👉अगर मोदी सरकार को हटानें की कोशिश की तो भारत में सीरिया जैसे गृहयुद्ध की सुरुवात हो जायेंगी- श्रीश्री रवि शंकर
👉2019 का चुनाव लोक तांत्रिक भारत का आखरी लोकसभा चुनाव है, 2024 में चुनाव नहीं होगा- साक्षी महाराज
👉हमारी सरकार 50 साल तक भारत की सत्ता पर बनी रहेगी-अमित शाह (1)
देश 2014 के बाद सही अर्थ में आजाद हुआ है- कंगना राणावत
पिछले 70 साल का कचरा साफ करने में समय तो लगेगा ही- विक्रम गोखले
कभी सोंचा आपने कि समय समय पर इस तरह के बयान संघ भाजपा और मोदी सरकार के मंत्रीयों ने और उद्योगपति समर्थकों ने क्यों दिये है??
जो घटिया,दंगाई और जलील
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आदमी बुढ़ापे तक बूढ़ी मां को और उसकी गरीबी को बेंचता रहा,बीवी को छोड़ कर भाग गया,कभी अपने बाप का जिक्र नही करता।जिस पर 2014 तक न जाने कितने आपराधिक मुकदमे थे,जो बेगैरत जवानी से लेकर बुढ़ापे तक देश से झूठ बोलता रहा,उस मक्कार को क्यों अवतारी घोषित किया जा रहा है??
अम्बानी,अडानी
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और रामदेव जैसे लोगो ने देश में मोदी सरकार बनाने में साम,दाम,दंड,भेद के अलावा हर नीच और गिरी हुई नीतियों और भाषा का इस्तेमाल किया
क्या वो इतनी आसानी से मोदी सरकार जाने देंगे?
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इन लोगों ने देश में नोटबंदी करके अपना सभी काला धन कानूनी रुप से सफेद कर लिया और आम जनता का पैसा एक
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जगह इकट्ठा करके उस पर कब्जा कर लिया।
(जनधन खाते खुलवाना और फिर नोटबन्दी करना ये सब प्री प्लान था)
>देश की लगभग सभी बड़ी बड़ी सरकारी कंपनियों को इन्ही उधोगपतियों को कौड़ी के दामों में बेंचना शुरू कर दिया गया।
>कश्मीर,त्रिपुरा,आसाम,मेघालय जैसे राज्योंके साथ साथ देश के लगभग हर
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राज्य को दंगों की आग में झोंकने की कोशिश जारी हैं।
चीन ने देश की सीमा के अंदर घुस कर पूरा एक गांव बसा लिया,मगर मोदी सरकार इस तरफ कुछ भी ध्यान नहीं दे रही है।
(क्योंकि इनको अपनी तानाशाही चलानेके लिए चीनकी सेनाका ही सहारा लेना पड़ेगा,भारतकी सेनासे इन देशद्रोहियोंको उम्मीद नही)
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तीनो कृषि कानून लाकर ये किसानों की जमीन पर भी कब्जा करना चाहते हैं,इसलिए किसानों को देशद्रोही,खालिस्तानी,आतंकी बोला जा रहा,किसान आंदोलन को कुचलने के लिये हर हथकंडा अपनाया गया,उनकी हत्याएं कराई जा रही है।
👉गुजरात मे इसी साल कई बार करोडो अरबों रुपये की ड्रग पकडी जा रही है।
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इस ड्रग्स का प्रयोग युवाओं को नशेड़ी बना कर उनको दंगों में मरवाने के लिए किया जा रहा है।
👉न्यूज़ चैनल प्री प्लान तरीके से 7 सालों से देश के असली मुद्दों को छोड़ कर केवल हिन्दू,मुस्लिम,पाकिस्तान,कोरोना,जमाती,नेहरू,गांधी,सुशांत सिंह,रिया चक्रवर्ती,आर्यन खान,कंगना राणावत जैसे
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फ़र्ज़ी मुद्दों में आम जनता को उलझाये हुवेहैं।
2017के बाद से आजतक देशके लगभग हर जिलेमें मोदी सरकारके हाइटेक कार्यालय बन कर तैयारहो चुकेहैं,जो कि RSSकी छावनीमें तब्दील किये जायेंगे।
>राष्ट्रपतिसे तीनों सेनाओं का पॉवर छीन कर "CDS"जैसा पद बना कर तीनो सेनाओं पर अब इनका कन्ट्रोलहै
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मोदी सरकार तख्तापलट करके लोकतंत्र को खत्म करके राजतंत्र लागू करके देश में निर्विरोध शासन करना चाहती है।
इस के लिये "दिल्ली" में मोदी सरकार बनाना इनका "पहला दाव" था,जिसे दिल्ली की जनता ने फेल कर दिया।
महाराष्ट्र को जीतना इनका "दूसरा दाव" था. जिसे शरद पवार ने फेल कर दिया.
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पश्चिम बंगाल इनका"तीसरा दांव"था जिसे ममता बनर्जी ने फेल कर दिया।
अब मोदी सरकार को अगर देश मे लोकतंत्र खत्म करके अपनी तानाशाही सत्ता चलानी है तो उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहना इनके लिए सबसे ज्यादा जरूरीहै।
इसी वजह से मोदी सरकार हर नीचता का काम करेगी और इसी वजहसे मोदी सरकार
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हर नीचता का काम करेगी और इसी वजह से मोदी सरकार ने तीनो कृषि कानून वापिसी का झूठ बोला है।
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क्योंकि देश पूरी तरह बर्बाद होने वाला है महंगाई,बेरोजगारी,गिरती अर्थव्यवस्था को रोकना अब इनके बस के बाहर हो चुका है।
इन देशद्रोहियोंको अच्छे से पताहै
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कि सत्ता हाँथ से जाने के बाद जनता इन्हें सड़कों पर कुत्ते की तरह नंगा करके मारेगी।
मोदी को सत्ता में बनायें रखने से "RSS" को अपना राजतंत्र का एजेंडा निर्विरोध पूरा करना आसान होगा.
मोदी को सत्ता में बनायें रखने से कुछ उधोगपतियों को भारत देश को निर्विरोध प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
बनाना आसान होगा.
इसलिये "सेंट्रल विस्टा" का हर हाल में 2022 तक निर्माण करना ही मोदी को "तानाशाह" बना कर सत्ता में बनायें रखने के लिये किया जा रहा है।
सभी लोग अच्छे से सोंचिये,
सोशल मीडिया के नशे से बाहर आइये,
और इनके असली खेल को समझिये।
कोई भी विपक्ष की पार्टी या नेता खुल कर
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इनका विरोध नही करेगा क्योंकि ये विपक्षी भी ससुरे सबके सब चोर हैं।
जिस तरह तालिबान के अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद अफगानिस्तान के ज्यादातर नेता देश छोड़ कर भाग गए,वही यहाँ होगा।
विपक्ष के जो नेता मोदी सरकार की गुलामी स्वीकार करेंगे वही यहां रहेंगे बांकी सब भाग जायेंगे।
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मरेगा कौन????
देश की आम जनता।
यानी,
हम और आप।
Note👉मानो तो ठीक न मानो तो तैयारी कर लो गुलामी की।
अब इनका असली मकसद तख्तापलट ही है। (17) @BramhRakshas
व्हाइट हाउस में रंभाते हुए जैकोब चांसले याद हैं??
इनको 41माह की जेल हो गयी है। सजा के पहले इन्होंने लम्बी चौड़ी स्पीच दी, और बताया कि देश समाज और धर्म की रक्षा के लिए गौमाता बनकर इन्होंने कैपिटोल हिल याने अमेरिकन सन्सद पर चढ़ाई कर दी थी।
गौमाताके लिए भारत मे भी सन्सद पर चढ़ाई
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कर दी थी।
गौमाता के लिए भारत मे भी सन्सद पर चढ़ाई करने वाले एक बाबा हुए थे। नाम है - करपात्री जी महाराज।
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व्हाट्सप यूनिवर्सिटी के डिजिटल ग्रन्थ " दुष्ट इंदिरा की बदमाशियां" -भाग 22, फारवर्ड क्रमांक 169228 (2)ख के अनुसार..
करपात्री जी महाराज एक महान सन्त, स्वतंत्रता संग्राम
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सेनानी,गोभक्त एवं वचनसिद्ध संत थे।उनका मूल नाम हरि नारायण ओझा था।वे हिन्दू दसनामी परम्परा के संन्यासी थे। दीक्षा के उपरान्त उनका नाम”हरिहरानन्द सरस्वती”था किन्तु वे“करपात्री”नाम से ही प्रसिद्ध थे क्योंकि वे अपने अंजुली का उपयोग खानेके बर्तन की तरह करते थे।
दिखा रहा है कि हमारा भविष्य कैसा होगा जहाँ बाकी देशों में "चुनाव "विकास के आधार पर लड़ा जाता है वही भारत में इलेक्शन "हिंदू , मुसलमान , मंदिर , मस्जिद , गाय , गोबर , गोमूत्र " इसके सिवा कुछ नहीं.! दुनियां को अन्न किसान देते हैं हमारे यहां अन्नपूर्णा की पत्थर की मूर्ति देती है ,
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कनाडा से पत्थर की मूर्ति लाकर लाखों रूपया खर्च कर उसमे प्राण प्रतिष्ठाका ढोंग करके धर्म के नाम पर नाटक किया जाताहै।
भारत की युवा पीढ़ी को शिक्षासे इसलिए दूर रखा जाताहै क्योंकि शिक्षा से भारत का युवा जागरुक होगा जिससे उसे दुनिया की समझ होगी और वो फिर सरकार से हिसाब मांगेगा इसी
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वो हिन्दू माँ का लाल था।
और पठान का बच्चा था। बेहद दयावान, कृपालु , प्रजापालक था। एंटायर फ़ारसी, कुरान, एस्ट्रोनमी, गणित, विज्ञान और इकॉनमिक्स का ज्ञाता था। 19-19घण्टे बस यही सोचता कि प्रजा का भला कैसे हो। उसने बारी बारी से "शबका भला" करने का डिसाइड किया।
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तो उसने तय किया
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कि वो किसानों की आय दोगुनी कर देगा। रियासत की सारी जमीन जिस पर काश्त न की जाती हो, गरीब मजदूरों को खेती के लिए देना तय किया। जमीन पाकर जब वे "उन्नत खेती" करते,तो आय डबल उनकी भी, राजा की भी...
योजना शुरू हुई। लेकिन राजा की पार्टी के अफसरों ने अच्छी अच्छी जमीनों को खुद ही बेनामी
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रख लिया।बेकार जमीनें जनतामें बांट दी।घर से दूर,जंगलों ,पहाड़ों की तलहटी में,बंजर बियाबान में जाकर कौन खेती रहता।योजना फेल हो गयी।
लेकिन अफसर,योजना की सफलता के किस्से बताते रहे,और तकाबी,ट्रेनिंग और पानी की व्यवस्था के नाम पर खजाने से पैसे लेतेरहे। सफलताके आंकड़े जारी होतेरहे।
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राज्यसभा एडजर्न कर, बहुमत के बगैर, आसंदी की कुटिलता से ध्वनिमत बताकर पास किये कृषि कानून, खत्म करने के लिए प्रधानसेवक सन्सद के दरवाजे जाएंगे। नया फरमान है, कि सरकार बहादुर, फार्म लॉज वापस लेंगे। सब कुछ, पूर्ववत हो जाएगा।
क्या सचमुच??
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सारे किसान खालिस्तानी आतंकी बताये गए। उन्हें देशद्रोही कहा,पाकिस्तान भेजा।दिन रात टीवी पर बेशर्म बहसें चली।पुलिस के सामने गुंडों ने किसानों पर पत्थर बरसाए।लाठियां भांजी,पानी फेंके। किसान नेता बदनाम किये गए, उनके टेंट जलाए गए,सौ से उपर लाशें गिरी।
देश के वक्षस्थल जो चाकू घोपा
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जा रहा था,वो एक तरफ रख देने की घोषणा हुई है।हुक्म है कि अधमरा,लहूलुहान देश अब अपने घर लौटने को आजादहै।
अब हमें यकीन करना है,कि सड़को पर बिछाई कीले निकाल दी जाएंगी।कंक्रीट के बैरिकेट तोड़े जाएंगे।खुदी हुई सड़के पाटी जाएंगी।मरे हुए लोग जिंदा होकर अपने घरों में खुशी खुशी लौटेंगे।
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जब सबसे ज्यादा शोषित शिक्षकों की बात की जाये,मेरे शिशु मंदिर के आचार्य जी और दीदी जी का नाम शायद सबसे आगेहोगा।
सरस्वती शिशु मंदिर उस दौरके संस्थान हैं जब RSSदेश की राजनीति में सिमट चुका था। राजनैतिक हार पे हार झेलता हुआ,जनसंघ, जनता पार्टी,
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भारतीय जनता पार्टीके नए नए नामो से अपनी जमीन तलाशता हुआ संघ अगर अपनी वैचारिक भूमि पर टिका रहा,सरस्वती शिशु मंदिरों का इसमे गुरुतर योगदानहै।
विद्या भारती नामक अनुषांगिक संगठन,lइन स्कूलों का पैतृक सन्गठन होता है।सन्चालन समिति जो स्वतंत्र होती है,स्थानीय रूप से पंजीकृत हो सकतीहै।
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ये स्थानीय गणमान्य से बनी है। अमूमन संघ से जुड़े कार्यकर्ता केंद्रीय भूमिका में होते है, पर दानदाता भी शामिल होते हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर अमूमन राज्यों के बोर्ड से एफिलिएटेड होते हैं। छोटे शहरों में , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरस्वती शिशु मंदिरों का योगदान स्तुत्य है।
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एक जनपद में सीएम3लाख रुपया अनुदान बाँटने गये,कार्यक्रम समाप्त होनेके बाद एक पत्रकारने डीएम से पूछा कि डीम साहब बताइये सीएमके आजके कार्यक्रम पर खर्च कितना हुआ?डीएम ने कहा येआपको क्या किसीके लिये मैं जबाबदेह नहींहूँ।
पत्रकार ने कहा मननोहन सिंहने आरटीआई कानून दियाहै मैं पूछलूँगा
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तब तो आपको बताना ही पड़ेगा,इसलिये बेहतर होगा आप ऐसे ही बता दें मैं छापूँगा नहीं ।
डीएम ने कहा भाई सीएम का प्रोग्रामथा तो खर्च तो करना ही पड़ेगा फिर सरकार का ही पैसा है मेरे बाप का तो नहीं,पत्रकार ने कहा तो सीएम के बाप का है,चलिये बताईए ,डीएम ने बताया27लाख के लगभग खर्च आयाहै।
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अब आप समझिये गरीबी क्यों न हो देश में,३ लाख बांटने मे२७लाख खर्च।गांव की कहावत है . ", जितनी की मुर्गी नगी उतनी की चोथाई"
कुत्ते खारहेहैं ,चोर हरामखोर मौज कर रहे हैं,भड़वे ऐश कररहे है,तानाशाह राज कररहे हैं,लुटेरे पूँजीपति देश चलारहे हैं आधिकारी शासन कररहे हैं।
जनता हिन्दू मुस्लिम