आज जब देश हिन्दू मुस्लिम के वैमनस्य से भरा पड़ा है तब याद आता है भारत का इतिहास. मथुरा स्येि तथ समाधि है 15वि शताब्दी के कृष्ण भक्त रसखान की वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ संप्रदाय के सदस्य थे। #UnityInDiversity 1/n
ग्यारवी शताब्दी के मशहूर कवि अमीर खुसरो ने निजामुद्दीन औलिया कहने पर ‘छाप तिलक सब छीनी रे से मोसे नैना मिलायके’ कृष्ण को समर्पित किया था. #UnityInDiversity 2/n
नवाब वजिद अली शाह कृष्ण भगवान् के भक्त थे, उनके अनेक नामों से से एक कन्हैया भी था. उन्होंने राधा कृष्ण नाटक का मंचन भी कराया था. #UnityInDiversity 3/n
जगन्नाथ पूरी में यात्रा का रथ एक मुस्लिम संत सालबेग की मजार पर रुक कर ही आगे बढ़ता है. #UnityInDiversity 4/n
आगरा के नवाब सुल्तान खान का नवासा नजीर अकबराबादी कृष्ण भक्ति की रचनाएँ लिखने के लिए मशहूर रहा है #UnityInDiversity 5/n
ये धर्म और जाति इंसानों ने बनाई है, उपरवाले ने तो केवल इंसान बनाये थे. और इन इंसानों को बांटने का काम आज की राजनीति ने किया. यदि आज की पीढ़ी यदि भारत का इतिहास पढ़े तो उन्हें समझ आयेगा ना हिन्दू अलग है ना मुस्लमान. सब एक है. फर्क केवल नजर और सोच का है. #UnityInDiversity 6/n
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चलिए आज बात करते है भाजपा के एक संस्थापक सदस्य की, सिकंदर बख्त साहेब की, क्योंकि उनकी इस कहानी में शामिल है आरएसएस का दोमुंहापन और भाजपा की असलियत. 1/11
1952 में सिकंदर बख्त कांग्रेस से एमसीडी चुनाव जीते सिकंदर बख्त 1969 में कांग्रेस के टूटने तक कांग्रेस में रहे और फिर कांग्रेस ओ में चले गये. आपातकाल के समय एक साल जेल में रहे फिर जनता पार्टी में चले गये. 2/11
1980 में जब भाजपा बनी तब अटल बिहारी वाजपयी ने उन्हें राष्ट्रिय महासचिव बनाया और इस तरह वो भाजपा के संस्थापक सदस्य बन गए, अब बात करते है भाजपा ने इस संस्थापक के साथ क्या किया इसकी. भाजपा ने जीवन के अंत तक रहे बख्त को भाजपा ने एक चुनाव तक लड़ने का मौक़ा नहीं दिया. 3/11
गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहते है मोदी मोदी सरकार में भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ. चलिए इसी पर थोड़ी चर्चा करते है. ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस के अनुसार भारत में 2014-19 के बीच 4517 आतंकी हमलो में 2164 मौते हुई और 3455 लोग घायल हुए, #झूठी_सरकार 1/n
एक अल्पविराम के अलावा मप्र में भाजपा 2003 से सत्ता पर काबिज है, चाहे चुनाव जीत कर या विधायक खरीद कर सरकार तो भाजपा की ही रही है. और अब शिवराज के नेत्रित्व वाली भाजपा सरकार प्रदेश में लाटरी और जुआ वैध कर रही है. #कंगाल_मप्र_सरकार_के_संस्कार 1/n
पहले समझ ले प्रदेश के हालात, भाजपा शासन में प्रदेश के आर्थिक हालात बद से बदतर हो गए, मार्च 2020 में प्रदेश पर Rs2,26,194.3 करोड़ का कर्ज था और ये कर्ज लगातार बढ़ रहा था. #कंगाल_मप्र_सरकार_के_संस्कार 2/n
यहाँ तक की शासकीय कर्मचारियों की तनखा देने के लिए भी सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है जबकि प्रदेश में GST कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है #कंगाल_मप्र_सरकार_के_संस्कार 3/n
आज सुबह सुबह मन बड़ा प्रसन्न था, सोशल मीडिया पर खबर थी की 32 वर्ष उपरांत काश्मीर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
फिर इस खबर का स्त्रोत सामने आया तो मन में थोड़ा रिसर्च करने का मन हुआ, आखिर आरएसएस का मुखपत्र सच कैसे लिख सकता है? #BJP_RSS_Liars 1/n
अब आरएसएस ने लिखा है तो अफवाह तंत्र तो सक्रिय होना ही था, ऐसे अनेक बड़े बड़े सोशल मीडिया में अफवाह माफिया ने इस खबर को हवा दी. #BJP_RSS_Liars 2/n
अब बात करते है हकिकत की, ये तस्वीर है 2013 में श्रीनगर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोस्तव की #BJP_RSS_Liars 3/n
अब जब नरेंद्र मोदी के निर्देश पर भारत सरकार ने भारत के प्रथम प्रधानमत्री की जगह विनायक सावरकर को महत्त्व देने का निर्णय लिया है तो हमारा या कर्तव्य बनता है है की हम देश को विनायक सावरकर की याद फिर से दिलाएं #सावरकर_से_कायरकर_तक 1/n
1926 में एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी, Life of Barrister Savarkar जिसके लेखक थे चित्रगुप्त, इस पुस्तक ने सबसे पहले विनायक सावरकर का महिमामंडन करते हुए उन्हें वीर कहा था. #सावरकर_से_कायरकर_तक 2/n
सावरकर की मौत के 20 वर्ष उपरांत इस पुस्तक का दूसरा पब्लिकेशन आया सावरक प्रकाशन के द्वारा, जिसमे रविन्द्र रामदास ने स्पष्ट किया की चित्रगुप्त और कोई नहीं स्वयं विनायक सावरकर था. अर्थात सावरकर ने स्वयं अपना महिमामंडन कर स्वयं को वीर की उपाधि दी थी. #सावरकर_से_कायरकर_तक 3/n