शीशे की अदालत है , पत्थर की गवाही है
-------------------------------
एक आतंक वादिनी अपने समकक्ष दूसरे आतंकवादी को देश भक्त नहीं , तो क्या कहेगी ?
प्रश्न यह है कि हम उसे क्या कहते हैं । यदि हम भी उसकी यह उक्ति चुपचाप सुन लेते हैं , और सहन कर लेते हैं , तो समझो हम सुन्न हो गए ।
1
हमे भी साम्प्रदायिकता का कोढ़ व्याप चुका है ।
डाकू स्वयं को बागी (विद्रोही ) कहता है ,और ज़ेब कतरा स्वयं को कुशल जादूगर अथवा हाथ की सफाई का ललित कलाकार मानता है ।
पंजाब के आतंकवादी स्वयं को खाड़कू (धर्म योद्धा) कहते थे।उन्होंने लेखक - पत्रकार खुशवंत सिंह को सम्मन भेज जवाब तलब
2
किया कि तुम हमें आतंक वादी कहते और लिखते हो । क्यों न तुम्हे दण्डित किया जाए ?
तब बिंदास और बहादुर लेखक ने उत्तर दिया - मैंने कभी भी तुम्हे आतंकवादी नहीं कहा । बल्कि मैंने हमेशा तुम्हे लुच्चा कहा है , क्योंकि तुम वही हो ।
यह अंधाधुंध का दौर है । हत्यारे , लुटेरे , पत्थर बाज़ और
3
दंगाई स्वयं को देशभक्त कहते हैं । वह वारदात करने से पहले जय श्री राम अथवा भारत माता की जय बोलते हैं , जैसे कि डाकू जय भवानी कहता है ।
इस वक़्त स्वयं की जान और ईमान बचाना ही सबसे बड़ी चुनौती है । इतिहास की अधिष्ठात्री देवी किसी काल खंड को जान बूझ कर धमन भट्टी में झोंकती है ।
4
सभ्यता के जल स्यंदन को तूफान में फंसाती है , ताकि नाविकों के बाजू अभ्यस्त रहें ।
करोड़ों वर्ष पुरानी पृथ्वी के लिए 5 या दस साल का समय पलक झपकने जैसा है । देखते न देखते बीत जाता है ।
5
@BramhRakshas
@threadreaderapp please unroll

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Shueb Khan

Shueb Khan Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @ShuebKh16859893

29 Nov
आओ सुनाऊ तुमको अम्बानी की कहानी..

बहुत साल पहले अक्षय कुमार की एक फ़िल्म आई थी जिसमें उनका तकिया कलाम था "एवेर्थिंग वास प्लांड" मतलब सबकुछ पहले से ही तय था "जियो" की कहानी भी कुछ इसी तरह की है मैं टेलिकॉम सेक्टर काम कर चुका हूँ तो इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि रिलायंस किस
1
तरह काम करता है उसके बिजनेस मॉडल को नही जानने वाले आज जियो के कॉल रेट बढने पर जो स्यापा कर रहे है वो टेल्को (टेलिकॉम कम्पनियों)को काम करने के तरीक़े को जब जान जाएंगे तो जियो के कॉल रेट हाई करने को भी समझ जायँगे.

बात 2010 की है जब भारत मे 4g क्या 2g नेटवर्क भी रोते गाते चलता था
2
रिलायन्स मेरी कंपनी का मुख्य क्लाइंट था में अपने नए प्रोडक्ट को लेकर रिलायन्सके बड़े अधिकारीसे मीटिंग करने जा रहा था तब रिलायंस टेलिकॉम अनिल अंबानीके ग्रुप का हिस्सा था मेरे उस अधिकारी से बड़े अच्छे संबध थे तो मैंने उनसे पूछ लिया कि भारत में टेलिकॉम क्राँति तो आपने कर दी है आगे
3
Read 11 tweets
26 Nov
अच्छा एक बात नोटिस की आपने l?
तथाकथित रूप से800साल बाद हिंदुओं की सत्ताके आने के बावजूद ..
दो दो बार पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद भी यदि आप किसी भक्त से बात करो तो वो झुंझलाया हुआ ,बौराया हुआ ,गालियां देता हुआ,दुख से सराबोर ,रोता हुआ रुंदड़ मचाता हुआ
और पूरीतरह असंतुष्ट मिलेगा।
2
इसके उलट आप किसी बीजेपी विरोधी को देखो तो वो मस्त मजे में हंसी मज़ाक करता हुआ टेंशन मुक्त मिलेगा।
कभी सोचा है क्यों?
इसके कारण बहुत गहरे और मनोवैज्ञानिकहै।
चूँकि ये फ़र्ज़ी विकास और हिन्दू सत्ताका छद्मावरण जो इनके पप्पाने जो क्रिएट किया है,ये खुद इन्हे भी अपने गहरे अंतर्मन में
2
विश्वास नहीं की टिक पायेगा।एक्चुयलि टिक ही नहीं सकता।
बाकी ये मुंह से भले ना कहें ,लेकिन आर्थिक रूप से बर्बाद होने का डर और लुटेरी पूंजीवादी नीतियों की ताप अब इन्हे भी सताने लगीं हैं।

इसलिए इस कुंठाको मिटानेके लिए ये हमेशा गाली गलौच,अपन हर वैचारिक विरोधी को मार डालने ख़तम कर
3
Read 9 tweets
24 Nov
पुलवामा हमले वक्त वाइल्डलाइफ सफारी में हाथी का गु सूंघते मोदी द्वारा थोपी गई सर्जिकल का परिणाम ये रहा था, (जो मात्र 9 मिनिट में ही खत्म हो गई) हमारा पायलट उनके कब्जे में चला गया, हमला भूल भाल कर अचानक से गोदी मीडिया द्वारा भड़काए देश मे पायलट बचाने की प्रार्थनाए शुरू हो गई ,
1
अभिनंदन का पाकिस्तान में गिरना पाक द्वारा मिराज मार गिराया जाना पुलवामा हमला 9 मिनिट में ही राष्ट्रीय शर्म का विषय था,जिसे कांगेर्स ने सिर्फ देश हित मे चुनाव जीतने के लिए नही उठाया इसका भी प्रचार कांगेर्स नही करती , देश का असली हित कांग्रेस सोचती है bjp नही ..! जनता तक कांग्रेस
2
की नीतियां नही पहुच पा रही , bjp का झूट पहुच रहा है, राहुल से जनता को कोई उम्मीद नही है, वे भले पढ़े लिखे हार्वर्ड शिक्षित सुसभ्य होने के वजह से लोकप्रिय नही रहे , क्योकि कमर के नीचे वार करना उनकी एथिक्स नही है, मगर प्रियंका गांधी और बाकी बची
3
Read 4 tweets
23 Nov
बर्तन भांडे बेचती सरकार!!!

सदी की सबसे बड़ी आर्थिक विपन्नता में फंसी हुई सरकार, रात की रोटी दारू के लिए दिन में बर्तन बेच रही है। बहाना-"गवर्नमेंट मस्ट नॉट डू बिजनेस"

अगर बॉम्बे हाई को सरकार चला नही सकती, तो एक कम्पनी बनाकर शेयर कमर्चारियों में बांटदे।हो गया प्राइवेटाइजेशन।
4/1
सरकार बाहर, कमर्चारी अंदर। आज तक बॉम्बे हाई को इंजीनियर्स और मैनजर्स ही चलाते आये थे, भाजपा नही। आगे भी चला लेंगे।

ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन के अधिकारियों की एक यूनियन ने कंपनी के सबसे बड़े तेल एवं गैस क्षेत्र मुंबई हाई को ‘थाली में सजाकर’ विदेशी कंपनियों को देने के
4/2
पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सरकार को ऐसा करने की बजाय कंपनी को सशक्त कर उसे समान अवसर देने चाहिए।

रोज पांच किलो दूध देने वाली गाय को ,
4/3
Read 5 tweets
20 Nov
हमारे यहां पंजाब में एक कौम होती थी "मिरासि"

शायद कुछ जगह उन्हे भांड भी कहते हैं वो हमेशा दुआ किया करते थे कि उनके जजमान ( नंबरदार ) के घर बेटा पैदा हो बेशक नंबरदार नी मर चुकी हो उसकी जगह मिरासन को ही ये कुर्बानी क्यों न करनी पड़े।

कुछ ऐसा ही अभी भारत महान के मीडिया पर संबित
1
संबित पात्रा की क्लिप और पीछे से एंकर साहिबा के उद्घोष सुनकर अहसास हुआ।
नवजोत सिंह सिद्धू आज करतार पुर साहिब की यात्रा पर गए हुए थे वहां उन्होंने बोला कि वो भारत पाकिस्तान के बीच खुले व्यापारिक सम्बन्धों के हिमायती हैं और इमरान खान उनके बड़े भाई जैसे है।
वैसे याद रखना चाहिए कि
2
श्री करतार पुर कॉरिडोर बनने के पीछे सिद्धू की ही कूटनीति थी और इसका कितना सम्मान वहां जाने वाले श्रद्धालुओं के मन में होता है उसको शब्दो मे बयान नहीं किया जा सकता।

अगली कड़ी में कल से बड़े साहब की जलालत से ध्यान भटकानेके लिए इसी विषय पर पेडिग्री पॉल्यूशन फैलाया जाएगा जिसके लिए
3
Read 8 tweets
17 Nov
क्या गमहै जिसको छिपा रहेहो.
कॉलेजके दिनोंके हमारे एक सहपाठी हैं!बड़ेही हँसमुख और मिलनसार आदमी हैं!एक बार मुझे उनके गांव(विलेज)जाना हुआ!ऐसे बतकही चल रही थी..कि तभी बरामदे में 20-22साल का एक नौजवान दाखिल हुआ!

उसकी तरफ इशारा करके उन्होंने मुझसे कहा- कपिल!एकरा से पूछ!शरीफ़ा खाई?
7/1
(इससे पूछो शरीफ़ा खायेगा)
मैंने पूछ लिया!
अब वो नौजवान लगा मुझे गरियाने! मैं भी आश्चर्यचकित!! हमारी पहले कभी मुलाकात भी नहीं हुई और ये गरिया ऐसे रहा है जैसे हम वर्षों से पडोसी हों!
गाली वाली देकर जब वो चला गया तो मैंने मित्र से पूछा- ये शरीफा वाला मामला क्या है बे?
मित्र महोदय जब नौवीं कक्षा में थे तो उन्होंने अपने बगीचे में शरीफे का एक पेड़ लगाया! नर्सरी से लाकर! जो नौजवान गरिया रहा था वो भी उसी स्कूल में पढता था! दो या तीन कक्षा नीचे!
पौधा लगाने के दो तीन महीने बाद स्कूल में किसी बात पर मित्र में और नौजवान में कहासुनी हो गयी!
7/3
Read 8 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(