DR. B R AMBEDKAR COLLECTED SPEECHES & VOLUMES 1 PAGE NO. 146
"मुझे खुशी हुई भारत पाकिस्तान से अलग हो गया। मै दार्शनिक था पाकिस्तान का। मैंने विभाजन की वकालत की क्योंकि मुझे लगा कि यह केवल था विभाजन से कि हिंदू न केवल स्वतंत्र होंगे बल्कि मुक्त स्वावलंबी होंगे। #AmbedkarFacts 1/4
अगर भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र होकर एक राज्य मे एकजूट होते तो हिंदुओंको मुसलमानों की दया पर जीना होता। एक स्वतंत्र भारत हिंदुओं के दृष्टिकोण से एक स्वतंत्र भारत नहीं होता। #AmbedkarFacts 2/4
यह हिंदू और मुस्लिम इस दो राष्ट्रोंद्वारा एक राज्य की सरकार होती. बिना सवाल के ये दोनों राष्ट्रोंमे मुसलमान सत्ताधारी जमात बन जाती, हिंदू महासभा और जनसंघ के बावजूद। #AmbedkarFacts 3/4
जब विभाजन हुआ तो मुझे लगा कि ईश्वर उसके श्राप को उठाने को तैयार है और भारत एक महान और समृद्ध होने के रास्ते पे है।"
आंबेडकर के विचार भारत के विभाजन पर. हम इसका कोई विश्लेषण नहीं लिख हे, बल्कि पढने वाले की समझ पर छोड़ दिया है.
Source: mea.gov.in/Images/CPV/Vol… #AmbedkarFacts 4/4
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हमने आपको कुछ दिन पहले बताया किस प्रकार पंडित नेहरु की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर आरएसएस से जुड़े लोग उसे गलत तरीके से पोस्ट करते है, आज बात करते है आरएसएस के निशाने पर एक दूसरी शख्सियत की, और वो शख्सियत है नेहरु परिवार की ही श्रीमती सोनिया गाँधी #SoniaGandhi 1/n
सोनिया गाँधी की मालदीव के राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात की फोटो की फोटो को एडिट कर गंदे तरीके से पोस्ट किया जाता है, पहली पिक्चर एडिट की हुई, दूसरी असली फोटो. इस प्रकार ना केवल भारत की बहु बल्कि मालदीव जैसे मित्र राष्ट्र का भी अपमान किया जता है भाजपा आरएसएस द्वारा #SoniaGandhi 2/n
शिवसेना के कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के साथ ही शिवसेना आरएसएस और भाजपा के निशाने पर रही है. इसी क्रम में आरएसएस और भाजपा समर्थको द्वारा शिवसेना भवन से बालासाहेब की फोटो की जगह सोनिया गाँधी की फोटो पोस्ट की जा रही है, दो फोटो पहली नकली दसरी असली #SoniaGandhi 3/n
चलिए आज बात करते है बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की, बाबा साहेब को संविधान का निर्माता माना जाता है, मगर कुछ ऐसे पहलु भी है जिनपर कभी विचार ही नहीं किया जाता है. आज उन्ही की बात करते है. 1/n
डॉ भीमराव अंबेडकर ने कभी स्वतंत्रता आंदोलन में प्रत्यक्ष तौर पर हिस्सा नहीं लिया, बाबा साहेब अम्बेडकर का मुख्य उद्देश्य दलितों के हितों की रक्षा और दलितों को अधिकार दिलाना था , वे दलित आंदोलन का चेहरा थे , इसीलिए उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी नहीं की। 2/n
ब्रिटिश राज से पहले जाति व्यवस्था के अनुसार दलितों के पास कोई अधिकार नहीं था , जबसे भारत में ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई , तबसे दलितों को सेना , प्रशासन एवं शिक्षा व्यवस्था में आरक्षण एवं अधिकार प्राप्त हुए थे , 3/n
संघ से जुड़े लोग WhatsApp और फेसबुक के माध्यम से एक बात को बार बार फैलाते है की गांधी जी चाहते तो शहीद भगत सिंह की फांसी की सजा रुकवा सकते थे. चलिए आज इसी की सत्यता को परखा जाए #BhagatSinghAndGandhi 1/n
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लोग खूब जानने लगे थे. जेल में कैदियों को लेकर उनकी लंबी भूख हड़ताल. और ब्रिटिश कोर्ट में उनका मिजाज. ये मामला बहुत चर्चित हो गया था. गांधी जी उस समय के सबसे बड़े नेता थे, सो लोगों ने उम्मीद लगाई हुई थी कि वो कुछ करेंगे. #BhagatSinghAndGandhi 2/n
17 फरवरी, 1931 को गांधी जी और वायसराय इरविन के बीच राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई, 18 फरवरी को गाँधी जी ने इरविन से कहा "इस मुद्दे का हमारी बातचीत से संबंध नहीं है. मेरे द्वारा इसका जिक्र किया जाना शायद अनुचित भी लगे. लेकिन #BhagatSinghAndGandhi 3/n
#Thread
हिंदुत्व महज 100 साल पहले, सावरकर के राजनैतिक दर्शन से उपजा राजनैतिक पंथ है। इसकी जड़ें प्राचीन हिन्दू धर्म मे नही, इटालियन डॉक्ट्रिन ऑफ फासिज्म में हैं। हिंदुत्व उस दौर में सफलता के चरम पर खड़े फासिज्म से चुंधियायी आंखों का स्वप्न है। #HindutvaIsNotHinduism 1/n
हिंदुत्व, हिन्दू धर्म नही है। हिन्दू शब्द पर आस्था रखने वाली जनता, शब्दो के महीन खेल से विचलित हो रही है। सचाई यही है, कि हिंदुत्व, हमारा सनातन धर्म नही है। हमारी वैदिक परम्पराएँ, हमारा कल्चर, हमारे आदर्श और शिक्षाएं, हिंदुत्व नही है। #HindutvaIsNotHinduism 2/n
बेझिझक इसमे हिन्दू धर्म के प्रतीकों, नारों, श्लोक का इस्तेमाल होता है। हमारे ईश्वर, देवताओं, हमारी मान्यताओं, हमारी वेशभूषा, गाय, तिलक, श्लोक, और तमाम सिंबल का इस्तेमाल होता है। चुराकर, कब्जा करके, धोखे से, प्रोपगेंडे के साथ इस्तेमाल होता है। #HindutvaIsNotHinduism 3/n
आज एक ऐसे झूठ की बात करते है जिसे फ़ैलाने का श्रेय केवल आरएसएस को ही नहीं बल्कि अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद को भी जाता है
दावा किया जाता है की पंडित नेहरु ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सदस्यता दो बार ठुकराई, इसके सत्य पर प्रकाश डालते है इस थ्रेड में. #NehruFacts 1/n
नियमों के मुताबिक सुरक्षा परिषद में बदलाव के लिए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में संशोधन की आवश्यकता होती है. जिसे कुल सदस्यों के दो तिहाई बहुमत के समर्थन के साथ-साथ पांचों स्थायी सदस्यों का समर्थन जरूरी है. #NehruFacts 2/n
27 सितंबर, 1955 को संसद सदस्य डॉ. जेएन पारेख की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में पंडित नेहरू कहते हैं, 'इस तरह का कोई प्रस्ताव, औपचारिक या अनौपचारिक नहीं है. कुछ अस्पष्ट संदर्भ इसके बारे में प्रेस में दिखाई दिए हैं जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है. #NehruFacts 3/n
तमाम रियासतों के एकीकरण का श्रेय सरदार पटेल को और काश्मीर और 370 का दोष पंडित नेहरु को, ये है भाजपा से जुड़े लोगो की सोच, आज इसी पर सत्य की चर्चा करते है #NehruFacts 1/n
सबसे पहली बात, जब संविधान सभा में आर्टिकल 370 पर चर्चा हुई थी, तब पंडित नेहरु देश के बाहर थे और देश के कार्यकारी प्रधानमंत्री सरदार पटेल थे. #NehruFacts 2/n aajtak.in/india/story/sa…
इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आर्टिकल 370 का पुरजोर विरोध किया मगर सरदार पटेल ने इसे संविधान सभा से पास कराया #NehruFacts 3/n