अगर धर्म और भगवान में से एक चुनना पडे़ तो किसको चुनेंगे? इसपर गीतावली से गोस्वामी तुलसीदास का यह पद:

सुनहु राम मेरे प्रानपियारे।
वारों सत्य बचन श्रुति-सम्मत, जाते हौं बिछुरत चरन तिहारे ॥१॥
1/
भावार्थ: [भगवान् रामके मुखसे वनगमनका प्रस्ताव सुन माता कौसल्या कहने लगीं-] "मेरे प्राणधार राम ! सुनो, जिनके कारण तुम्हारे चरणोंका वियोग होता हो, उन श्रुतिसम्मत सत्य वचनोंको मैं तुम्हारे ऊपर निछावर करती हूँ॥१॥
2/
बिनु प्रयास सब साधनको फल प्रभु पायो, सो तो नाहिं संभारे।
हरि तजि घरमसील भयो चाहत, नृपति नारि बस सरबस हारे ॥२॥
3/
भावार्थ: जो सारे साधनोंका फल है, उस प्रभु को अनायास ही प्राप्त कर लिया। फिर भी उसकी तो संभाल की नहीं, अब श्रीहरिको त्याग कर धर्मशील होने चले हैं। हाय ! राजाने स्त्रीके वशीभूत होकर अपना सर्वस्व हार दिया ॥२॥
4/
रुचिर कांचमनि देखि मूढ़ ज्यों करतलते चितामनि डारे ।
मुनि-लोचन-चकोर-ससि राघव,सिव-जीवनधन,सोउ न बिचारे॥३॥
5/
भावार्थ: जैसे मूढ़ पुरुष सुन्दर कांचमणि देखकर हाथसे चिन्तामणि गिरा देता है । 'राम मुनीश्वरोंके नेत्ररूप चकोरोंके लिये चन्द्रमा हैं और साक्षात् श्रीशंकरके प्राणसर्वस्त्र हैं।' राजाने तो इस बातका भी विचार नहीं किया ॥ ३॥
6/
जद्यपि नाथ तात ! मायाबस सुखनिधान सुत तुम्हहि बिसारे ।
तदपि हमहि त्यागह जनि रघुपति, दीनबन्धु, दयालु मेरे बारे ॥४॥
5/
भावार्थ: हे तात ! यद्यपि स्वामी ने माया के वशीभूत होकर ही अपने सुखनिधान पुत्र तुम्हें त्याग दिया है, तथापि हे दीनबन्धु, हे दयामय, हे मेरे लाल रघुनन्दन ! तुम हमें तो मत छेड़ो" ॥ ४ ॥
6/
अतिसय प्रति बिनीत बचन सुनि, प्रभु कोमल चित चलत न पारे।
तुलसिदास जी रहौं मातु-हित, को सुर-विप्र-भूमि-भय टारे? ॥५॥
7/
भावार्थ: तुलसीदास कहते हैं, माता के ये अतिशय प्रीति और विनययुक्त वचन सुनकर कोमलहृदय भगवान् राम वहाँ से चल न सके औ सोचने लगे--ऽ यदि मैं माता का प्रिय करने के लिये यहीं रह जाउँ तो देवता, ब्राह्मण और पृथ्वी का भय कौन दूर करेगा।
8/8

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with हिरण्यरेता

हिरण्यरेता Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @Hiranyareta

10 Mar
इस हिंदूओं को ठगने वाली "मुँह में राम दिल में अल्ला/जेहोवा" विधा को राजनीति में लानेवाला गाँधी था।
Pushtimarg Vaishnavism mein aisa maante hain kya ki Bhagwan Ka Avatar nahin hota, Ishwar Avatar leta hai yah human mind ki imagination hai aur Ram Ravana se bade Rakashas the?

Lol! Kya Bhai, Ab Sekoolar-Savarna propaganda ko bhee counter karna padega, wo bhee aap jaison se?

Read 21 tweets
9 Mar
पहले गाँवो में बियाह-कटवा होते थे जो लड़के या लड़की के बारे में कुछ झूठ लड़की या लड़के वाले को बताकर शादी कटवा देते थे। मेरे गाँव एक चाचा की बारात जब गयी तो वहाँ लड़की के घर वाले बिना द्वार-पूजा हुये ही दूल्हे को घर के अन्दर ले गये यह कहकर उनके यहाँ ऐसी ही परम्परा है।
1/
उनको एक कमरे में ले जाकर बैठा दिया गया। फिर नाउन (नाई की स्त्री) आयी और उनका नाडा़ खोलने लगी। वो हड़बडा़ गये और बोले ये क्या कर रही हो? तब वो बोली की आप के बारे में खबर आयी है कि आपके पास बन्दूक नही है और आप हिजडे़ हैं। तो अगर आप जाँचने नहीं देंगे तो यह विवाह नहीं हो पायेगा☺️
2/
तब उन्होने कहा कि जब ये बात है तो अच्छी तरह से जाँच कर लो और अपना पाजामा खोल दिया।
तो वैसा ही कुछ सिस्टम यहाँ भी होना चाहिये।
3/
Read 4 tweets
8 Mar
In fact, it's exactly the opposite. Here superiority of Gyankanda (Upanishad) over Upasana Kanda and Karmakanda is being stated as a Siddhanta of Smarta-Sharuata parampara.
This isn't Smarta belief but must requirement for any Sampradaya to be a Vedic one.
1/
What Tulsidas saying in that poem from Gitavali is very subtle and profound Vedic Siddhanta that one has to leave the means (in the form of Karma Kanda and Upasana Kanda) to realize the goal of Gyanakanda (Upanishads).
Let me do some quoting.

2/
Read 11 tweets
26 Feb
भगवान श्रीराम इतने सीधे और सरल हैं कि बार-बार परीक्षा देते रहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ऐसा कभी नहीं करेंगे। ☺️
विश्वामित्रजी जानते थे कि दशरथ के पुत्र के रुप में भगवान ही हैं इसीलिये उनको लेने गये थे।
1/
गाधितनय मन चिंता ब्यापी। हरि बिनु मरहिं न निसिचर पापी॥
तब मुनिबर मन कीन्ह बिचारा। प्रभु अवतरेउ हरन महि भारा॥

2/
भावार्थ:-गाधि के पुत्र विश्वामित्रजी के मन में चिन्ता छा गई कि ये पापी राक्षस भगवान के (मारे) बिना न मरेंगे। तब श्रेष्ठ मुनि ने मन में विचार किया कि प्रभु ने पृथ्वी का भार हरने के लिए अवतार लिया है।
3/
Read 23 tweets
4 Feb
Obviously, this Sekoolar-Savarna लुटिया is resorting to the time tested Lutyenmedia technique of fake anecdote. Whichever locality she lives in, Hindus should boycott such people lest their progeny gets corrupted and become trash due to bad company.

The poem @Janaki_Sr refers to was written by rabid Islamist (with the mask of atheist) Dad of Shabana Aazmi after the removal of Babri mosque from to guilt trip Hindus per larger political agenda of Ashraf and their Dhimmi companion Sekoolar-Savarnas.
1/
kavitakosh.org/kk/index.php?t…
For all his pretensions as an atheist and left-leaning intellectual Kaifi Aazmi never wrote a poem condemning the gangster deeds, not to mention subhuman acts like abducting, raping, selling into slavery women etc, of the followers of Islam.
2/
Read 4 tweets
4 Feb
This incident quoted from the book on Irani's victory in Amethi should give you some idea about the chameleon stuntbaaj character of Nehru-Gandhi family presently displayed by Pappu very often but exposed by SM.
@iMac_too
1/
"फूलपुर इलाहाबाद से करीब तीस किलोमीटर दूर स्थित एक कस्बा है। भारत के पहले प्रधानमन्त्री का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी यहाँ विकास की कोई गति ही नहीं।
2/
नेहरू-गाँधी परिवार के लिए इस क्षेत्र का पिछड़ापन वह सीढ़ी था, जिससे उनके करिश्माई व्यक्तित्व को वह मजबूती मिलती थी जिससे वे चुनाव जीतते थे। पुराने लोग पंडित नेहरू के जमाने का एक किस्सा बताते हैं।
3/
Read 10 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!