नाम है
"नरेन्द्र दामोदरदास मोदी"....
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कोई अगर पूछे की Modi ने 2022 तक "किसानों" की आय दोगुनी करने के लिए क्या क्या प्रयास किये ...
- जनधन एकाउंट्स
- उन्नत भारत अभियान
- फसलों का MSP बढाया
- किसान सम्मान निधि से ₹6,000
- फसल बीमा योजना
- MGNREGA में ज्यादा वेतनमान
- किसान क्रेडिट कार्ड
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर
- नीम कोटेड यूरिया
- शौचालय एवं गैस सिलिंडर
- eNAM की सुविधा
- बिजली और पानी की व्यवस्था
- सॉइल हेल्थ कार्ड
- 37 मेगा फ़ूड पार्क्स
- 297 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट्स
- किसान Train
- आयुष्मान भारत मेडिकल बीमा
- गाव में ऑप्टिकल फाइबर
- ग्राम आवास योजना PMAY
- ग्राम सड़क योजना
- पीएम कुसुम योजना
- पर ड्रॉप मोर क्रॉप - माइक्रो इरीगेशन
- किसान पेंशन योजना
- कृषि सिंचाई योजना
- परंपरागत कृषि विकास योजना
- वन Nation वन Ration Card
- बिचौलिया मुक्त नया किसान बिल
- 'स्वामित्व', प्रॉपर्टी कार्ड स्कीम
एक कोशिश #FarmBills2020 समझाने की
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किसी गाँव में बाहर जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था. उस रास्ते पर एक पहलवान लट्ठ लेकर बैठा रहता था. वो हर आने जाने-वालों से कमीशन लेता था.
कुछ समय बाद गाँव का प्रधान बदल गया औऱ नये प्रधान ने बाहर जाने का एक नया रास्ता और बनवा दिया, जिस पर कोई लट्ठधारी पहलवान नहीं था.
कुछ गाँव वाले प्रधान के इस नए मार्ग का विरोध करने लगे तो प्रधान जी ने स्पष्ट कर दिया कि... "मैंने सिर्फ नया रास्ता बनवाया है, लेकिन पुराना बंद नहीं किया है.
अब गाँव वालों को फैसला करना है कि उनको लट्ठ खा कर आना-जाना है या बिना लट्ठ खाये."
क्या आप जानते हैं कि नए कृषि कानून में ऐसा क्या है जो पुराने कानून में नही था.......❗️
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पहले किसान अपनी उपज मंडी , ( मंडी समिति य्या APMC ) में बेचने के लिये बाध्य था ।
मने मंडी की चारदीवारी के बाहर उपज बेचना ग़ैरकानूनी था ।
मंडी में अपनी उपज बेचने पे किसान को 8.5% tax देना पड़ता था ।
इसमे से लगभग 2.5%मंडी में बैठे आढ़तियों बिचौलियों की जेब मे जाता था और शेष 6% मंडी समिति और राज्य सरकार की जेब मे ।
पंजाब जैसे राज्य में यदि 2 लाख करोड़ रु की फसल खरीदी जाती थी तो उसमें से लगभग 17000 करोड़ रु आढ़तिये, बिचौलिए, मंडी समिति और राज्यसरकार ले जाती थी और ये 17000 करोड़ रु किसकी जेब से जाता था❓❓❓
भारत के न्याय तंत्र में वामपंथियों और कट्टरपंथी मुस्लिमों की घुसपैठ किस कदर हो गई है सोचिए....
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भारत की अदालतें सिर्फ उन्हीं मामलों का सुओ मोटो लेती हैं
जिन मामलों में मुस्लिम पीड़ित हो और यदि हिंदू दलित पीड़ित होते हैं तब उन्हीं मामलों में Suo-moto लेती है जिसमें आरोपी जनरल क्लास के हिंदू हो❗️
यदि किसी दलित पर मुस्लिम ने अत्याचार किया है तब उन मामलों में वह कभी suo-moto नहीं लेते❗️
उत्तर प्रदेश में एक ही दिन 2 घटनाएं हुई ...एक बलरामपुर में एक हाथरस में ..हाथरस की घटना पूरी तरह से संदिग्ध है क्योंकि परिवार ने 8 दिनों के बाद बलात्कार होना बताया गया और मेडिकल रिपोर्ट में और यहां तक की डॉक्टरों ने भी बताया कि उनके पास बलात्कार की कोई पुष्टि नहीं है❗️❗️
डा. राजकुमारी बंसल या नकली भाभी को हम लोग हँसी में ले रहे हैं लेकिन यह है बहुत गभ्भीर विषय...🙏🙏🙏🙏
यह नक्सल, अर्बन नक्सल, वामपंथ और कांग्रेस का पुरा नेक्सस है जो ऊपर से देश में कांग्रेस के लिए वौद्धिक और सैनिक रुप से काम करता है.. इसके पास लुटा हुआ धन है समर्पित लेखक पत्रकार,
ब्यूरोक्रट्स जज और वकील हैं विशेष रुप से मुस्लिम जो सभी जगह बिरजमान हैं । अटल सरकार के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तब सोनिया के नेतृत्व में इन लोंगो ने अपना काम करना शुरु किया और दूसरे कार्यकाल में तो इन्होने सभी संवेदनशील जगहों तक पर अपने आदमी बैठा दिए ।
दुर्भाग्य से मोदी प्रथम कार्यकाल से ही शिक्षा विधि और कार्मिक मंत्रालय किसी शातिर मंत्री के हाथ में नही रहा ।
कोरेगाँव के बाद दिल्ली हाथरस यह सब कोरेगाँव की ही तर्ज पर किए गए हैं एकदम सुनियोजित धन और बुद्धि का अनुठा समिश्रण है इनमें.. ❗️
हम सभी प्राचीन मिस्र के महान पिरामिड के बारे में जानते हैं।
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हममें से कितने लोग प्राचीन भारत के महान पिरामिड के बारे में जानते हैं?
बरेली, जिसे पहले अहिछत्र के रूप में जाना जाता था, का उल्लेख महाभारत में द्रौपद के राज्य पांचाल की राजधानी के रूप में किया गया था।
बाद में इसे अर्जुन ने जीत लिया और द्रोण को दे दिया। द्रुपद को अपनी राजधानी को दक्षिणी पांचला में कंपिलिया में स्थानांतरित करना पड़ा। अहिच्छत्र एक महान शहर के रूप में वर्णित किया गया था
बरेली में उत्खनन से एक विशाल पिरामिड के रूप में एक विशाल प्राचीन मंदिर का पता चला है।
इसके अलावा खंडहर 22 मीटर ऊंचाई (तुलना के लिए, काबा 13 मीटर है) और शीर्ष पर एक लिंग है। साइट 187 हेक्टेयर है। तुलना करके, रोमन युग का लंदन सिर्फ 140 हेक्टेयर था
यदि १२ वीं शताब्दी में जिहादी आक्रमणकारियों द्वारा इसके विनाश के बाद भी ईंट मंदिर खंडहर इतना विशाल है,