1. #कड़वा_है_मगर_सच_है 🙏
सहमत या असहमत होने से पहले कृपया पूरा थ्रेड पढें😌
🔶यह कोई नई घटना नहीं है ! #महंत_नरेंद्र_गिरी बड़े पद पर थे तो पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई!
संतों की अकूत #संपदा ही उनकी बर्बादी का सबब बन गई!
👉 इस संत जगत को जो करीब से जानते हैं...
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2. उन्हें पता है कि #ज्ञानमार्ग के ये पथिक कितने अकेले हैं!
क्यों हैं, इसका कारण वे भी जानते हैं और समाज भी!
🔶लेकिन समाज पर #भक्ति का ऐसा आवरण चढ़ा है कि लोग विराट #आश्रमों और #मठों के भीतर बसे अंधेरे को देखना ही नहीं चाहते !
महंत गिरी सुसाइड नोट छोड़ गए हैं और काफी ...
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3. कुछ साफ कर गए हैं!
🔶पर सवाल हैं कि उठेंगे और उठते रहेंगे!
सच कहें तो सवालों का उठना #60के दशक में शुरू हो गया था।
यह वह #दौर था जब #ओशो जैसे अनेक संतों ने #भारत की गरीब और पीड़ित जनता को #ज्ञान बांटने के बजाय, पश्चिम की समृद्धि को ज्ञान देने के लिए चुना था...😌
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4. ओशो हों, बाल योगेश्वर या महेश योगी!
यूरोप और अमेरिका जाने के पीछे उनके मन में भारी #दौलत कमाने की लालसा थी!
तब की #संतई को लगा कि लोभ मोह और त्याग का संदेश भारत के गरीब समाज को देने से उन्हें कुछ नहीं मिलेगा! #संत बनने के लिए जिस #आसक्ति को त्यागना जरूरी है....!
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5. उसी आसक्ति ने लोभ बनकर, संतई के भीतर प्रवेश कर लिया😴
👉बाकी काम #आपातकाल ने पूरा कर दिया!
यद्यपि तब तक #हिप्पियों के रूप में #पश्चिम से ऊबे लोगों का भारत आना शुरू हो चुका था! हिप्पियों के साथ भारी मात्रा में #डॉलर और #पौंड भी भगवा जगत के आश्रमों में पहुंचने लगे!
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6. 🔶आपातकाल लगा तो अपना #काला_धन छिपाने के लिए देश के बड़े बड़े #धन्ना_सेठों ने, संतों के मठों और आश्रमों में दान किया, #आयकर धारा 80जी का लाभ उठाया, नतीजा यह निकला कि भारत के तीर्थों पर कुटियाओं की जगह गगनचुंबी अट्टालिकाओं ने लेनी शुरू कर दी !
आश्रमों में चमचमाती ....
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7. #विदेशी गाड़ियाँ आ गई 🤔
संतों ने #भगवा की आड़ में वही सारा सुख पाना शुरू कर दिया, जिसे छोड़कर वे #विरक्ति के मार्ग पर चले थे😊
🔶देखते ही देखते देश की शीर्ष #राजनीति संतई की गुलाम बन गई!
संतों को ताकत, सत्ता और दौलत का ऐसा चस्का लगा कि. @Atul_Misra_ @Sabhapa30724463
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8. कि ऋषि मुनियों की सारी #मीमांसा ही जाती रही!
संतों के #आश्रम सत्ता पाने का माध्यम बनते चले गए!
संतों ने अपनी दौलत अपने उस परिवार से बांटनी शुरू कर दी, जिसे छोड़कर वे #संन्यस्थ हुए थे
फिर क्या था, संतई के सारे मतलब ही बदल गए ... @gargee99887 @BablieV @PradeepSpeak1
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9. अब संत सीधे राजनीति में आ गए!
🔶वे सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री तक बनने लगे!
समाज को कुछ देने की बजाय समाज से लेने की होड़ ने संतजगत को हास्यास्पद बना डाला!
उनमें गौतम, कणाद और भास्कर नहीं, #रामरहीम,#राधे_माँ, #आसाराम और रामपाल पैदा होने लगे😔 #वैदिक ऋचाओं का गान...
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10. करने के बजाय, संत डम डम डिगा डिगा गाने लगे?
भारत की वनवासी, गिरिवासी बस्तियों में जाकर कथा सुनाने के बजाए #दुबई, #न्यूयार्क और #लन्दन में ज्ञान बांटने लगे😊
🔶परिणाम सामने है,
तीर्थ नगरों की किसी भी #अदालत में चले जाइये, वकीलों के बस्तों पर... @RamRam97655607
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11. मोटी मोटी फाइलें लिए बैठे, साधु संत नजर आ जाएंगे!
कहीं कोई पंखे से लटक रहा होगा,
कोई अखाड़े के #खजाना लेकर फरार हो चुका होगा और कोई गुरु की #हत्या की पैरवी करने आया होगा😐
यह अब आम बात है..
सच कहें तो शायद #कलिकाल का प्रभाव है... @badal_saraswat @RiteshK13402216
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12. #भगवा संस्कृति के मायने ही बदल गए हैं🤔 #सप्त_ऋषियों के ये #ज्ञान_मंदिर ,आज दौलत के खजानों में परिवर्तित हो चुके हैं !
👉 तो जो हो रहा है, होने दीजिए 👍
अभी बहुत कुछ देखने को तैयार रहिये ,
शायद #नियति भी यही चाहती है😢
जय श्री राम 🙏 @ManjuSh37235221 @VivekKrOjha1
समाप्त🙏
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1. #जीवन .... #महात्माबुद्ध का जब #दुखः से पहली बार परिचय हुआ तो वो बेहद दुखी हुए,
लेकिन बाद में जब उन्होंने जाना कि जीवन दुखः का ही दूसरा नाम है, तो वो फिर ऐसे शांत हो गए कि उनकी प्रतिमा को देखकर आज भी लोग एक अनन्त शांति का अनुभव करते हैं😌
👉 हाल ही में अभी तीन...
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2. #आत्महत्याएँ नजर में आई,
🔶एक बेटे ने अपनी कनपटी पर गोली मार ली क्योंकि उसके पिता को चार दिन से #पुलिस ने एक हत्या के शक में अवैध कस्टडी में लिया हुआ था,
वो अपने पिता को पुलिस द्वारा मिल रही थर्ड डिग्री की #कल्पना करके इतना टूट गया था कि उस दुखः को झेल पाना उसके लिए...
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3. #असंभव हो गया....
🔶 दूसरी आत्महत्या एक पति ने की,
उसने अपने #सुसाइड नोट में लिखा कि साबिया तुम मेरे प्यार को समझ नहीं पाई, मैंने तुम्हारे लिए क्या नहीं किया फिर भी तुम मुझे छोडकर अपने घर चली गई😓
🔶 तीसरी आत्महत्या कल #महंत_नरेन्द्र_गिरि जी की बताई जा रही है....🤔
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1. #जन्मकुंडली में #पितृदोष निवारण का उत्तम समय है 👉 #श्राद्ध_पक्ष #वैदिक_परंपरा और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक पुत्र का जीवन तभी सार्थक माना जाता है जब वह अपने जीवन काल में जीवित माता-पिता की सेवा करें और उनके मरने के बाद उनका विधिवत श्राद्ध करें🙏 #ज्योतिष और ...
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2. #धर्मशास्त्र कहते हैं कि #श्राद्ध पक्ष वर्ष के सोलह ऐसे दिन हैं, जब पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, दान करके पितृ दोष को शांत किया जा सकता है।
"श्राद्ध महिमा में कहा गया है"
🔶आयुः पूजां धनं विद्यां स्वर्ग मोक्ष सुखानि च। प्रयच्छति तथा राज्यं पितरः श्राद्ध तर्पिता...
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3. #श्राद्ध_पक्ष वास्तव में पितरों को याद करके उनके प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने और नयी पीढी को समृद्ध भारत देश की प्राचीन वैदिक और पौराणिक संस्कृति से अवगत करवाने का पर्व है!
श्राद्ध करने से कर्ता #पितृ_ऋण से मुक्त हो जाता है तथा पितर संतुष्ट रहते हैं जिससे...
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1. एक बार अवश्य पढ़ें🙏
जब #टाईटेनिक जहाज समुद्र में डूब रहा था,
उस समय उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे जो टाईटेनिक के मुसाफिरों को आसानी से बचा सकते थे😴
सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम #SAMSON था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ सात मील की दूरी पर था...
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2. SAMSON के #कैप्टन ने, न सिर्फ टाईटेनिक की ओर से #फायर किए गए सफेद शोले (जो बेहद खतरे में फायर किये जाते हैं ) देखे थे, बल्कि टाईटेनिक के मुसाफिरों के चिल्लाने के #आवाज़ को भी सुना था!
लेकिन उस वक़्त सैमसन के लोग गैर कानूनी तौर पर बेशकीमती समुद्री जीव का शिकार....
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3. कर रहे थे और नहीं चाहते थे कि पकड़े जाएं,
लिहाज़ा वे अपने #जहाज़ को दूसरी तरफ़ मोड़ कर चले गए।
🔶 यह जहाज़ हम में से, उन लोगों की तरह है जो अपनी #गुनाहों भरी #जिंदगी में इतने मग़न हो जाते हैं कि उनके अंदर से #इंसानियत खत्म हो जाती है😊
दूसरा जहाज़ जो करीब मौजूद था...
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2. को छोड़कर सब कुछ खाने की आजादी होनी चाहिए,
तब वो #स्वार्थी इन मासूम प्राणियों के अधिकार की बात #क्यूँ_नहीं_सोच_पाते ?
🔶दरअसल जो लोग जानवरों को सब्जी की तरह कटते, देखते हुए ही बड़े हुए हैं!
स्वाभाविक ही है कि उन्हें जानवर, फल, फूल, सब्जी जैसे ही नजर आएंगे!
🔶गाय भैंस का..
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3. अपने बच्चों को चाटना,
🔶अपने बछड़ों को देखे बगैर दूध न देना,
बछड़ों का अपनी माँ की ओर दौड़ लगाना और बेतहाशा एक-दूसरे को चाटना-दुलारना तो कभी महसूस ही नहीं कर पाते वो😓
🔶कोई उनसे पूछे कि फल फूल सब्जी को भी काटने से पहले बांधना पडता है क्या?
क्या वो भी छुट छुट कर भागते हैं?
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