संघ से जुड़े लोग WhatsApp और फेसबुक के माध्यम से एक बात को बार बार फैलाते है की गांधी जी चाहते तो शहीद भगत सिंह की फांसी की सजा रुकवा सकते थे. चलिए आज इसी की सत्यता को परखा जाए #BhagatSinghAndGandhi 1/n
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लोग खूब जानने लगे थे. जेल में कैदियों को लेकर उनकी लंबी भूख हड़ताल. और ब्रिटिश कोर्ट में उनका मिजाज. ये मामला बहुत चर्चित हो गया था. गांधी जी उस समय के सबसे बड़े नेता थे, सो लोगों ने उम्मीद लगाई हुई थी कि वो कुछ करेंगे. #BhagatSinghAndGandhi 2/n
17 फरवरी, 1931 को गांधी जी और वायसराय इरविन के बीच राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई, 18 फरवरी को गाँधी जी ने इरविन से कहा "इस मुद्दे का हमारी बातचीत से संबंध नहीं है. मेरे द्वारा इसका जिक्र किया जाना शायद अनुचित भी लगे. लेकिन #BhagatSinghAndGandhi 3/n
अगर आप मौजूदा माहौल को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आपको भगत और साथियों की फांसी की सजा खत्म कर देनी जिसपर वायसराय ने कहा "मुझे खुशी है कि आपने इस तरीके से मेरे सामने इस बात को उठाया है. सजा कम करना मुश्किल होगा, लेकिन फिलहाल रोकने पर विचार किया जा सकता है" #BhagatSinghAndGandhi 4/n
इरविन ने सेक्रटरी ऑफ स्टेट को भेजी रिपोर्ट में भी जिक्र किया. उनके मुताबिक, गांधी चूंकि अहिंसा में यकीन करते हैं वो किसी की भी जान लिए जाने के खिलाफ हैं. मगर उन्हें लगता है कि मौजूदा हालात में बेहतर माहौल बनाने के लिए सजा फिलहाल मुलतवी कर देनी चाहिए #BhagatSinghAndGandhi 5/n
29 अप्रैल, 1931 को सी विजयराघवाचारी को भेजी चिट्ठी में गांधी ने लिखा – इस सजा की कानूनी वैधता को लेकर ज्यूरिस्ट सर तेज बहादुर ने वायसराय से बात की. लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं निकला. #BhagatSinghAndGandhi 6/n
गाँधी जी ने 20 मार्च को होम सेक्रटरी हबर्ट इमरसन से भी बात की उन्होंने. मगर वहां भी बात नहीं बनी.
गांधी जी ने फिर भी कोशिश नहीं छोड़ी. #BhagatSinghAndGandhi 7/n
उन्होंने आसिफ अली को भगत, राजगुरु और सुखदेव से मिलने जेल भेजा. वो एक वादा चाहते थे. कि वो लोग हिंसा छोड़ देंगे. गांधी को लगा कि अगर ऐसा वादा मिल जाता है, तो शायद अंग्रेज मान जाएं. इस बारे में आसिफ अली ने खुद प्रेसवालों को बताया था- #BhagatSinghAndGandhi 8/n
मैं दिल्ली से लाहौर आया, ताकि भगत सिंह से मिल सकूं. मैं रिवॉल्यूशनरी पार्टी के उनके साथियों के नाम चिट्ठी लेना चाहता था, जिसमें भगत अपने साथियों से कहते कि वो हिंसा का रास्ता छोड़ दें. मैंने भगत से मिलने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया. #BhagatSinghAndGandhi 9/n
गांधी को लग रहा था कि अगर ऐसा हो जाएगा, तो शायद अंग्रेजी हुकूमत भगत, राजगुरु और सुखदेव की सजा माफ कर दे. #BhagatSinghAndGandhi 10/n
21 मार्च, 1931 को रॉबर्ट बर्नेज़ ने न्यूज क्रॉनिकल में लिखा-
गांधी कराची अधिवेशन के लिए रवाना होने में देर कर रहे हैं, ताकि वो भगत सिंह की सजा पर वायसराय से बात कर सकें. #BhagatSinghAndGandhi 11/n
21 मार्च को गांधी ने इरविन से मुलाकात भी की. फिर से उन्होंने इरविन से अपील की. 22 मार्च को भी वो इरविन से मिले. वायसराय ने वादा किया कि वो इस पर विचार करेंगे. गांधी को उम्मीद दिखी. 23 मार्च को उन्होंने वायसराय को एक चिट्ठी भेजी. #BhagatSinghAndGandhi 12/n
ये गांधी की आखिरी कोशिश थी. क्योंकि 24 मार्च को फांसी मुकर्रर थी. गांधी ने निजी तौर पर, एक दोस्त के नाते वायसराय को ये चिट्ठी भेजी थी. #BhagatSinghAndGandhi 13/n
जनता का मूड, माहौल, शांति, क्रांतिकारियों को हिंसा के रास्ते से लौटा लाने की उम्मीद जैसी तमाम वजहें गिनाकर गांधी ने अपील की. कहा, सजा रोक दीजिए. मगर उसी शाम फांसी दे दी गई. #BhagatSinghAndGandhi 14/n
ये भी विचारणीय है की अंग्रेज गाँधी या किसी के भी कहने पर शहीद भगत सिंह की फांसी ना रोक सकते थे ना टाल सकते थे. ऐसा करने पर आततायी हुकूमत का आतंक जनता के बीच से ख़त्म हो जाता, #BhagatSinghAndGandhi 14/n
भगत सिंह पर अंग्रेज अफसर की ह्त्या का आरोप था, और उन्होंने न्यायलय में आरोप को स्वीकारा था. साथ ही भगत सिंह ने सावरकर की तरह अंग्रेजों से क्षमा याचना भी नहीं की. स्पष्ट है कमी गाँधी के प्रयत्नों में नहीं अंग्रेजों की मंशा में थी. #BhagatSinghAndGandhi 15/n
भगत सिंह के ही एक साथ साथी बटुकेश्वर दत्त को काले पानी की सजा हुई थी, और रिहा होने के बाद उन्होंने फिर से गाँधी जी के नेत्रित्व में "अंग्रजों भारत छोडो" आन्दोलन में भाग लिया और फिर 4 साल के लिए जेल गए. #BhagatSinghAndGandhi 16/n
क्या संघ से जुड़े नफरती चिंटू बटुकेश्वर दत्त से अधिक गाँधी और भगत सिंह के विषय में जानते थे? यदि गाँधी जी ने भगतसिंह के साथ धोखा किया होता तो दत्त कभी भी गाँधी जी के साथ आन्दोलन में हिस्सा लेते? सोचियेगा
DR. B R AMBEDKAR COLLECTED SPEECHES & VOLUMES 1 PAGE NO. 146
"मुझे खुशी हुई भारत पाकिस्तान से अलग हो गया। मै दार्शनिक था पाकिस्तान का। मैंने विभाजन की वकालत की क्योंकि मुझे लगा कि यह केवल था विभाजन से कि हिंदू न केवल स्वतंत्र होंगे बल्कि मुक्त स्वावलंबी होंगे। #AmbedkarFacts 1/4
अगर भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र होकर एक राज्य मे एकजूट होते तो हिंदुओंको मुसलमानों की दया पर जीना होता। एक स्वतंत्र भारत हिंदुओं के दृष्टिकोण से एक स्वतंत्र भारत नहीं होता। #AmbedkarFacts 2/4
यह हिंदू और मुस्लिम इस दो राष्ट्रोंद्वारा एक राज्य की सरकार होती. बिना सवाल के ये दोनों राष्ट्रोंमे मुसलमान सत्ताधारी जमात बन जाती, हिंदू महासभा और जनसंघ के बावजूद। #AmbedkarFacts 3/4
चलिए आज बात करते है बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की, बाबा साहेब को संविधान का निर्माता माना जाता है, मगर कुछ ऐसे पहलु भी है जिनपर कभी विचार ही नहीं किया जाता है. आज उन्ही की बात करते है. 1/n
डॉ भीमराव अंबेडकर ने कभी स्वतंत्रता आंदोलन में प्रत्यक्ष तौर पर हिस्सा नहीं लिया, बाबा साहेब अम्बेडकर का मुख्य उद्देश्य दलितों के हितों की रक्षा और दलितों को अधिकार दिलाना था , वे दलित आंदोलन का चेहरा थे , इसीलिए उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी नहीं की। 2/n
ब्रिटिश राज से पहले जाति व्यवस्था के अनुसार दलितों के पास कोई अधिकार नहीं था , जबसे भारत में ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई , तबसे दलितों को सेना , प्रशासन एवं शिक्षा व्यवस्था में आरक्षण एवं अधिकार प्राप्त हुए थे , 3/n
#Thread
हिंदुत्व महज 100 साल पहले, सावरकर के राजनैतिक दर्शन से उपजा राजनैतिक पंथ है। इसकी जड़ें प्राचीन हिन्दू धर्म मे नही, इटालियन डॉक्ट्रिन ऑफ फासिज्म में हैं। हिंदुत्व उस दौर में सफलता के चरम पर खड़े फासिज्म से चुंधियायी आंखों का स्वप्न है। #HindutvaIsNotHinduism 1/n
हिंदुत्व, हिन्दू धर्म नही है। हिन्दू शब्द पर आस्था रखने वाली जनता, शब्दो के महीन खेल से विचलित हो रही है। सचाई यही है, कि हिंदुत्व, हमारा सनातन धर्म नही है। हमारी वैदिक परम्पराएँ, हमारा कल्चर, हमारे आदर्श और शिक्षाएं, हिंदुत्व नही है। #HindutvaIsNotHinduism 2/n
बेझिझक इसमे हिन्दू धर्म के प्रतीकों, नारों, श्लोक का इस्तेमाल होता है। हमारे ईश्वर, देवताओं, हमारी मान्यताओं, हमारी वेशभूषा, गाय, तिलक, श्लोक, और तमाम सिंबल का इस्तेमाल होता है। चुराकर, कब्जा करके, धोखे से, प्रोपगेंडे के साथ इस्तेमाल होता है। #HindutvaIsNotHinduism 3/n
आज एक ऐसे झूठ की बात करते है जिसे फ़ैलाने का श्रेय केवल आरएसएस को ही नहीं बल्कि अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद को भी जाता है
दावा किया जाता है की पंडित नेहरु ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सदस्यता दो बार ठुकराई, इसके सत्य पर प्रकाश डालते है इस थ्रेड में. #NehruFacts 1/n
नियमों के मुताबिक सुरक्षा परिषद में बदलाव के लिए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में संशोधन की आवश्यकता होती है. जिसे कुल सदस्यों के दो तिहाई बहुमत के समर्थन के साथ-साथ पांचों स्थायी सदस्यों का समर्थन जरूरी है. #NehruFacts 2/n
27 सितंबर, 1955 को संसद सदस्य डॉ. जेएन पारेख की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में पंडित नेहरू कहते हैं, 'इस तरह का कोई प्रस्ताव, औपचारिक या अनौपचारिक नहीं है. कुछ अस्पष्ट संदर्भ इसके बारे में प्रेस में दिखाई दिए हैं जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है. #NehruFacts 3/n
तमाम रियासतों के एकीकरण का श्रेय सरदार पटेल को और काश्मीर और 370 का दोष पंडित नेहरु को, ये है भाजपा से जुड़े लोगो की सोच, आज इसी पर सत्य की चर्चा करते है #NehruFacts 1/n
सबसे पहली बात, जब संविधान सभा में आर्टिकल 370 पर चर्चा हुई थी, तब पंडित नेहरु देश के बाहर थे और देश के कार्यकारी प्रधानमंत्री सरदार पटेल थे. #NehruFacts 2/n aajtak.in/india/story/sa…
इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आर्टिकल 370 का पुरजोर विरोध किया मगर सरदार पटेल ने इसे संविधान सभा से पास कराया #NehruFacts 3/n
नेहरु और काश्मीर का सच पार्ट 1
हमारी TL और सर्वत्र मोदीभक्त नेहरु को नीचा दिखाने के लिए पटेल को नेहरु से अलग कर दिखाने का प्रयत्न करते रहते है. आज उनके एक बड़े झूठ की बात करते है, और वो झूठ है काश्मीर:
शुरुआत करते है काश्मीर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी से #NehruAndKashmir 1/n
१. आर्टिकल 370 को श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पूर्ण समर्थन दिया था.
२. मुखर्जी ने नेहरू को अनुच्छेद 370 पर एक समयबद्ध शर्त लगाने का सुझाव दिया था।
Reference: A Constitutional History J&K, published by Oxford University Press in 2011 By Historian A G Noorani #NehruAndKashmir 2/n
"हम शेख अब्दुल्ला के साथ घाटी में किसी विशेष तरीके से व्यवहार करने के लिए तत्परता से सहमत है, लेकिन जम्मू लद्दाख को पूरी तरह से भारत के साथ एकीकृत हो।" मुखर्जी का पत्र नेहरु को जनवरी 9, 1953