1962 के भारत चीन युद्ध के बाद रूस ने चीन को अपना भाई और भारत को दोस्त कहा था......
जाहिर सी बात है दोस्त के लिए भाई को छोड़ना आसान नही है...
रूस वही चाल चल रहा है जो उसके और चीन के हित में हो और इसकी रूप रेखा तभी खिंच गयी थी जब रूस और पाकिस्तान की सेना का
संयुक्त युद्ध अभ्यास की बात चली चली थी....
बहुत कुछ है जो आज से नही 12 साल पहले से ही पक रहा था और उसका फाइनल टच भी शीघ्र ही दिया जाएगा....

शीघ्र ही भारत पर एक युद्ध थोपा जा सकता है क्योंकि समूचा विश्व जान चुका है मोदी को हटाना इतना आसान नही है।
यदि हटाया न गया तो भारत एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर आगे आएगा।
कोरोना काल में जिस तरह से मोदी सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया है यह अपने आप में एक बड़ी मिशाल है जिसे देखकर विश्वकी महाशक्तियां चकित हैं कि आखिर ये सब मैनेज कैसे हुआ ..?
अभी जो देश में महंगाई है उसे तो जनता सह सकती है लेकिन युद्ध के बाद जो महँगाई आएगी उसे जनता नही सह पाएगी और फिर जनता विद्रोह कर देगी।

रूस और चीन की मदद करेंगे यहाँ के वामपंथी जो कि जनता में नेगेटिविटी परोसेंगे। वामपंथियों का यह चरित्र है वो उसे जरूर आगे बढ़ाएंगे
क्योंकि जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तब लेनिन की कोशिश यह थी कि रूस में गृह युद्ध छिड़ जाए।
1917 में जब स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का आयोजन हुआ तब लेनिन ने विचार किया कि कैसे भी करके जनता के असंतोष को बढ़ाकर रूस में यदि गृह युद्ध
छेड दिया जाय तो सरकार झुक जाएगी।
लेनिन ने प्लान बनाया की जब रूस की सेना युद्ध मोर्चे पर होगी तब हम सभी सरकारी संस्थानों पर कब्जा कर लेंगे।
मगर करेंसकी की सरकार को यह खबर मिल गयी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी सरकार सिर्फ कुछ बोल्शेविक दल के नेताओं को गिरफ्तार कर पाई ।
लेनिन और ट्राटस्की का षडयंत्र सफल हो चुका था।

ठीक इसी तरह कांग्रेस, वामपंथी और कुछ दूसरे दल मिलकर भारत की स्थिति बिगाड़ने का भरपूर प्रयत्न करेंगे।
जाति के नाम पर बडे खेल होंगे,
हर वो पैंतरा अपनाया जाएगा जिससे भारत अशांत हो जाएगा।
विदेशी शक्तियां किसी भी रूप में "मोदी योगी" को नही चाहती उन्हें चाहिए एक अयोग्य कमजोर शासक जो उनकी कठपुतली बन कर रहे।

यदि कोरोना के बाद भी भारत सम्हल गया तो यह न तो रूस के लिए अच्छी खबर है और न ही अमेरिका, चीन के लिए।

एक बड़ी अशांति के लिए अभी से "सभी प्रकार" तैयार रहिये।

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