डिअर मुसलमान मित्रों,
आपने अनुभव किया कि चाहे वह राहुल गांधी हों, चाहे अरविंद केजरीवाल हों, चाहे ममता बनर्जी हों या अखिलेश यादव, सभी लोग अपने आपको हिंदू दिखाने के लिए अचानक से मंदिरों का चक्कर लगाने लग गए, जनेऊ दिखाने लग गए आदि इत्यादि...
आपने अब तो समझ लिया होगा कि यह लोग जहां से वोट की आशा है वही का रुख करते हैं अर्थात जब तक आप लोगों के वोटों से इनको जीत नजर आ रही थी तब तक इन्होंने जालीदार टोपी पहनी लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से सफलता अर्जित की उसी राह पर चलते हुए अब यह लोग जनेऊ धारण कर रहे हैं।
आप लोगों ने भारतीय जनता पार्टी से एक दूरी बनाए रखी जिसका उपयोग अन्य लोगों ने सत्ता प्राप्ति के लिए किया और वे इसमें वर्षों तक सफल भी रहे। अब जब आपके सामने प्रत्यक्ष उदाहरण है कि कोई भी दल आपका सगा नहीं है बल्कि वह सिर्फ सत्ता चाहता है आप के बल पर,
तो क्यों ना अबकी बार आप सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी का ही साथ दे देते... जब दूसरे दल आपको फोटो और सत्ता के लालच में छोड़ सकते हैं तो अबकी बार आप भी उन्हें छोड़कर भाजपा का साथ दें क्योंकि अब तक के भाजपा के शासन में आपने देख लिया कि शासन अच्छा चलाते हैं।
एक ऐसे दल के साथ जुड़िये जिसके साथ देश के बहुसंख्यक हिंदुओं का वोट और विश्वास दोनों है। आखिर किसी देश के बहुसंख्यक समाज से लकीर खींच कर कब तक चला जा सकता है?? क्यों झगड़ा करना है, जबकि इस देश का बहुसंख्यक समाज हिंदू है और वह सह अस्तित्व की भावना का पालनकर्ता भी है।
अतः अब की बार आप खुले मन से भारतीय जनता पार्टी का साथ दीजिए और सभी दोगले लोगों को बता दीजिए कि आप उनकी चाल समझ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि आज की भारतीय जनता पार्टी भी अपने सर्वोत्तम स्वरूप में आपके समक्ष है जिसका नेता और प्रधानमंत्री देश को ही अपना परिवार मानता है और सोते जागते देश की प्रगति के बारे में सोचता रहता है तथा देश के हितों से कभी भी समझौता नहीं करता चाहे उसे कितना भी कठिन निर्णय लेना पड़े।
अच्छे आदमी का साथ देकर, समर्पित व्यक्ति का साथ देकर, आइए हम साथ साथ चलें और विश्वास के साथ विकास के रास्ते पर चल कर विश्व गुरु बने।
याद रखें कि देश मजबूत होगा तो विदेश में भी आपकी इज्जत होगी।
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"डाब-र" और "पतंज-लि" अपने शहद पर इस बात का उल्लेख क्यों नहीं करते कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है...?? यदि वे मधुमक्खी पालन के द्वारा शहद एकत्र करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है। उनका शहद हमेशा एक जैसे स्वाद का कैसे होता है?
सिरप का स्वाद एक जैसा होता है। एक मधुमक्खी पालक किसान आपको आसानी से बता सकता है कि उसका कौन सा शहद किन फूलों के रस से बना है और किसी #beekeeper से जब आप #Honey लेंगे तो आपको अलग-अलग स्वाद के शहद मिलेंगे अर्थात वे अलग-अलग फूलों से प्राप्त रसों से मधुमक्खियों द्वारा बनाए गए हैं।
बड़ी कंपनियों का जितना शहद बिकता है उस हिसाब से मधुमक्खी पालन के लिए उनके पास जो एपियरी होगी वह हजारों एकड़ में होगी। यदि शहद में मिलावट नहीं किया जाता है तो इन कंपनियों द्वारा उतनी मात्रा में शहद कैसे बेच दिया जाता है जितना पूरे भारत में उत्पादन होता है।
बीजेपी का चुनाव घोषणा पत्र अब तो पढ़ लो... आने वाले समय में आपको कोई झटका तो नहीं लगेगा कम से कम?? पहले से ही पता होगा कि क्या क्या होने वाला है ।
😊💐😊
1- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य 2- 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों का गठन में सहायता 3- ई-नाम, ग्राम और प्रधानमंत्री आशा योजना के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रप्च करने के लिए पर्याप्त बाजार अवसर
4- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सारे किसानों को वित्तीय सहायता सुनिष्चित करने की दिशा में कार्य 5- 60 वर्ष की आयु के उपरांत सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों हेतु पेंशन योजना
मैंने करीब करीब 50 नए वोटर बनवाए हैं जो 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पहली बार मतदान करेंगे। उसमें से 2 वोट तो मेरे पुत्र और पुत्री के बने हैं।
आप भी अपने आसपास नजर दौड़ाएं और पात्र लोगों के वोट बनवाने में मदद करें।
एक बूथ पर 700 से 1000 तक मतदाता होते हैं। यदि आपने 10 लोगों के वोट भी बनवा दिए 1% अथवा उससे ज्यादा का योगदान तो सिर्फ आपका ही हो जाएगा।
यदि आप समय नहीं निकाल पा रहे हैं और नए वोट नहीं बनवा पा रहे हैं तो कम से कम अपना वोट अवश्य चेक कर लें।
मेरा अनुभव है कि मतदान वाले दिन बहुत से लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि इस बार उनका वोट कट गया। ऐसा विभिन्न कारणों से हो जाता है। अतः एक बार भारत निर्वाचन आयोग के एप पर जाकर अपना तथा अपने परिजनों का वोट चेक कर लें।
एक स्थिति की कल्पना कीजिये।
मान लीजिये कि चीन ने हम पर आक्रमण कर दिया है।
तो हमें क्या करना चाहिये?
नेचुरली, हमें प्रत्युत्तर में चीन पर काउन्टर अटैक करना होगा और पूरे रणकौशल और सभी उपलब्ध आयुध(arsenals) के साथ चीन के आक्रमण का जवाब देना होगा।
लेकिन अगर कुछ वामी-कांगी देशद्रोही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दें कि भारतीय सेना को काऊंटर अटैक करने रोका जाय,.....और "सुपरीम मीलाट" वो याचिका एडमिट भी कर लें और फैसला देने तक काऊंटर अटैक रुकवा दें,...तो क्या होगा? फैसला आने तक तो चीन हमारा भुर्ता बना देगा।
अब आप मुझे पागल समझेंगे और पूछेंगे कि आपका दिमाग चल गया है क्या?? भला ऐसा भी है सकता है? कोर्ट को क्या मतलब?
तो मित्रों,.. न मेरा दिमाग चला है, न मैं पागल हूँ लेकिन अब जो बताने जा रहा हूँ उस पर गौर करना जरा और फिर बताना कि क्या मेरी शंका निर्मूल है!