हमने पहले ही पार्ट___:-1 में ज़िक्र कि थी की मुसलमानों पर कितने बुरे वक़्त आ गई है और ये वक़्त हम पर क्यूँ आई है, तो आज हम अपनी पोस्ट मे इस पर तफ़सील से रोशनी डालने की कोशिश करूंगी___1/13
____:- सबसे पहले हम आपको बता देनी चाहती हूँ, जो कौम अपनी तारीख को याद नहीं रखती है, और उसको आगे तक यानी अपनी नस्लों को नहीं बताती है, तो याद रखें ऐसी कौम का मुस्तकबिल भी कोई खास नहीं होती है, जैसा की आज मुसलमानो का जो हाल हो रही है, क्यूंकि आज मुसलमान
अपनी तारीख को भूल चुके है, इन्हें ये भी याद नहीं है, की हम सदियों से सुल्तान रहे है इस दुनिया के____"
हमारे अदल ओ इंसाफ की लोग कसमें खाते नहीं थकते है, हमारे जानी दुश्मन भी हमारी तारीफ में कसीदे लिखते थे, हमारे हुक्मेरानों की तारीफ किये बिना रह नहीं पाते
थे, वो हमारे जानबाज़ों के तारीकों को आज खुद इस्तिमाल करके मैदान ए जंग मे फतेह हासिल करते रहे हैं, हमारे दीन-ए-इस्लाम मे से ही उन्होंने आज तमाम तरीके के निज़ामों की तखलीक की गई है___"
वो बात अलग है की इन सब चीज़ों मे इंसान ने अपना दिमाग लगा कर इसको असल मकसद से भटका दिए है, और एक तरह से इसको एक शैतानी निज़ाम मे तबदील कर दिए है,बुरी चीज़ों पर अच्छा लिबादा डाल कर उसको दुनिया मे एक अच्छाई की तरह पेश करने लगे है, लेकिन अफ़सोस इस बात की बेहद
ज़्यादा है की ये सब कुछ हमे हमारी विरसात मे मिली है और विरसात मे मिलने के बाद भी हम इसकी कद्र नहीं कर पा रहे हैं, आखिर हम इतने गाफिल क्यूँ हो चुके है____"
इस सवाल का जवाब बहुत ही असानी से दिए जा सकते है, लेकिन मैं कोशिश करूंगी इसकी जवाब वज़ाहत के साथ दिए जाए,
ताकी आप लोगों को मेरे कहने का मतलब समझ में आ जाए, तो सबसे पहले मैं आपको बतानी चाहूँगी जिसके बारे में मैंने शुरू मे जिक्र भी की है कि हम लोग अपनी तारीख को भूल चुके है, और इसी लिए हमारे पास आज मुस्तकबिल के लिए कोई खाका मौजूद नहीं है, जिसकी वजह से हमे एक तरह की गुलामी की आदत पड़
चुकी है___"
अब हमे इसके आगे कुछ दिखाई ही नहीं देती है, इसमे सबसे बड़ा काम हमारी तालीम की भी है, असल तालीम से भी हम दूर हो चुके है और दुनियावी तालीम मे भी हम बहुत ज़्यादा दिलचस्पी नहीं लेते, यानि दोनो सुरत-ए-हाल मे हम अपने दुश्मन खुद-ब-खुद बन गए है, आज हमारी नस्लें
#गेम्स, #मूवी, #टिकटॉक और ऐसे हज़ारों बेकार के कामों में अपना वक़्त बर्बाद करने में लगे है, उनको शायद अभी बहुत मजे आती हूँ या आ रही होगी, लेकिन उनको इस बात की जरा भी इल्म नहीं है, की ये सबकुछ गाफिल करने के लिए ही बनाई जा रही है, ताकी आप लोग इन सब फितनों में मशरूफ रहें और ये लोग
आप लोगों पर हुकुमत करते रहें____"
____क्या आपको पता है जब हमारे यहाँ एक बच्चा स्कूल मे 10वी की पढ़ाई कर रहे होते है तो या तो #म्यूजिक की बात करते है, या किसी #ऐक्टर को फॉलो करके उसकी नकल करते है, और ज़्यादातर तो #क्रिकेट खिलाड़ी बानने की कोशिश मे सबसे आगे रहते है,
उधर ज़रा #इस्राइल के बच्चों पर ज़रा गौर करें, ना उनका नाम किसी खेल में है, ना उनके यहाँ कोई बहुत बड़ी फिल्म देखने की जगह है, ना वो किसी तरह के मोबाइल #गेम्स खेलते है, यहाँ तक की उनकी खुदकी बनाई हुई #कोल्डड्रिंक भी वो नहीं पीते है, आखिर क्यूँ__"
क्यूंकी वो आपको गुमराह कर रहे है,
आपसे पैसे कामाये जा रहे है, वहां जब बच्चा 10वी मे होते है, तो उसपर #आर्मी#ट्रेनिंग लाज़िम हो जाती है, चाहे वो लड़का हो या लड़की उसको ये #ट्रेनिंग लेना ज़रूरी है, वो अपनी औलादों को हथियार चलाना सीखा रहे है, और हम अपनी औलादों को जंग के मैदान मे #ट्रेनिंग करवा रहे है,
बस फर्क इतना है की वो जंग की मैदान #PubG की होती है, और उनकी #ट्रेनिंग#फिलिस्तीन के बच्चों पर निशाना लगा कर होती है_____"
आज के लिए बस इतनी ही जल्द मितली हूं पार्ट___3 मैं कुछ और नई बातों को लेकर__"
आज हम ऐसी बात पर आप लोगों की गौर ओ फिक्र करने की कोशिश करेंगे, जो हर मुसलमान बाखूबी जनते है और समझते है, हम अक्सर एक बात बार बार दोहराते हुए नज़र आ जाते है कि मुसलमानों पर बहुत ज़्यादा ज़ुल्म ढाए जा रहे है___1/10
अगर देखा जाए तो दुनिया की हालात भी इसी की तरफ इशारे कर रहे है, जहां देखो मुसलमानों पर कत्ल ओ गारत की एक दौर चलती हुई दिखाई दे रही है, ये दौर वैसे तो एक सदी से भी ज़्यादा पुराना है,लेकिन इसने जो तेज़ी पकड़ी है वो सन 2001 से पकड़ी है, आपको याद होगा
#worldtradecentre का वो किस्सा जिसमें एक शैतानी चाल के तेहत पूरी दुनिया के मुसलमानों को कासूरवार ठहरा कर पूरी दुनिया में बदनाम कर दी गई थी, इसी वजह से #अफगानिस्तान में जंग मुसल्लत कर दी गई, टनो के हिसाब से बारूद बरसाई गई, लाखों की तादाद में इंसानो, बच्चों और
हिना उर्फ महदी एक खूबसूरत मुस्लिम लड़की थी, उनकी शादी अहमदाबाद में एक मुस्लिम लड़के से हुई थी, लेकिन साढ़े तीन साल बाद वे चली गई, चूंकि वह आज़ादी से ज़िंदगी गुजारना चाहती थी तो एक गैर मुस्लिम शादीशुदा पुरुष से प्यार में पड़कर__1/6
दूसरी बीवी के तौर लिव इन में रहने लगी, लेकिन 10 महीने बाद ही उसके लिव इन पार्टनर+ हसबैंड ___सचिन दीक्षित___ ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी, और उसके मासूम 10 माह के खूबसूरत बच्चे को गांधीनगर में फ़ेंक दिया।
मेरी प्यारी बहनों___"आंखे खोलो, यह लोग सिर्फ आपको बर्बाद करना चाहते हैं,
और उसके लिए प्यार का नाटक रचाएंगे और जब आपको अच्छे से यूज़ कर लेंगे तो आप का यहीं अंत होनी लाज़मी है या इससे भी बुरा।😥😢
____माँ बाप के लिए मेरी राय____
गलती सब से होती है,,और ऐसी लड़कियों पर ब्लैक मैजिक भी होती है ( रिलेटिव के मुताबिक )इनसे नफरत नही करनी चाहिए,,ये रूहानी
आज लोग मुझसे मेरे बारे मैं जानना चाहते हैं, जो मुझे जानते है वो तो ठीक है, ऐसा नहीं है कि लोग मुझे नहीं जानते है काफी तादात मैं भाई लोग है हमारे मुआशरे के जो मुझे बेहतर जानते है, जो मुझे नहीं जानते उन्हें भी हक है___1/18
मेरे बारे मैं जानने की लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं होती है, आखिर क्युं मेरे बारे मैं जानना चाहते हैं ये लोग, आखिर मुझमे ऐसी क्या खास बात है, कौन सी बात इनके लिए लिख रही हूँ, आखिर मैंने ऐसी कौन सी काम की हूं जो अपनों से लेकर गैरों तक मुझे जानने की कोशिश मैं लगे है____"
सवाल नंबर 1____" मैं किसी के बारे मैं जानने की कोशिश नहीं करती हूं और ना किसी के बारे मैं बात करती हूं___"
सवाल नंबर 2____" जो मुझे जानते है मैं सिर्फ उन्हीं से बात करती हूं, क्युकि मुझे उन पर पूरी तरह से भरोसा/यकीन है कि मेरी जानकारी वो अपने तक ही रखेगे___"
मुस्लिम शाहज़ादियो के नाम से ग्रुप बनाते है ये संघी लोग और भगवा लव ट्रेप को बड़ी आसानी से अंजाम दे जाते है, लेकिन अफसोस उन बेहयाई ल़डकियों पर जो बिना जाने ऐसी ऐसी हजारों ग्रुप से जुड़ जाते है, लेकिन ये कभी नहीं देखती है__1/18
कि अखिर ग्रुप admin कौन है मुस्लिम या गैर मुस्लिम____"
जरा गौर करिए आज Facebook पर अनगिनत ऐसे मुस्लिम नाम से ग्रुप हमारी नजरों के सामने होती है, लेकिन फिर भी जाने बेगैर हम ग्रुप मैं add हो जाते है, वहां पर अनजाने मैं ऐसे ऐसे ल़डकियों से और लडक़ो से बात करने लगते है ये सोच कर की
ये मुस्लिम ग्रुप है तो मुस्लिम ही सब होगे लेकिन हम ईन संघीयो के चलो से काफी अंजान होते है, ये कैसे कैसे चाल चलते है खबर नहीं हमे जरा भी इल्म नहीं है, मैने ईन संघीयो के साजिशों पर काई बार अपनी आर्टिकल मैं जोर दी है ये मीठी मीठी बात करते है इस्लाम को लेकर___"
इस पोस्ट की पूरी आर्टिकल पोस्ट नहीं की गई थी, अगर आपने इस 👇आर्टिकल को पढ़ लिए है तो अब ये बाकि आर्टिकल पढने की कोशिश करें, जो 25 ट्वीट होने के बाद बाकि add ट्वीट नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण मैंने पूरी आर्टिकल पोस्ट नहीं कर सकीं___1/14
किस तरह शरफाराज ने टाईम रहते अपनी होशियारी दिखाई है, अगर मेरी उससे बात नहीं होती तो अल्लाह बेहतर जानने वालों मैं से है क्या होती शरफाराज की फैमली के साथ क्या गुज़रती उसके मां बाप पर___"शरफाराज मुझसे बात करना चाहता था अल्लाह का शुक्र है कि उस दिन मैंने गुस्से में ही सही,
मैंने उसे ब्लॉक नहीं की और मैंने सभी स्क्रीन शॉट पहले देखनी चाही अगर बिना देखे उसे ब्लॉक कर देती तो आज मैं सबसे बड़ी गुनाहगार होती अगर ज़ैनब मुर्तद हो जाती तो____😭
मैं बता नहीं सकती हूं शरफाराज किस तरह से टूट चुका था वो मुझसे कॉल पर बात करना चाहता था, लेकिन मैं मजबूर थी
नीचे दिए स्क्रीन शॉट पढ़िए इस भाई का नाम शरफाराज खान है, ये धनबाद (झारखंड) से ताल्लुकात रखते है, ये भाई मुझे आज से ठीक 23 दिन पहले एस.एम.एस किए थे फेसबुक मेसेंजर पर जैसा कि सब को मालूम है मैं किसी की एस.एम.एस की जवाब नहीं देती हूं___1/25
लेकिन इस भाई की बात ही कुछ और थी मैंने इनकी एसएमएस की जवाब नहीं देती थी तो ये ठीक शाम मैं मुझे मग़रिब बाद मेसेंजर पर कॉल करने लगते थे, लेकिन मैं तो ट्विटर पर ही पोस्ट पहले करती थी जब पोस्ट लिख रही होती थी तो इनका कॉल आती रहती थी मैं कट कर देती थी,एक दिन हद से ज्यादा कॉल इनका आने
पर मैंने जवाब देनी चाही तो मेसेंजर पर बहुत ज्यादा एसएमएस और स्क्रीन शॉट थी कुछ WhatsApp की तो कुछ Messenger की मैंने रीप्ले देने से पहले सारी स्क्रीन शॉट पढ़नी मुनासिब समझी उस वक़्त,
खैर मैं एक एक कर के सारी स्क्रीन शॉट पढ़ने की कोशिश की लेकिन इतनी बुरी बुरी चैटिंग की हुई थी,