‘कठिनाईयों का सामना करो. इससे भागो मत. समाधान खोजिए भले ही वह छोटा हो. यदि आप कुछ करते हैं तो लोग संतुष्ट होंगे.’:
कुमारासामी कामराज का ये गुरु मन्त्र था अपने मद्रास मंत्रमंडल के सहयोगियों के लिए. #RememberingKamaraj 1/n Image
आज छोटे छोटे फायदे के लिए कांग्रेस के बड़े नेता विचारधारा से समझौता कर खुद को बेच रहे है तो अपने समय के राजीनीति के चाणक्य कामराज की बहुत याद आती है.

कामराज की राजनीती की शुरुआत 15 साल की उम्र में जलियावाला बाग के चलते स्वतंत्रता आंदोलन से हुई. #RememberingKamaraj 2/n
जब वे 18 साल के हुए तब गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी. कामराज इस आंदोलन में ज़ोर-शोर से शामिल हुए. 1930 में कामराज ने नमक सत्याग्रह में हिस्सा लिया और पहली बार जेल गए. इसके बाद तो वो जेल आते जाते रहे, अंग्रेजी शासन में कुल 3000 दिन जेल में रहे #RememberingKamaraj 3/n Image
शिक्षा के अधिकार कानून की नीव दरअसल तब पड़ी जब 3 अप्रैल 1954 को कामराज ने मद्रास के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने हर गांव में प्राइमरी स्कूल और हर पंचायत में हाईस्कूल खोलने की मुहिम चलाई. और 11वीं तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की योजना चलाई. #RememberingKamaraj 4/n Image
यही नहीं, उन्होंने स्वतंत्र भारत में पहली बार मिडडे मील योजना चलाई. उनका कहना था कि राज्य के लाखों गरीब बच्चे कम से कम एक वक्त तो भरपेट भोजन कर सकें. उन्होंने मद्रास के स्कूलों में मुफ्त यूनिफॉर्म योजना की शुरुआत की. #RememberingKamaraj 5/n Image
इसी तरह मद्रास में तय समय के भीतर सिचाईं परियोजनाओं को पूरा करने और हर गांव में आजादी के महज 15 साल बाद बिजली पहुंचाने का श्रेय भी उन्हें जाता है. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि मद्रास भारत में सबसे अच्छा प्रशासित राज्य है. #RememberingKamaraj 6/n Image
1962 के बाद जब कांग्रेस का जनाधार घटने लगा तब कामराज ने सुझाव दिया की कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को सत्ता छोड़ संगठन में वापस लौट कर लोगो को कांग्रेस से जोड़ना चाहिए. कामराज के इसी सुझाव को कामराज प्लान के नाम से जाना जाता है. #RememberingKamaraj 7/n Image
कामराज ने 02 अक्टूबर 1963 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और साथ ही, छह कैबिनेट मंत्रियों और छह मुख्यमंत्रियों ने त्यागपत्र दिया. कामराज को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया #RememberingKamaraj 8/n
इनमे शामिल थे कैबिनेट मंत्री में मोरारजी देसाई, लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम और एसके पाटिल वहीं, चंद्रभानु गुप्त, एमपी के मंडलोई और बीजू पटनायक जैसे मुख्यमंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया. कामराज प्लान ने कांग्रेस को मजबूती प्रदान की #RememberingKamaraj 9/n
1964 में नेहरू जी का देहांत के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए लालबहादुर शास्त्री और मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाने के लिए संघर्ष आरम्भ हो गया, कांग्रेस अध्यक्ष कामराज के सामने अगला प्रधानमंत्री चुनने की चुनौती थी. #RememberingKamaraj 10/n Image
कामराज ने इस समय सर्वसम्मति का मास्टर स्ट्रोक फेंक कर की बात कर मोरारजी देसाई के तेवर ठंडे कर दिए. कामराज के नेतृत्व में सिंडीकेट ने शास्त्री का जी समर्थन किया. शास्त्री को नेहरू का शिष्य माना जाता था. #RememberingKamaraj 11/n Image
शास्त्री जी की जनवरी 1966 में मौत हो गई. इस बार मोरारजी देसाई सर्वसम्मति की बात नहीं माने.

वह मतदान कराने की बात पर अड़ गए. कामराज ने इंदिरा गांधी के लिए लामबंदी की. इंदिरा कांग्रेस संसदीय दल में 355 सांसदों का समर्थन पाकर प्रधानमंत्री बन गईं. #RememberingKamaraj 12/n Image
हालांकि सिंडीकेट ने इस बार कामराज के नाम का भी प्रस्ताव प्रधानमंत्री पद के लिए दिया, लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया. उन्होंने पश्चिम बंगाल के नेता अतुल्य घोष से कहा जिसे ठीक से हिंदी और अंग्रेजी न आती हो, उसे इस देश का पीएम नहीं बनना चाहिए. #RememberingKamaraj 13/n
72 वर्ष की उम्र में अक्टूबर 1975 को हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई. 1976 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया
कामराज भारत के पहले ग़ैर-अंग्रेजी भाषी मुख्यमंत्री थे, तमिलनाडु में उनके नौ साल के कार्यकाल को सर्वोत्तम प्रशासन के लिए जाना जाता है #RememberingKamaraj 14/n Image
ये कहानी इसलिए अत्यधिक प्रासंगिक है क्योंकि आज राजे रजवाड़े भी जब छोटे फायदों के लिए बिक रहे है, कामराज ने देश को दो प्रधानमंत्री देने के बाद भी देश हित और कांग्रेस हित में पहले मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया फिर प्रधानमंत्री पद ठुकराया. #RememberingKamaraj 15/n ImageImage

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25 Nov
एक दवा जो लगातार सोशल मीडिया पर किया जा रहा है:

नरेंद्र मोदी ने माफ़ी मांग कर किसान आन्दोलन ख़त्म कराया और कांग्रेस ने किसानो पर गोलिया चलवा कर.

चलिए इन दावो की हकीकत चर्चा कर लेते है. #FarmersProtest 1/n Image
सर्वप्रथम, क्या किसान आन्दोलन ख़त्म हो गया? बिलकुल भी नहीं, उलटा किसान आन्दोलन और तेज हो गया, उन्हें प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर ही संदेह है, 29 नवम्बर को किसान संसद तक ट्रेक्टर रैली निकालेंगे. #FarmersProtest 2/n Image
अब बात करते है इनके दावे के दुसरे हिस्से की, जो तस्वीर ये किसानो की बता रहे है वो है 2007 में पुलिस फायरिंग में मारे गए CPI(M) कार्यकर्ताओ की, स्थान है मुदिगोड़ा गाँव खम्मम जिला आंध्र प्रदेश की. #FarmersProtest 3/n Image
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18 Nov
~#Thread
हमने आपको कुछ दिन पहले बताया किस प्रकार पंडित नेहरु की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर आरएसएस से जुड़े लोग उसे गलत तरीके से पोस्ट करते है, आज बात करते है आरएसएस के निशाने पर एक दूसरी शख्सियत की, और वो शख्सियत है नेहरु परिवार की ही श्रीमती सोनिया गाँधी #SoniaGandhi 1/n
सोनिया गाँधी की मालदीव के राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात की फोटो की फोटो को एडिट कर गंदे तरीके से पोस्ट किया जाता है, पहली पिक्चर एडिट की हुई, दूसरी असली फोटो. इस प्रकार ना केवल भारत की बहु बल्कि मालदीव जैसे मित्र राष्ट्र का भी अपमान किया जता है भाजपा आरएसएस द्वारा #SoniaGandhi 2/n
शिवसेना के कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के साथ ही शिवसेना आरएसएस और भाजपा के निशाने पर रही है. इसी क्रम में आरएसएस और भाजपा समर्थको द्वारा शिवसेना भवन से बालासाहेब की फोटो की जगह सोनिया गाँधी की फोटो पोस्ट की जा रही है, दो फोटो पहली नकली दसरी असली #SoniaGandhi 3/n
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17 Nov
DR. B R AMBEDKAR COLLECTED SPEECHES & VOLUMES 1 PAGE NO. 146
"मुझे खुशी हुई भारत पाकिस्तान से अलग हो गया। मै दार्शनिक था पाकिस्तान का। मैंने विभाजन की वकालत की क्योंकि मुझे लगा कि यह केवल था विभाजन से कि हिंदू न केवल स्वतंत्र होंगे बल्कि मुक्त स्वावलंबी होंगे। #AmbedkarFacts 1/4
अगर भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र होकर एक राज्य मे एकजूट होते तो हिंदुओंको मुसलमानों की दया पर जीना होता। एक स्वतंत्र भारत हिंदुओं के दृष्टिकोण से एक स्वतंत्र भारत नहीं होता। #AmbedkarFacts 2/4
यह हिंदू और मुस्लिम इस दो राष्ट्रोंद्वारा एक राज्य की सरकार होती. बिना सवाल के ये दोनों राष्ट्रोंमे मुसलमान सत्ताधारी जमात बन जाती, हिंदू महासभा और जनसंघ के बावजूद। #AmbedkarFacts 3/4
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चलिए आज बात करते है बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की, बाबा साहेब को संविधान का निर्माता माना जाता है, मगर कुछ ऐसे पहलु भी है जिनपर कभी विचार ही नहीं किया जाता है. आज उन्ही की बात करते है. 1/n
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16 Nov
संघ से जुड़े लोग WhatsApp और फेसबुक के माध्यम से एक बात को बार बार फैलाते है की गांधी जी चाहते तो शहीद भगत सिंह की फांसी की सजा रुकवा सकते थे. चलिए आज इसी की सत्यता को परखा जाए #BhagatSinghAndGandhi 1/n
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17 फरवरी, 1931 को गांधी जी और वायसराय इरविन के बीच राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई, 18 फरवरी को गाँधी जी ने इरविन से कहा "इस मुद्दे का हमारी बातचीत से संबंध नहीं है. मेरे द्वारा इसका जिक्र किया जाना शायद अनुचित भी लगे. लेकिन #BhagatSinghAndGandhi 3/n
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15 Nov
#Thread
हिंदुत्व महज 100 साल पहले, सावरकर के राजनैतिक दर्शन से उपजा राजनैतिक पंथ है। इसकी जड़ें प्राचीन हिन्दू धर्म मे नही, इटालियन डॉक्ट्रिन ऑफ फासिज्म में हैं। हिंदुत्व उस दौर में सफलता के चरम पर खड़े फासिज्म से चुंधियायी आंखों का स्वप्न है। #HindutvaIsNotHinduism 1/n
हिंदुत्व, हिन्दू धर्म नही है। हिन्दू शब्द पर आस्था रखने वाली जनता, शब्दो के महीन खेल से विचलित हो रही है। सचाई यही है, कि हिंदुत्व, हमारा सनातन धर्म नही है। हमारी वैदिक परम्पराएँ, हमारा कल्चर, हमारे आदर्श और शिक्षाएं, हिंदुत्व नही है। #HindutvaIsNotHinduism 2/n
बेझिझक इसमे हिन्दू धर्म के प्रतीकों, नारों, श्लोक का इस्तेमाल होता है। हमारे ईश्वर, देवताओं, हमारी मान्यताओं, हमारी वेशभूषा, गाय, तिलक, श्लोक, और तमाम सिंबल का इस्तेमाल होता है। चुराकर, कब्जा करके, धोखे से, प्रोपगेंडे के साथ इस्तेमाल होता है। #HindutvaIsNotHinduism 3/n
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