- 2014 में मोईजी प्रधानमंत्री बने तो एक हिंदुत्ववादी ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान के बाद पहला गोभक्त सत्ता में आया है!
- संसद की नई बिल्डिंग बन गई है!
- 28 मई का सावड कर का जन्मदिन है. #गांधी की हत्या के मामले में सावड कर की भूमिका को पढ़िए
- आजादी के बाद गांधी के अनुयायियों को सत्ता का हस्तांतरण हुआ.
- गांधी की हत्या एक हिंदुत्ववादी ने की. जिसकी तस्वीर 2023 के रामनवमी जुलूसों में लहराई गई. उसके अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ी है.
- 28 मई 2023 को संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन होगा.
इसी दिन #लोकसभा_स्पीकर की कुर्सी के बगल में राजदंड (सेंगोल) रखा जाएगा
- #संसद में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बैठेंगे, लेकिन सामने रखा होगा राजदंड
- राजदंड किस #धर्म के #राजा इस्तेमाल करते थे?
- होममिनिस्ट्री की ओर से जारी #सेंगोल को ध्यान से देखिए उसके मुठ पर #नंदी विराजमान हैं!
- नंदी, #शिव की सवारी हैं. शिव #हिंदु धर्म का आधार है.
- #संविधान सर्व धर्म #समभाव की बात करता है.
- लेकिन, लोकतंत्र की आत्मा संसद में राजदंड रखा जाएगा...
- राजदंड को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया जा रहा है....
कौन सी सत्ता का हस्तातंरण? किसको सत्ता का हस्तांतरण -
तो महाराष्ट्र के ब्राह्मणों को सत्ता का हस्तांतरण... सोचिएगा... आरएसएस का प्रमुख कौन है? 2025 की पहली तारीख में अभी 19 महीने बाकी हैं! #वेलकम टू #हिंदू_राष्ट्र... 😜🤣
मनीष सिंह
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इन दिनों कट्टर हो रहा हूँ मैं...
आजकल मैं बहुत हीन भावना में जी रहा हूँ । सामान्यतौर पर मैं सामान्य मनुष्य के जैसा जीवन ही जीना चाहता रहा हूँ। मगर अब देख रहा हूँ कि ऐसा सोचना भी मेरा असामान्य है। आजकल ऐसे सोचने वालों को कायर कहा जाता है।
कायर ही नहीं बहुत कुछ कहा जाता है, जो यहां लिखा नहीं जा सकता।
कट्टर शब्द को मैं नकारात्मक मानता हूं। मुझे लगता है कोई एक बार कट्टर बन गया तो वह इंसान तो नहीं ही रहता! अब मुझे लगता है कि मुझे अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। पर मैं कट्टर जैसे भारी,
महाप्रचलित और अतिआवश्यक शब्द को सिर्फ धर्म के साथ रखने का कट्टर विरोधी हूँ। कट्टर शब्द को सीमित न रखकर इसको व्यापक करने की जररूत है। जैसे कट्टर ईमानदार, कट्टर खूबसूरत, कट्टर ज्ञान, कट्टर दयालु, कट्टर भावुक, कट्टर मेहनती, कट्टर नेता, कट्टर प्रेमी वगरैह।
इस सवाल का जवाब कई बड़े लोगों ने अपने-अपने तरीके से दिया।
आज ही के दिन 27 मई 1964 को पं. नेहरू का देहावसान हुआ था। नेहरू सिर्फ एक महान नेता ही नहीं , एक महान चिंतक , विचारक और युग द्रष्टा थे। गांधी नेहरू न रोज पैदा होते न रोज मरते है। विचार और सोच का कोई वंशज नही होता है।
विचार का स्कूल आफ थाट होता है। आजादी के बाद गांधी का स्कूल आफ थाट ,आफ डिमोक्रेसी और सेकुलरिज्म था ,जो स्वतंत्रता, समता , न्याय और और बंधुत्व पर आधारित राज्य बनाना चाहता था , उस स्कूल के नायक नेहरू थे । दूसरी तरफ संघ का स्कूल आफ थाट आफ फ़ासिज्म है जो आज भाग्य भरोसे
Cement की life मात्र 28 दिन होती हैं , उसके बाद उसमे 70% 80% ताकत बचती हैं। 3 महीने बाद cement की expiry होती हैं और वो बेकार हो जाती हैं ।
ग्रामीण इलाक़ों में लोग इस बात पर ध्यान नही देते इसलिय अधिकतम लोगों को खराब cement मिलता हैं और निर्माण कार्य कमज़ोर हो जाता हैं।
कोलम और लेंटेर में 28 दिन से पहले की फ्रेश Cement प्रयोग करें ।। plaster में भी फ्रेश का प्रयोग करें । 3 महीने की Expiry होती हैं और उसके बाद cement राख हो जाती हैं उससे बचें। । यही कारन हैं कि दीवारों से प्लास्टर गिरने लगता हैं ना पेंट रुकता हैं ।
Cement बैग पर Expiry date देखकर ले - एक साथ पूरे घर के निर्माण के लिए cement खरीद कर ना डाले ।।
फ्रेश Cement का प्रयोग करें ज़िस्से आपका निर्माण मजबूत और शानदार बनेगा ।।
अचानक बहस का विषय कोई मोंगल या सैंगल जैसा कुछ बन रहा हैं जिसका शिगुफा तड़ी शाह ने छोड़ा है जिससे लोकतंत्र, संविधान और माननीय राष्ट्रपति की अवमानना से ध्यान भटकाया जा सके।
उसके साथ नागपुरी किस्सा जोड़ दिया गया की नेहरूजी को अंग्रेजो ने राजदंड सौंपा था जो
उन्होंने संग्रहालय मे रखवा दिया ।
14 अगस्त 1947 की अर्धरात्रि को नेहरू जी को कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाया गया जबकि दूसरे हिस्से मे मोहम्मद अली जिन्ना को गवर्नर बनाया गया ।
संविधान लागु होने तक दोनो देशों की सेना ब्रिटेन के आधीन थी और भारत में औपचारिक शासन हेतु
राजगोपालाचारी को गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया था ।
बहादुर शाह ज़फर की वफात के बाद हिदुस्तान मे दो ही सल्तनत वजूद मे रही जिनमे से मुख्य महाराजा रणजीत सिंह जी की खालसा सल्तनत थी ( तख्ते लाहौर )
आज़ादी के समय दोनो ओर लगभग छह सौ से भी अधिक राजे राजवाड़े थे जो खुद को अपना आज़ाद
थेम्स के किनारे इस खूबसूरत भवन में ब्रिटिश पार्लियामेंट बैठती है।
कोई 900 साल पुराना ये भवन कई बार पुनर्निर्माण किया गया। वर्तमान स्वरूप में कोई 500 साल से है। हाल में भी गोथिक आर्किटेक्चर के, इस सबसे जाने पहचाने नमूने का रिस्टोरेशन चल रहा था।
यहां हाउस ऑफ लॉर्ड्स है, हाउस ऑफ कॉमन्स है, चर्च है, सीमेटोरी है। मदर ऑफ आल पार्लियामेंट के नाम से जानी जाती है। वेस्टमिंस्टर मॉडल दुनिया मे गवरनेंस का एक सफल मॉडल है। भारत सहित कई देश मे इसी मॉडल का लोकतंत्र चलता है।
मगर ब्रिटेन अनोखा देश है, जो लोकतन्त्र है, मगर रिपब्लिक नही।
ये किंगडम है, "यूनाइटेड किंगडम."
हाउस ऑफ कॉमन्स जब बना था, इसमे 500 से अधिक सदस्य थे, जो बढ़ते बढ़ते 700 सदस्य हो गए। मगर सीटें यहां आज भी 478 हैं। मध्य की तसवीर में हाथ बांधे खड़े लोग, कोई मार्शल या प्यून नही।