बाइडेन , राहुल गांधी , तालिबान , भाईजान लोग और मौलवी का इश्क़
न जाने क्यों वामपंथी भाई जान लोग बाइडेन और राहुल गांधी की बीमारी की चर्चा मात्र से डरते रहते हैं। शायद यह भी एक बीमारी है। फिर इस बीमारी के लपेट में वामपंथी ही क्यों
सारे सेक्यूलर हिप्पोक्रेट्स दीखते हैं। फ़ैसला भले बराक ओबामा का था पर जिस तरह अफगानिस्तान बाइडेन ने खाली किया है और बेआबरु हुए हैं , विश्व की दर्दनाक घटना है। पर गाय तक पर ज्ञान बघारने वाले यह लोग अफगानिस्तान के इंसानों पर हो रहे
जुल्मो-गारत पर गॉगल्स लगा कर खामोश हैं।
याद कीजिए कि कुछ समय पहले इसी अमरीका का राष्ट्रपति रहा ट्रंप जब कभी हवा भी खारिज करता था तो यही लोग तुरंत सूंघ कर उस की बदबू कैसी है से फौरन दुनिया को परिचित करवाते थे। जब कि बाइडेन भी अमरीका का ही
राष्ट्रपति है जिस ने अपनी कायरता , अनुभवहीनता और छुद्रता में तालिबान से डर कर समूचे अफगानिस्तान में मल ही मल फैला दिया है। पर यही वामपंथी , यह सारे सेक्यूलर हिप्पोक्रेट्स बाइडेन के इस मल की खुशबू में तरबतर हैं। गोया कितनी पॉजिटिव बात हो गई हो।
ब्रेख्त , पाब्लो नेरुदा के सारे गीत , सारी कविताएं जैसे मंगल ग्रह चले गए हैं। स्त्रियों , बच्चों की यातनाएं , भूख , लाचारी और बलात्कार जैसे तरक़्क़ी वाली बातें हो गई हैं इन सो काल्ड तरक़्क़ी पसंद लोगों के लिए। अजब मंज़र है। आज दुनिया ने पहली बार
अफगानिस्तान में तालिबान की परेड में आत्मघाती दस्ते की परेड भी देखी। कार बम की परेड देखी। पहली ही बार देखा गया कि अमरीकी सैनिक साजो सामान को अपना बता कर परेड में तालिबानियों ने इस तरह दिखाया कि देखो हमारे कितने बाप हैं। माता एक ,
पिता दस बारह वाली अभद्र कहावत याद आ गई है। पर सभी भाईजान की जुबान और क़लम को जैसे लकवा मार गया है।
इधर राहुल गांधी ने भी पूरी कांग्रेस को ट्रैक्टर से निरंतर जोत-जोत कर मुकम्मल अफगानिस्तान बना दिया है। इस पर भी कोई सांस नहीं लेते यह भाईजान लोग।
गाय नहीं , भैंस ज़्यादा दुधारु है बताने वाले लोग राहुल गांधी को भी क्या दुधारु भैंस मानते हैं कि भैंस से भी ज़्यादा उपयोगी और दुधारु मानते हैं। कि राहुल गांधी की उलटबासियां नहीं दिखतीं , सुनाई देतीं। राहुल गांधी के उकसाने पर सिद्धू
ने पंजाब कांग्रेस को परमाणु बम पर बैठा दिया है। पर मजाल है कि कोई बोल निकले। कांग्रेस तिल-तिल कर सोनिया के पुत्र मोह में मर रही है। उधर उत्तर प्रदेश में मुलायम के पुत्र मोह में सपा सन्निपात में है। पर भाईजान लोग ऐसी राजनीतिक मुश्किलों से आंख मूंद कर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जस्टिस यादव द्वारा गाय को बचाने के लिए राष्ट्रीय पशु घोषित करने की सलाह पर स्वाहा हुए जा रहे हैं।
बता रहे हैं कि जस्टिस यादव तो जस्टिस गोगोई से भी ज़्यादा कुछ चाहने लगे हैं। गोया जस्टिस के नाम पर गोगोई पहली बार उपकृत हुए हों।
जस्टिस हिदायतुल्लाह वगैरह तो खैर नमाज पढ़ कर ही उपकृत हुए थे। उन को काहे को याद रखना। याद किया तो क़यामत न आ जाएगी। फ़िलहाल तो आत्मघाती दस्ते और कार बम की परेड पर कुछ बोलना सांप्रदायिक हो जाना हो जाता है। भाजपाई और संघी हो जाना होता है।
गाय के ख़िलाफ़ बोलना , गाय का मांस खाने की दलील देना ही सेक्यूलर होना मान लिया है इन हिप्पोक्रेट्स ने। बाइडेन और राहुल गांधी इन के आदर्श पुरुष हैं। इन के आइकॉन हैं। इन के देवता हैं। बावजूद इस के कि धर्म अफीम है पर आस्था जलेबी।
इन की आस्था , बाइडेन , राहुल गांधी और तालिबान में है। सो इन के खिलाफ कुछ बोलेंगे तो क़यामत आ जाएगी। हां , इन की इन में आस्था है। सो आस्था की जलेबी खाने दीजिए इन्हें। ख़ामोश कि तालिबान अफगानिस्तान में हैं और यह तालिबान पर भारत सरकार का रुख
जानना चाहते हैं बीते पंद्रह अगस्त से। अक़ल जैसे राहुल गांधी की तरह घुटनों में ले कर पैदा हुए हैं तो करें भी क्या। तालिबान सरकार अभी बनी भी नहीं। पर यह आकुल व्याकुल लोग फ़ौरन जान लेना चाहते हैं कि भारत सरकार तालिबान को मान्यता दे रही है कि नहीं ?
तालिबान आतंकी हैं कि नहीं , भारत सरकार की नज़र में यह रणबांकुरे फौरन जान लेना चाहते हैं। नहीं जानना चाहते कि अफगानिस्तान में तालिबान के जबड़े में कुछ भारतीय फंसे हैं , उन्हें सुरक्षित निकालना प्राथमिकता है। तालिबान का पक्ष या विपक्ष जानना नहीं।
पर क्या करें बिचारे कोरोना के क़हर के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार अभी तक के सब से ऊंचाई का रिकार्ड छू गया है। कोई 6 सौ अरब डालर है विदेशी मुद्रा भंडार। जी एस टी रिकार्ड कलेक्शन का ग्राफ छू चुका है। शेयर मार्केट बंपर रिकार्ड उछाल पर है।
जी डी पी का भी सुधार अप्रत्याशित ऊंचाई पर है। तो बिचारे पूछें भी क्या ? गाय को माता नहीं , राष्ट्रीय पशु बनाने की सलाह पर ही उन की सुई सुलग रही है। रस्सी जल गई है , पर बल नहीं गए हैं।
एक लतीफ़ा याद आ गया है। एक बार एक लड़की किसी मौलवी को मुस्कुराती हुई मिली
और बोली , मौलवी साहब , मौलवी साहब , मुझे इश्क़ हो गया है ! मौलवी छूटते ही बोले , कमबख़्त , बेग़ैरत तुझे शरम नहीं आती मुझ से ऐसी बात करते हुए ? लड़की बोली , शरम आती तो है पर क्या करुं मौलवी साहब , पर मुझे सच्ची-मुच्ची इश्क़ हो गया है !
मौलवी बोले , लाहौल बिला कूवत , चल भाग यहां से ! लड़की फिर आहिस्ता से बोली , पर मौलवी साहब क्या करुं , बेबस हूं , भाग नहीं सकती , क्यों कि मुझे आप से ही इश्क़ हो गया है ! मौलवी साहब , ' अचानक बदल गए और मुलायम होते हुए बोले ,
चल्ल ........ झूठी कहीं की ! मौलवी को अब यह इश्क़ लेकिन बेग़ैरत और शरम आने वाला लगना बंद हो गया था। झूठ लग रहा था। ऐसे ही चोंचले भरे इश्क़ में हमारे यह भाईजान लोग फंस गए हैं। बिचारे करें भी तो क्या करें ! न करते बन रहा है , न , न करते।
🧑🎨 *इन्दिरा गाधी को आयरन लेडी समझने वाले ध्यान से पढ़ें -*
विंग कमांडर अभिनंदन का नाम तो आप निश्चय ही नहीं भूले होंगे. शायद उनकी _’हैंडल बार’_ मूछें भी याद ही होंगी.
लेकिन इसी भारतीय वायु सेना के कुछ अन्य जांबाज़ पायलट के नाम नीचे मैंने लिखे हैं. इनकी तस्वीरें देखना तो दूर, हममें से कोई एकाध ही होगा जिसने ये नाम सुन रखे होंगे.
🥲लेकिन इनका रिश्ता अभिनंदन से बड़ा ही गहरा है. पढ़िए ये नाम.👇
विंग कमांडर हरसरण सिंह डंडोस
स्क्वाड्रन लीडर मोहिंदर कुमार जैन
स्क्वाड्रन लीडर जे एम मिस्त्री
स्क्वाड्रन लीडर जे डी कुमार
स्क्वाड्रन लीडर देव प्रशाद चटर्जी
फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुधीर गोस्वामी
1962 के भारत चीन युद्ध के बाद रूस ने चीन को अपना भाई और भारत को दोस्त कहा था......
जाहिर सी बात है दोस्त के लिए भाई को छोड़ना आसान नही है...
रूस वही चाल चल रहा है जो उसके और चीन के हित में हो और इसकी रूप रेखा तभी खिंच गयी थी जब रूस और पाकिस्तान की सेना का
संयुक्त युद्ध अभ्यास की बात चली चली थी....
बहुत कुछ है जो आज से नही 12 साल पहले से ही पक रहा था और उसका फाइनल टच भी शीघ्र ही दिया जाएगा....
शीघ्र ही भारत पर एक युद्ध थोपा जा सकता है क्योंकि समूचा विश्व जान चुका है मोदी को हटाना इतना आसान नही है।
यदि हटाया न गया तो भारत एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर आगे आएगा।
कोरोना काल में जिस तरह से मोदी सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया है यह अपने आप में एक बड़ी मिशाल है जिसे देखकर विश्वकी महाशक्तियां चकित हैं कि आखिर ये सब मैनेज कैसे हुआ ..?
अंधों को भले ना दिख रहा हो लेकिन देश तो बदल रहा है।
भारतीय उद्यमियों की उद्यमिता के संरक्षण संवर्धन के लिए 6 वर्ष पूर्व 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप इंडिया अभियान की घोषणा की थी। 16 जनवरी 2016 को यह अभियान विधिवत प्रारम्म हुआ था।
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार द्वारा की गई एक ऐसी पहल थी जिसका उद्देश्य अपने नागरिकों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना था। स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य इसके माध्यम से बेरोजगारों के बीच रोजगार पैदा करना भी था।
उस समय प्रधानमंत्री मोदी की उस पहल का राहुल गांधी समेत समस्त विपक्ष ने और लुटियन दिल्ली के मीडियाई दलालों ने जमकर मजाक उड़ाया था। आज भी यह लोग चीखते चिल्लाते हैं और सवाल उछालते रहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था तबाह बरबाद हो गयी, कहां गया स्टार्टअप इंडिया.?
2 किलो दही 25 किलो यूरिया के बराबर करता है काम! इस तकनीक को अपनाकर करें उपयोग कभी नहीं होगी यूरिया सहित अन्य उर्वरक की जरूरत !
आवाज एक पहल @nstomar @narendramodi
हाल के दिनों में यूरिया की किल्लत से परेशानी की खबर देश के हर जिले से आ रही है। घंटों मशक्कत के बाद भी किसानों को 1-2 बोरी यूरिया मिलने में परेशानी आ रही है। इस तरह के परेशानियों का सामना करने वाले सभी किसान भाइयों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। @Manojkumar18877 @BablieV
दरअसल खेती में दही का उपयोग करके आप यूरिया सहित अन्य उर्वरकों का दाम बचा सकते हैं।
दही का उपयोग करने के कई लाभ हैं। दही के उपयोग से खेती से लागत का 95 प्रतिशत बचता है और कृषि उत्पादन में कम से कम 15 प्रतिशत की वृद्धि होती है। दही के फायदों को देखकर,
भारत ऐसे ही तपस्वी लोगों की भूमि नहीं बोला जाता है I
गुरुकुल घरोंदा के एक आचार्य थे।
वे जनसंघ के टिकट पर सांसद बन गए, तो उन्होंने सरकारी आवास नहीं लिया और बाजार सीताराम, दिल्ली-6 के आर्य समाज मंदिर से संसद तक पैदल जाया करते थे कार्रवाई में भाग लेने। वे ऐसे पहले सांसद थे,
जो हर सवाल पूछने से पहले संसद में एक वेद मंत्र बोला करते थे, वे सब वेदमंत्र संसद की कार्रवाई के रिकार्ड में देखे जा सकते हैं। उन्होंने एक बार संसद का घेराव भी किया था, गोहत्या पर बंदी के लिए....
एक बार इंदिरा जी ने किसी मीटिंग में उन्हें पांच सितारा होटल में बुलाया। वहां जब लंच चलने लगा तो उन्होंने अपनी जेब से लपेटी हुई बाजरे की सूखी दो रोटी निकाली और खाने लगे। इंदिरा जी ने कहा आप क्या करते हैं, क्या यहां खाना नहीं मिलता। तो वे बोले मैं संन्यासी हूं,