"डाब-र" और "पतंज-लि" अपने शहद पर इस बात का उल्लेख क्यों नहीं करते कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है...?? यदि वे मधुमक्खी पालन के द्वारा शहद एकत्र करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि उनका शहद किन फूलों के रस से बना है। उनका शहद हमेशा एक जैसे स्वाद का कैसे होता है?
सिरप का स्वाद एक जैसा होता है। एक मधुमक्खी पालक किसान आपको आसानी से बता सकता है कि उसका कौन सा शहद किन फूलों के रस से बना है और किसी #beekeeper से जब आप #Honey लेंगे तो आपको अलग-अलग स्वाद के शहद मिलेंगे अर्थात वे अलग-अलग फूलों से प्राप्त रसों से मधुमक्खियों द्वारा बनाए गए हैं।
बड़ी कंपनियों का जितना शहद बिकता है उस हिसाब से मधुमक्खी पालन के लिए उनके पास जो एपियरी होगी वह हजारों एकड़ में होगी। यदि शहद में मिलावट नहीं किया जाता है तो इन कंपनियों द्वारा उतनी मात्रा में शहद कैसे बेच दिया जाता है जितना पूरे भारत में उत्पादन होता है।
खैर यह कंपनियां बहुत बड़ी हैं, इनकी मार्केटिंग बहुत बड़ी है और इनके पास इतना पैसा है कि बिकाऊ सरकारी अधिकारी और बाबुओं को खरीद लेते हैं। आप शुद्ध शहद पाने के लिए लड़कर नहीं जीत सकते। बस आप अपने तार्किक शक्ति का प्रयोग करें और समझ जाएं कि यह मिलावट का बहुत बड़ा धंधा है।
इस देश का मधुमक्खी पालक अच्छी परिस्थिति में नहीं है, और बड़ी संख्या में मधुमक्खी पालक अपना काम छोड़ रहे हैं। आपका सहयोग हम जैसे मधुमक्खी पलकों को अपना काम जारी रखने में सहायता प्रदान करेगा। अनुरोध है कि आप जब भी शहद खरीदें किसी मधुमक्खी पालक से ही सीधे खरीदें।
एक मधुमक्खी पालक आपको अलग-अलग प्रकार का शहद प्रदान कर सकता है जिनका अलग-अलग रंग गंध स्वाद एवं गुण धर्म होता है।
Multiflora Honey, Jamun Honey, Ajwain Honey, Mixed flora Honey, Lichi Honey, Forest Honey, Wild Acacia Honey...
आत्म निर्भर भारत बनाने में आपका योगदान इस प्रकार से हो सकता है कि आप छोटे किसानों की मदद करें और बदले में उनसे बढ़िया और शुद्धतम स्वरूप में उत्पाद लें।
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डिअर मुसलमान मित्रों,
आपने अनुभव किया कि चाहे वह राहुल गांधी हों, चाहे अरविंद केजरीवाल हों, चाहे ममता बनर्जी हों या अखिलेश यादव, सभी लोग अपने आपको हिंदू दिखाने के लिए अचानक से मंदिरों का चक्कर लगाने लग गए, जनेऊ दिखाने लग गए आदि इत्यादि...
आपने अब तो समझ लिया होगा कि यह लोग जहां से वोट की आशा है वही का रुख करते हैं अर्थात जब तक आप लोगों के वोटों से इनको जीत नजर आ रही थी तब तक इन्होंने जालीदार टोपी पहनी लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से सफलता अर्जित की उसी राह पर चलते हुए अब यह लोग जनेऊ धारण कर रहे हैं।
आप लोगों ने भारतीय जनता पार्टी से एक दूरी बनाए रखी जिसका उपयोग अन्य लोगों ने सत्ता प्राप्ति के लिए किया और वे इसमें वर्षों तक सफल भी रहे। अब जब आपके सामने प्रत्यक्ष उदाहरण है कि कोई भी दल आपका सगा नहीं है बल्कि वह सिर्फ सत्ता चाहता है आप के बल पर,
बीजेपी का चुनाव घोषणा पत्र अब तो पढ़ लो... आने वाले समय में आपको कोई झटका तो नहीं लगेगा कम से कम?? पहले से ही पता होगा कि क्या क्या होने वाला है ।
😊💐😊
1- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य 2- 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों का गठन में सहायता 3- ई-नाम, ग्राम और प्रधानमंत्री आशा योजना के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रप्च करने के लिए पर्याप्त बाजार अवसर
4- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सारे किसानों को वित्तीय सहायता सुनिष्चित करने की दिशा में कार्य 5- 60 वर्ष की आयु के उपरांत सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों हेतु पेंशन योजना
मैंने करीब करीब 50 नए वोटर बनवाए हैं जो 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पहली बार मतदान करेंगे। उसमें से 2 वोट तो मेरे पुत्र और पुत्री के बने हैं।
आप भी अपने आसपास नजर दौड़ाएं और पात्र लोगों के वोट बनवाने में मदद करें।
एक बूथ पर 700 से 1000 तक मतदाता होते हैं। यदि आपने 10 लोगों के वोट भी बनवा दिए 1% अथवा उससे ज्यादा का योगदान तो सिर्फ आपका ही हो जाएगा।
यदि आप समय नहीं निकाल पा रहे हैं और नए वोट नहीं बनवा पा रहे हैं तो कम से कम अपना वोट अवश्य चेक कर लें।
मेरा अनुभव है कि मतदान वाले दिन बहुत से लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि इस बार उनका वोट कट गया। ऐसा विभिन्न कारणों से हो जाता है। अतः एक बार भारत निर्वाचन आयोग के एप पर जाकर अपना तथा अपने परिजनों का वोट चेक कर लें।
एक स्थिति की कल्पना कीजिये।
मान लीजिये कि चीन ने हम पर आक्रमण कर दिया है।
तो हमें क्या करना चाहिये?
नेचुरली, हमें प्रत्युत्तर में चीन पर काउन्टर अटैक करना होगा और पूरे रणकौशल और सभी उपलब्ध आयुध(arsenals) के साथ चीन के आक्रमण का जवाब देना होगा।
लेकिन अगर कुछ वामी-कांगी देशद्रोही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दें कि भारतीय सेना को काऊंटर अटैक करने रोका जाय,.....और "सुपरीम मीलाट" वो याचिका एडमिट भी कर लें और फैसला देने तक काऊंटर अटैक रुकवा दें,...तो क्या होगा? फैसला आने तक तो चीन हमारा भुर्ता बना देगा।
अब आप मुझे पागल समझेंगे और पूछेंगे कि आपका दिमाग चल गया है क्या?? भला ऐसा भी है सकता है? कोर्ट को क्या मतलब?
तो मित्रों,.. न मेरा दिमाग चला है, न मैं पागल हूँ लेकिन अब जो बताने जा रहा हूँ उस पर गौर करना जरा और फिर बताना कि क्या मेरी शंका निर्मूल है!