जगरानी देवी का एक मात्र सहारा चन्द्रशेखर आजाद ही थे, जिन्हें वह 'चंदू' नाम से पुकारती थीं।
आजाद के बलिदान के बाद वह निराश्रित हो गईं, वह किसी से सहायता मांगने के बजाय जंगल से लकड़ी बीनकर और गोबर इकट्ठा करके उसकी जलावन बनाकर बाजार में बेचती थीं।
कई सारे लोग थे जो जगरानी देवी से कहा करते थे कि उनका बेटा आज़ाद डाकू था जिसे अंग्रेजों ने मारा है, लेकिन जगरानी देवी लगातार कहा करती थीं कि उनका बेटा स्वतंत्रता सेनानी था जिसने देश के लिए अपने प्राण दे दिए।
वर्ष 1951 में जगरानी देवी के निधन के बाद झाँसी के निवासियों ने शहर में उनकी स्मृति में एक पीठ का निर्माण किया था। गोविन्द वल्लभ पन्त की अगुवाई वाली तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने इसे एक अवैध निर्माण बता दिया।
झांसी के नागरिकों पर इस फैसले का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने चन्द्रशेखर की माताजी को उनका सम्मान दिलाने के लिए एक प्रतिमा की स्थापना का फैसला लिया।
कॉन्ग्रेस सरकार को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इस कृत्य को देश और समाज के लिए खतरा बता दिया और झांसी में कर्फ्यू लगा दिया।
जहाँ #Nehru के जीवन में शिक्षा, व्यवसाय में परिवार का अपना महत्त्व था, बिस्मिल और आज़ाद के सामाजिक वर्ग में संघर्ष और सफलता या विफलता, दोनों व्यक्तिगत थे। समाज के आर्थिक पिछड़े वर्ग से आने वाले ये नेता स्वभाविक रूप से अधिक साहस और दृढ़ता रखते थे।
जब असहयोग आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा, चंद्रशेखर 'महात्मा गाँधी की जय' का नारा लगाते हुए उसमे कूद पड़े। गिरफ्तार हुए और आईसीएस खरेघाट के सामने प्रस्तुत किये गए। वहीं प्रसिद्ध प्रसंग हुआ जिसमे खरेघाट पूछते हैं–
आज 27 फ़रवरी, जो कि #ChandrashekharAzad साहब का शहीद दिवस है, पर बात करते हैं एक और चित्र की जो कि आमतौर पर दिखाई नहीं देता। यह चन्द्रशेखर जी के उस समय की है जब वो आज़ाद बनकर जेल से बाहर आये थे। 1/5
#Azad बेंत खाकर जब बाहर निकले तो जनता ने उनको कंधे पर बिठा लिया था। बाहर आते समय उनको कुछ पैसे दिए गए थे जिससे वो अपना इलाज करा सकें। आज़ाद साहब वो पैसे वहीं फेंक कर चले आये थे। सराय गोवर्धन आकर उन्होंने अपना इलाज वैद्य गौरी शंकर शास्त्री जी से करवाया था। 2/5
कुछ दिन बाद विश्वनाथ मंदिर के इलाके में चन्द्रशेखर के अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया। चन्द्रशेखर जब तक गोवर्धन धर्मशाला से समारोह स्थल तक पहुँचते, वो फूल-मालाओं से लद चुके थे। लोगों ने उनको अपने कंधे पर बिठाया हुआ तो कभी अपनी गोद में उठाया हुआ। 3/5
A working paper has been released by @Stanford University and the Institute of Competitiveness (@arthsastra ) which claims that 3.4 million lives were saved in India due to the vaccination drive of the Central Government! #Stanford#Covid 1/4
The Stanford working paper claims that the vaccination campaign also yielded a positive economic impact by preventing the loss of US$ 18.3 billion! 2/4
Not only the vaccination drive but relief schemes under the “Atmanirbhar Bharat Abhiyan” assisted the MSMEs and social sector while providing employment through Aatmanirbhar Bharat Rozgar Yojana and PM Garib Kalyan Rozgar Yojana.
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In recent years, the central government has focused on internships and apprenticeships to give 'outside the class' experience to youth: PM Narendra Modi in the Webinar on Harnessing Youth power - Skilling and Education
In this budget, we have provisioned of a stipend for 50 lakh youths from the National Apprenticeship Promotion Scheme: PM Narendra Modi
The new union budget is focusing on building the foundation for a practical and industry-oriented education system: PM Narendra Modi
There have been constant demands to transition from the Fossil fuels to renewable sources of energy for years. Electric vehicles are becoming highly popular as they emit lesser emissions. 2/n
Lithium is one of the key products in the manufacturing of batteries used in Electric vehicles! One can also say that Lithium is the new petroleum as stated by @elonmusk, the owner of Tesla.
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Turkey and Syria have been devastated by a series of powerful earthquakes. The death toll has climbed more than 2,100 with several injured innumerable rendered homeless. 2/n
Indian PM Narendra Modi on 6 Feb while speaking at an event in Bangalore stated that 140 Crore Indians are standing with the people of Turkey in this crisis. 3/n