#HindiThread :-
"भारत की सबसे बड़ी समस्या"
~Over-age Problem.
लगभग 1 साल से ज्यादा समय बीत गया मुझे किसी भी सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म भरे हुए।
आज जब मैं SSC GD के लिए Online Apply कर रहा था तो उसी process से भरना शुरू किया जैसा मैं पहले करता था।
जब फॉर्म सबमिट करना चाहा तो नहीं हुआ और बताया कि आपका उम्र निकल चुका है मतलब आप इस नौकरी के लिए disqualified हो गए हैं।
मेरा दिमाग चकरा गया कि ई सब कब हो गया!?
मैंने तुरंत online age calculator का इस्तेमाल किया
पता चला मेरा उम्र 23 साल से ज्यादा हो गया था
उसके बाद मैंने फाइनली age relaxation का option पहली बार use करते हुए फॉर्म भर दिया;
क्योंकि मैं OBCसे हूँ
यह कहानी सिर्फ मेरी कहानी नहीं है बल्कि हजारों लाखों पढ़े लिखे बेरोजगार योवाओं की कहानी है जिसे इस सरकार ने और देश के system ने बर्बादी और बेरोजगारी की तरफ ढकेल दिया है।
और इसके जिम्मेदार भी हम खुद ही हैं। जब सरकार सरकारी संपत्ति बेच रही थी; हमने आवाज नहीं उठाया....चुपचाप कमरे में बंद होकर पढ़ते रहा....
तो
अब सरकारी नौकरी कहाँ से मिलेगी? सीट कम हो गई है और जनसंख्या और भीड़ दोनो काफी बढ़ गई है।
चुप रहना सबसे बड़ा गुनाह होता है आज सजा मिल रहा है
मेरा सवाल उन युवाओं से है जो राजनीति में interst नहीं लेतें हैं और जिनकी तादात भी बहुत ज्यादा है!
"जब राजनीति हमारे लिए सब कुछ तय करता है
जैसे :- कहाँ पढ़ना हैं?
कितना पढ़ना हैं?
क्या पढ़ना हैं?
कौन पढ़ाई करोगे तो कहाँ नौकरी मिलेगी?
ये course करोगे तो doctor की बनोगे
और ये वाला कोर्स करोगे तो डॉक्टर नहीं बन पाओगे , इंजीनियर बनोगे,
पढ़ाई करने के बाद कितना का सैलरी मिलेगा
नौकरी करने के क्रम में छूटी कब और कितनी मिलेगी?
रिटायर हागे तो पेंशन कितनी मिलेगी.....मिलेगी भी या नहीं मिलेगी!?
मरोगे तो किस श्मशान में जलाए जाओगे; कितना शुक चार्ज किया जाएगा
जब हमारे जिंदगी का हर पहलू राजनीति तय करती है तो तो क्या यह जरूरी नहीं हो जाता कि हम सब उस राजनीति को तय करें कि इस देश की राजनीति कैसा होगा!?"
लगभग डेढ़-दो साल से सिर्फ यही सुनते आ रहा हूँ और अखबारों में पढ़ते आ रहा हूँ कि अगले महीने ही वेकेंसी निकलने वाली है।
फिर जोर सोर से पढ़ाई में भीर जाता, जब अगला महीना भी निकल जाता तो फिर वैसा ही बयान आता और वैसा ही खबर छपता....
और हमलोग फिर से वैसा ही.....
"देश के युवाओं से चूक हुई है कि उसने खुद को राजनीति से दूर कर लिया, और इसलिए जुमलेबाज और नफरत फैलाने वाले राजनीति में आ गए"
क्या हमनें इसलिए आजादी की लड़ाई लड़ी थी? ताकि बेरोजगार भारत बने!
यकीनन नहीं!
आप 1947 के समय के राजनीति को देखिए,सारे पढ़े लिखे लोग राजनीति, सरकार, आंदोलन और देश को lead कर रहे थे।
कोई वकील था,तो कोई विदेशों से पढ़ाई कर लौटा था कोई भी झूठ नहीं बोलता था, लोगों को ठगने का प्रयास नही
करता था।
आज हर जगह वो आदमी सत्ता पर बैठा का जिसके पढ़ाई की डिग्री का कोई जानकारी है ही नहीं...
पर हाँ, criminal background की जानकारी जरूर है,
झूठ बोलने की तो बात ही मत कीजिए....सुबह दिन का शुरुआत ब्रश से नहीं बल्कि झूठ से ही करतें हैं।
हमने ऐसा भारत कभी नहीं चाहा था!
मैं कहना ये चाहता हूँ कि हमारे जैसे कई उच्च स्तर के पढ़ाई किए युवाओं का उम्र ही समाप्त होने वाली है।
चुनाव के समय, 4 साल पर वेकेंसी आती है जैसे नौकरी देना सेवा का नहीं कोई अहसान का काम हो....
ऐसा तो नहीं होता था पहले.... क्या फायदा digital india का?
सरकार को बिना देर किए कुछ करना चाहिए,बिना किसी राजनीतिक लाभ को देखे....सेवा-भाव के साथ
क्योंकि भारत की लगभग 60% से भी ज्यादा आबादी युवा हैं....और युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए नौकरी चाहिए ही चाहिए.... जो इसके लिए ही पढ़ाई लड़तें हैं
क्योंकि बीतने वाला हर दिन हजारों-लाखों युवाओं को बिना exam दिए ही सरकारी नौकरीयों के लिए disqualified कर रही है #OverAgeProblem
इस मुद्दे पर जल्दी action लेने की जरूरत है, देश के विकास के लिए यह सबसे जरूरी कदम हैं।
वरना भविष्य में भारत को "बेरोजगार भारत" कहा जाएगा
सरकारी vacency हर साल निकली चाहिए; और साथ ही सरकारी कम्पनियों को बेचने के जगह नया भी बनाया जाना चाहिए।
मुझे इस सरकार में विश्वास बिल्कुल भी नहीं है।
और क्या लिखूँ कुछ समझ में नहीं आ रहा है।आज यह समस्या मेरे सामने आई है; कल आपके और आपके बच्चे के सामने भी जरूर ही आएगा
और मैं उम्मीद करता हूँ आप अपने बच्चों को बेरोजगार होतें और डिप्रेशन में देखना कभी भी पसंद नहीं करेगें।
मैं यहाँ "सरकारी नौकरी नहीं तो कोई और कि बात पर बिल्कुल भी जिक्र नहीं किया है"
क्योंकि आगे की life तो कुत्ते भी जी लेतें हैं;और हम भी जी ही लेगें किसी तरह से.....
सरकार ने पढ़े लिखे युवाओं को क्या बना दिया....?
हम उस रणनीति से पढ़ाई कर रहे थे कि सरकार हमें सरकारी नौकरी देगी.....ये हमारा पहले का बना structure और धारणा है।
पर इस सरकार ने अचानक लोगों से आत्मनिर्भर बनने को बोल दिया..! 1-2 दशक ; 1-2 पीढ़ी इससे प्रभावित होकर बर्बाद होनेवाला है
जबतक उन्हें समझ नहीं आ जाता कि पढ़ाई लिखाई करने से कुछ नहीं होने वाला हैं।
और आनेवाले भविष्य में भारत का शिक्षा स्तर गिर जाएगा....
लोग बस दैनिक उपयोग तक पढ़ाई कर कमाई करने में भीड़ जाएगें शुरू से ही.... कारण महँगाई भी होगा
के द्वारा;
फिर अचानक आसमान से मुसीबत का पहाड़ टूटा या फिर न जाने क्या हुआ;
White house ने भारत के प्रधानमंत्री; राष्ट्रपति और जिसको भी follow किया था एक ही हफ्ते बाद सबको unfollow कर दिया।
मैं आज तक अपमानित महसूस कर रहा हूँ कि हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ
कोई भी ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता है!? #HindiThread :- (उपर से पढ़ें)
.#HindiThread:-
"सिकुड़ता मानसिकता": सोशल मीडिया के संदर्भ में
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आज भारत की ज्यादातर आबादी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक यूट्यूब और दूसरे कई प्लेटफार्म यूज़ करते हैं जिस पर #Reel's या फिर #ShortVideos वाला फीचर उपलब्ध है जहां लोग अपनी जिंदगी का कई घंटे बिताते हैं रोजाना
बच्चे जवान पूरे पुरुष स्त्री कोई भी हर तबका एक ही तरह का कांटेक्ट दिख रहा है सारे प्लेटफार्म पर चाहे वह फेसबुक हो यूट्यूब हो इंस्टाग्राम हो या फिर कोई और
जगह ऐसे में डर है कि कहीं लोगों के विचार आए और मानसिकता एक जैसे ना हो जाए एक समान ना हो जाए और भविष्य में समाज के लिए खतरा
ना बन जाए
"लोगों के विचारों को इन सोशल मीडिया एप्स के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है"
अभी शुरुआत है
इसलिए लोगों को मजा आ रहा है
लेकिन इसका खामियाजा आज नहीं तो कल कभी ना कभी हर किसी को भुगतना ही पड़ेगा
चाहे वह बच्चे हो या फिर उनके मां-बाप आज हर किसी को.....
#HindiThread:- जब किसी की एक्सीडेंट हो जाता है तब:-
◆हमारा नैतिकता क्या कहता है?
••हमें बिना समय गवाए मदद करना चाहिए; पैसे की परवाह नहीं करना चाहिए; इंसान की जान के आगे पैसे का कोई महत्व नहीं!
◆क्या कहता है निजीकरण?
••लोग मारतें हैं तो मरे; हमें प्रॉफिट चाहिए; भाड़ में गई नैतिकता; हमने लाखों रुपए खर्च किया है, फ्री/सस्ते में इलाज चाहिए तो सरकारी अस्पताल चले जाओ....
"इस दुनिया में नैतिकता और अच्छाई की कोई जगह नहीं"
पैसा सबसे ऊपर है
अब तय आपको करना है दोस्तों;
आपको नैतिकता के साथ जाना है या फिर पैसों के साथ?
मैं निजीकरण का विरोध करता हूँ। और भविष्य में कभी ऐसी पार्टी को वोट नहीं दूगाँ जो निजीकरण को support करेगा। @PMOIndia@narendramodi@FinMinIndia#StopPrivatization
#HindiThreads: क्या सरकार का विरोध करना मतलब कांग्रेस पार्टी का समर्थन करना बन गया है!
पहले तो ऐसा कभी नहीं होता था
पहले होता था
सरकार का विरोध करना मतलब सरकार का ही विरोध करना और
•आज जब हम सरकार का विरोध करते हैं तो कुछ लोग कहते हैं कि यार तुम कांग्रेस का समर्थन कर रहे हो?
हां हम सरकार का विरोध करते हैं
क्योंकि हम विपक्ष हैं क्योंकि आज मतलब 17th लोकसभा चुनाव में भारत में विपक्ष पूरी तरह से खत्म हो गया है और
संवैधानिक विपक्ष का खत्म हो जाना मतलब सीधा सीधी यह होता है कि अब विपक्ष कोई पार्टी नहीं बल्कि विपक्ष जनता खुद है और यह बात आप को समझना पड़ेगा
राजनीतिक पार्टियां तो आती जाती रहती हैं सत्ता में पर जनता जनता हमेशा विपक्ष होता है और विपक्ष ही रहता है और विपक्ष के रूप में जनता का यह कर्तव्य बनता है कि वह हमेशा सत्ता पर नजर रखें सरकार पर नजर रखें
#HindiThread:-
Central vista, और mandir विकास का प्रतीक बनेगा......
अभी मीडिया चुप है...... शायद इसलिए आप ऐसा बोल रहे हैं।
जब चुनाव नजदीक आएगा.....तो गोदी मीडिया पूरा जोर लगा देगा......
राहुल गांधी को नालायक और कमजोर बताने पर.......
If not modi;Than Who?? #loksabhaelection2024
अब प्रधानमंत्री मोदी, प्रधानमंत्री नहीं रहें बल्कि मजाक बन गए हैं,
लोगों ने उम्मीद किया था पहाड़ का लेकिन खोदने पर चुहिया ही निकाला,
करनी और कथनी में इतना अंतर हो गया है कि प्रधानमंत्री का हर एक बात जुमला लगने लगा है।
अब प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के पास विकास का दूसरा कोई भी मुद्दा नहीं बचा है
जब भी यह पार्टिया या फिर प्रधानमंत्री कोई विकास का बात करते हैं
तो लोगों को लगता है कि फिर से यह एक नया जुमला ही होगा