भारत में लोकतंत्र जिस मुकाम तक पहुंच चुका है,अब न्यायालय और सामान्य प्रशासन जैसे विभाग बंद कर दिए जाने चाहिए।एक अपराध पर पुलिस आरोपी की सारी संपत्ति लूट ले।
लोकरुचि के मुताबिक होना तो यह भी चाहिए, कि वह उनके बच्चों का कत्ल भी करे और औरतों की आबरू भी लूट ले।इससे दो फायदे होंगे।
1
पहला ये,कि तत्काल न्याय मिलेगा और तारीख पर तारीख बंद हो जाएगी।दूसरा ये,कि लोग सरकारके सामने खड़े नहीं होंगे।
ऐसा करने से जनताकी गाढ़ी कमाईका जो पैसा सफेद हाथियोको पालने पर खर्च होरहा है,उससे देशके हर नुक्कड़ और चौपाल पर अत्याधुनिक अस्त्र–शस्त्र से पुलिस की तैनाती की जा सकेगी।
2
जो सरकार के खिलाफ बोले, उसे बीच चौराहे पर ठोक दो। इससे अवांछित संपत्ति और अवांछित लोगों को मिटाया जा सकता है। वन नेशन और वन ये–वो के साथ वन कलर, वन आइडियोलॉजी, वन रिलीजन और ऐसे राष्ट्रवादी वन–वन की बहार आ जायेगी।
देश को विचार तो इस पर भी करना चाहिए, कि वन सेक्स की थ्योरी पर
3
क्यों न अमल किया जाय? जाहिर है हम सब पुरुष संघ हो जाएं और थोड़ी–बहुत मशक्कत के बाद पुरुष ही जन्म लेंगे।
आप तो जानते हैं, हमारा देश ऋषि मुनियों का देश है। यहां घास से, हवा से, अग्नि से, खीर से, फल से और न जाने कितनी अनगिनत विधियों से बच्चे पैदा कर लिए जाते थे। तो पुरुष–पुरुष को
4
मिलाकर बच्चे पैदा करना कौन सी बड़ी बात है?
सच कहूं तो वन बाई वन हम ऑल वन एवरीवन की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हमारी पुलिस को सारे पावर मिलने चाहिए, जैसे किसी का भी घर गिराना, किसी को भी कत्ल करना, किसी का बलात्कार करना या किसी का माल इधर से उधर करना।
5
पुलिस को बस एक ही एहतियात बरतनी होगी, की वह सत्ताधारी के जूते अपनी जीभ से साफ़ करती रहे। आप देखिएगा,यदि हम ये करने में सफल हो गए,तो संसार में कोई हमारा सामना करने योग्य नहीं बचेगा। तब हम वन नेशन वन ऑल की तरह वन वर्ल्ड वन ऑल की दावेदारी कर सकते हैं। @BramhRakshas @NiranjanTripa16
मोदी सरकार ने क़ल राज्यसभा में बताया कि रूस से तेल आयात के बारे में भारत सोच भी नहीं रहा है।
उधर मनी कंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से खबर में कहा है ONGC विदेश ने इसी माह दो भारतीय कंपनियों- HPCL और भारत पेट्रोलियम को रूसी सोकोल ऑयल का एक कार्गो बेचा है।
इस खरीद की ख़बर मैंने
1
अपने पोस्ट में दी थी।
यानी 22 घंटे काम करने का दावा करने वाली मोदी सरकार को पता नहीं कि उसकी तेल कंपनियां कहां से तेल लाकर बेच रही हैं।
अमेरिकी दबाव में संसद को झूठ बोलकर गुमराह तो किया जा सकता है, लेकिन सीआईए और बाकी ख़ुफ़िया एजेंसियों से कैसे बचोगे?
ONGC विदेश की रूसी
2
सखालिन प्रोजेक्ट-1 में हिस्सेदारी है। मार्च की शुरुआत में जब तेल बेचने के टेंडर हुए तो अमेरिका के डर से किसी ने भी बोली नहीं लगाई।
लेकिन पिछले दरवाज़े से रूसी तेल भारी डिस्काउंट पर दोनों भारतीय कंपनियों को बेच दिया गया।
अब ONGC विदेश सोच रहा है कि अगर रूसी तेल और कोई नहीं
3
कल सड़क पार अहम जलसा था जिसे दक्षिण एशिया का वर्तमान समय का सबसे बड़ी राजनितिक रैली बताई जा रही है।
उसमे इमरान खान ने विदेशी ताकतों पर उसकी सरकार गिराने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया,अन्ना आंदोलन वालों की तरह कागज लहरा कर सबूत होने का दावा भी किया लेकिन बाद में वायदा करने के
1
बावजूद चिट्ठी दिखानेसे मुकर गया।
बहरहाल यदि उसकी सरकार जाती है तो यह उसके लिए फायदे का सौदा होगा लेकिन यहाँ जिक्र है नवीन विश्व आदेश का जिसकी परछाई मे कल उसका भाषण था।
थोड़ा इतिहास में चलते है तो1857के बाद हिंदुस्तानकी सत्ता ब्रिटिश महारानीके आधीन हो गई।
लेकिन छोटे छोटे राजे
2
राजवाड़े क़ायम रहे,उनके उपर अंग्रेज कलक्टर होता था जिन्हे गवर्नर के आदेश मानने होते थे और गवर्नर के उपर गवर्नर जनरल फिर महारानी।
देखा जाये तो तब कानून व्यवस्था भी बेहतर थी, अदालतों पर भी भरोसा था और नहरो से लेकर रेलवे,डाकघर,बैंकिंग तथा उद्योग भी लग रहे थे।
✍..संघ इसे चिढाने के लिए ही प्रसारित करता हो..
पर है सच।संघीय ढांचे में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनते रहेंगे।
नीचे जो लम्बी चौड़ी सस्थाओ की लिस्ट है,वही सत्ता प्राप्ति का असल जरियाहै,,गैर दलीय संस्थाओ को भाजपा ने खुब पोषण दिया।
कांग्रेस ने गैर दलीय संस्थाओ को लुप्त कर दिया,
8/1
परिणाम सामने है।
*संघ की शाखाओं का Placement देखकर Cambridge, Harvard, Oxford, IIM, IIT, BIT, NIT और पूरी दुनिया हैरान...*
राष्ट्रपति,,,
उपराष्ट्रपति,,,
प्रधानमंत्री,,,
गृहमंत्री,,,
लोकसभा सभापती,,,
2 लाख सरस्वती विद्यामंदिर,,
5 लाख आचार्य,,
एक करोड़ विद्यार्थी,,
2 करोड़ भारतीय मजदूर संघ के सदस्य,,
1 करोड़ ABVP के कार्यकर्ता,,
15 करोड़ बीजेपी सदस्य,,
1200 प्रकाशन समूह,,
9 हजार पूर्णकालिक एवं,,
7 लाख पूर्व सैनिक परिषद,,
1 करोड़ विश्व हिन्दू परिषद् सदस्य(पूरे विश्व मे),,,
8/3
कश्मीर में जोशीजी की एकता यात्रा यात्रा, और लाल चौक में झंडा फहराने की हुनक पर पोस्ट लिखी। उस पर एक जने कमेंट किये है- तो क्या वहां तिरंगा फहराना गलत है???
जवाब जरा साइंटिफिक है।
By 👉 @RebornManish
~~~
पानी हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन के एक अणु से बना होता है। पानी का
1
नैसर्गिक गुण है,की वह आग बुझा देता है। जहां कहीं आग लगे, वहां पानी डालना चाहिए।
लेकिन अगर टेम्परेचर बहुत ज्यादा हो, जैसे कि 5000 डिग्री। तब अगर पानी डालेंगे, तो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अलग अलग हो जाएंगे। अब वे अपने अपने गुण पर काम करेंगे।
हाइड्रोजन ज्वलनशील है,पेट्रोल का बाप।
2
खुदई ईंधन है, जो ऑक्सीजन के साथ मिल जाये तो इतनी तेजी से जलेगा की विस्फोट हो जाये।
तो पानी अब आग नही बुझायेगा। औऱ भड़कायेगा।
~~~
आपकी देशभक्ति, झंडा तिरंगा वही पानी है, जो जलती साम्प्रदायिक और क्षेत्रीय भावनाओ को , आम तौर पर ठंडा करके भारतीय बना देता है। नॉर्मलसी ला देता है।
3