🙏 जय श्री राम 🙏
*अंधभक्ति किसे कहते हैं, चलो आज समझते हैं*🤔 1. कांग्रेस की स्थापना अंग्रेजो ने की,
ये "स्थानीय राष्ट्रिय पार्टी" नहीं अंग्रेजों की पार्टी थी, ("अंधभक्ति") 2. नेहरू ने चंद्रशेखर आजाद की खबर अंग्रेजों को देकर उन्हें मरवा दिया.... ("अंधभक्ति")
3. लाल बहादुर शास्त्री को मरवाया... फिर भी ("अंधभक्ति") 4. 1923 में नाभा रियासत में गैर कानूनी ढंग से प्रवेश करने पर अंग्रेजों ने नेहरू को 2 साल की सजा दी,
तब नेहरू ने माफीनामा देकर दो हफ्ते में ही अपनी सजा माफ करवा ली,
( "अंधभक्ति" ) 5. नेहरू ने कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल का
हिस्सा चीन, पाकिस्तान को दे दिया और खुद को भारत रत्न दे दिया..
है ना ("अंधभक्ति") 5. नेहरू ने नेपाल को भारत में मिलाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था,
फिर भी "अंधभक्ति" 6. UN में स्थाई सदस्यता के लिए मना किया फिर वही भीख मांगने पहुंचा, कश्मीर का मुद्दा
दूसरों के हाथ में दे दिया,("अंधभक्ति") 7. सेना रखने से मना किया नेहरू ने, वाह क्या देशभक्ति.. ("अंधभक्ति") 8. भगत सिंह को अपने स्वार्थ के लिए फांसी पर लटका दिया....
गांधी ने अब्दुल रशीद की फांसी का विरोध किया था मगर शहीद भगत सिंह का नही, क्यों ? ("अंधभक्ति")
9. लोग भूखे मर रहे थे, उनकी सिगरेट लाने के लिए विशेष विमान जाता था, फिर भी ("अंधभक्ति") 10. चिचा नेहरू का Love Letter एडविना को एयर इंडिया के प्लेन से London जाता था...फिर भी एक अय्यास को चाचा बना दिया,,
फिर भी ("अंधभक्ति")
11. देश बंटा धर्म के नाम पर फिर पूरी तरह से क्यों नहीं बंटा..वोटबैंक के लिए.... फिर भी ("अंधभक्ति") 12. ये देश मेरे बाप का है बोलने वाली इंदिरा गांधी महान ("अंधभक्ति") 13. केवल सत्ता के लिए हजारों संतो को मरवाया,,, फिर भी ("अंधभक्ति")
14. धर्मनिरपेक्षता का वायरस पैदा किया अपने स्वार्थ के लिए,, फिर भी ("अंधभक्ति") 15. पंजाब में अपने सत्ता स्वार्थ के लिए भिंडरावाले को पैदा किया, हजारों निर्दोष लोगों को मरवाया. फिर भी ("अंधभक्ति") 16. हर विभाग में, हर छोटी से छोटी चीज में अरबों का घोटाला किया,फिर भी ("अंधभक्ति")
17. कश्मीर में सांपों को 70 साल से पाल कर रखा....
एक देश होने के बावजूद कश्मीर को विशेष दर्जा दिया.. फिर भी ("अंधभक्ति") 18. सरकार में ना रहने पर आतंकियों के द्वारा पाकिस्तान के साथ मिलकर 26/11 करवाया....
केवल हिंदुओं को आतंकी सिद्ध करने के लिए..... फिर भी ("अंधभक्ति")
19. वामपंथियों के दबाव में सत्ता के लिए इतिहास के साथ खिलवाड़ किया, आजादी के बाद 5 मुस्लिम शिक्षा मंत्री ने मुगल और अकबर को महान बना दिया, और भगत सिंह, आजाद को आतंकवादी.
फिर भी ("अंधभक्ति") 20. देश में नक्सलियों और आतंकियों का नेटवर्क पाला...हमेशा उसका समर्थन किया...
वोटबैंक के लिए, फिर भी ("अंधभक्ति") 21. एक देशभक्त सैनिक को और एक निर्दोष साध्वी को सालों यातनाएं दी हिंदुओं को आतंकी सिद्ध करने के लिए,,, फिर भी ("अंधभक्ति") 22. गोधरा में निर्दोष लोगों को जिंदा जलाया,, फिर भी ("अंधभक्ति")
23. केवल सत्ता में आने के लिए चीन पाकिस्तान से हाथ मिलाया,,, फिर भी ("अंधभक्ति")
और बताऊँ, बरनाॅल कम पड़ जाएगी लेकिन जलन नहीं जाएगी...
बात तो ऐसे करते हैं..जैसे कांग्रेस ना होती तो भारत ही ना होता..
लाखों लोगों ने कुरबानी दी है देश के लिए...और कांग्रेस ने केवल और केवल दलाली
की है सत्ता पाने के लिये...
पूरा लिखूंगा तो सर्वर डाउन हो जाएगा लेकिन दलाली पुराण खत्म नहीं होगा...
ज्यादा तकलीफ है तो बहुत से रास्ते हैं निकलने की...
वैसे भी ऐसे बहुत से गुलाम है जो कहते थे कि मोदी प्रधानमंत्री बना तो देश छोड देंगे, लेकिन अभी भी यहीं हैं..
गृहमंत्री अमित शाह जी के आदेशानुसार गृह मंत्रालय एक एडवाइजरी जारी करके पंजाब के भारत पाकिस्तान सीमा से 50 किलोमीटर दायरे तक एरिया को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स BSF के हवाले कर दिया है !! अब BSF बिना राज्य कानून के किसी भी तरह का कार्यवाई कर सकती है !!
अब BSF बिना रोकटोक के आतंकवादीयों की तलाशी, हथियार सप्लायर, नशे के तस्कर की तलाश और घरों की तलाशी 50km के दायरे में कर सकते हैं !! अब बहुत सारे शहर इसकी जद में आ जाएंगे.
अब धमाकेदार बात यह है कि, पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल ओर असम के लिए भी केन्द्रीय गृह मंत्रालय एडवाइजरी
जारी किया है !! अब इसको लेकर कुछ दलों में हड़कंप मच गया है. अब पंजाब की तरह BSF इन दो राज्यों में आतंकी गतिविधियां, हथियार सप्लायर, नशे के तस्कर की तलाश और घरों की तलाशी 50km के दायरे में कर सकते हैं. असम तो भाजपा शासित प्रदेश है, इसमें राज्य सरकार की तरफ से कोई दिक्कत नहीं है !!
राजस्थान में दलित की मॉब लिंचिंग पर भाजपा की चुप्पी को राष्ट्रवादियों ने खूब कोसा।
लखीमपुर खीरी में वाहन चालक समेत चार लोगों की लिंचिंग पर भी शीर्ष नेतृत्व को खूब कोसा गया। मामला चाहे किसान के नाम पर खालिस्तानियों का लाल किला से लखीमपुर तक का हुड़दंग का हो।
चाहे शाहीन बाग या पालघर का। शीर्ष नेतृत्व को अपने ही धड़ा के लोग इतना कोसते हैं मानो मोदी जी मनमोहन सिंह जी से भी कम बोलते हों।
"अपने-अपने मानवाधिकार" की बात आज मोदी जी ने कही। राजस्थान में दलित लिंचिंग का मामला मीडिया में जगह पाया। बस एक दिन में दो चार डिबेट एपिसोड हुए।
बात खत्म। राष्ट्रवादी धरा अपने प्रधानमंत्री से क्या सिर्फ एक दिन वाला परिणाम चाह रहा है? हम शासन के तरीके को कांग्रेसी शासन के तरीके से क्यों तुलना करना चाहते हैं? क्यों हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग द्वारा घोषित लोकतांत्रिक सरकार को इंदिरा गांधी के
भारत को रोज किसी न किसी षड्यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है। अब विदेश में यह संकेत भेजा जा रहा है कि अगर आपने भारत में प्लांट लगाया तो आपको भयंकर बिजली की शॉर्टेज का सामना करना पड़ेगा।
यह तो आप सबको मालूम ही होगा कि चीन में कोयले की शॉर्टेज के चलते भयानक तौर पर बिजली की कमी है।
बस अपने देश के लोगों का इस ओर से ध्यान हटाने के लिए चीन ने यह खेल भारत में भी रच दिया। कहा जा रहा है कि पहले मीडिया खरीदा गया जिन्होंने थर्मल प्लांट्स पर भारी कोयले की कमी की खबरें व्यापक तौर पर फैलाईं।
फिर उन राज्यों के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को खरीदा गया जहां विपक्ष की सरकारें राज कर रही हैं। उनके द्वारा कोयले की परचेस में देरी करवाकर कोयले की सप्लाई बाधित की गई और आर्टिफिशल शॉर्टेज क्रिएट की गई।
पर सरकार ने कल बयान जारी कर कह दिया है की कोयले के पर्याप्त भंडार हैं
*कृषि बिल वापस हो जाना या लागू रहना। हार या जीत ।*
*कृपया पुरा पढ़ें ।-*
*ये किसान बिल किसी के हार जीत का सवाल नहीं है, मै गत कई सालों से इनकमटैक्स दे रहा हूँ, लेकिन न तो इंदिरागांधी, राजीवगांधी, देवेगौड़ा, वाजपेई, मनमोहन सिंह ने कभी मुझसे पूछा :
मैं टैक्स के रेट तय कर रहा हूँ, बता तुझे क्या चाहिए ! मैं ही क्यों, करोड़ों लोग टैक्स देते हैं लेकिन क्या सरकारें उनसे पूछकर टैक्स दर तय करती हैं ? आज हमारे देश में करोड़ों लोग कार, आटो , ट्रक वगैरा चलाते हैं, क्या RTO और पुलिस द्वारा लगाए जाने वाले कायदे और दंड इन सब से पूछकर
बनाए गए हैं ?*
*आरक्षण का Bill संसद मे नेहरू सरकार ने सामान्य वर्ग से पूछकर बनाया था?, अगर नहीं तो वो भी वापिस ले सरकार।
कानूनी तौर पर देखे तो कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है और हर एक कानुन में समय समय पर संशोधन किया जाता है,हमारे संविधान में भी समय-समय पर संशोधन हुए हैं.
हमें जिताओ !
स्कूटी देंगे
साइकिल देंगे
बिजली पानी फ्री देंगे
कर्जे माफ करेंगे
राशन फ्री देंगे
टीवी और सिलाई मशीन देंगे
ये भी देंगे वो भी देंगे
सब मुफ्त देंगे
छोड़ो सबको बस हमें जिताओ
कानून और संविधान कहता है !
रिश्वत लेना और देना अपराध
भ्रष्ट आचरण अपराध
प्रलोभन देना अपराध
मतदाता को रिझाना अपराध
चुनाव सीमा से अधिक धन का प्रयोग अपराध
चुनाव में कैश देना अपराध
चुनावी गिफ्ट अपराध
कौन ले संज्ञान !
चुनाव आयोग
राज्य या केंद्र सरकार
हाईकोर्ट सुप्रीमकोर्ट
डीएम और एसएसपी
राज्यों में चुनाव !
कर्मचारियों को बोनस शुरू
रुके बकाया की देनदारी शुरू
मंहगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्त
कर्मचारी कल्याण योजनाएं
छात्रों को छात्रवृत्ति
बिजली बिल माफी शुरू
कृषि ऋण माफी शुरू
बढ़ी दरें घटना शुरू
वेतन वृद्धि और प्रमोशन
आजादी के 75 साल बाद की तस्वीर । बेशक कोई भी पार्टी हो , वादों की भरमार । जातीय संगठनों के पौबारह ।
हरी "कलगी" वाला "कबूतर" सभी जगह उड़ रहा है; उस कबूतर से ध्यान नहीं हटना चाहिए।
***
आढ़तियों के फर्जी आंदोलन को सरकार ने इतनी छूट क्यों दी हुई है?
आवश्यकता है कि इस विषय को एक अन्य एंगल से भी देखा जाए।
हम सभी ने जादूगरों का खेल देखा है। कई प्रसिद्ध जादूगर कार्यक्रम के बीच में एकाएक खाली हैट से या किसी खाली टोकरी से एक सफ़ेद कबूतर - कबूतर सदैव सफ़ेद रंग का होता है - निकालकर हाल में उड़ा देते है।
मुझे सदैव इस प्रश्न ने परेशान किया है कि इतने प्रसिद्ध जादूगरों को इतना पिटा-पिटाया खेल दिखाने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
सभी दर्शक चौक कर, कुछ अचंभित, कुछ मंत्रमुग्ध होकर उस कबूतर की हाल के पीछे तक की उड़ान को गर्दन मोड़कर देखते है। फिर प्रसन्न होकर ताली बजाते है।