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Most recents (9)

सनातन धर्म सांकेतिक ज्ञान का केंद्र है, हमारे धर्म में बिना वजह कुछ भी नहीं है!

आज जिसे हम science कहते हैं वो आज तक उलझी हुई है कि
•धरती गोल है या अंडाकार
•ग्रह आठ हैं या नौ
•जीवन किसी दूसरे ग्रह पर सम्भव है या नहीं
•परग्रही जीव (Alliens) होते हैं या नहीं
यहाँ तक कि Image
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का सटीक अनुमान लगाने के लिए भी आज के science को करोड़ों रुपए के उपग्रह (settelite) और कितने ही वैज्ञानिकों पर करोड़ों खर्च करना पड़ता है तब जा कर कहीं ये समय बता पाते हैं और हमारे पुरोहित और पंडित मात्र 50 रुपए के पंचांग को देख कर एक दम सटीक समय बता
देते हैं, हम आदि काल से नौ ग्रहों की पूजा कर रहे हैं और भगवान विष्णु जी के #वाराह अवतार में भी पृथ्वी को गोल ही दिखाया गया है.
यानी हमें करोड़ों वर्ष पूर्व से ही ये पता है कि 9 ग्रह हैं धरती गोल है आकाश चाँद तारे अंतरिक्ष ग्रह नक्षत्र सब कुछ तो जानते थे हम
आज से 300 या 400 साल
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भारतीय रसोई के #चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी ...?
उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी
लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से। चूल्हे की राख का रासायनिक संगठन है ही कुछ ऐसा ।
आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें। इस राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, वे पौधों में भी उपलब्ध होते हैं। इसके सभी Major तथा Minor Elements पौधे या तो मिट्टी से ग्रहण करते
हैं या फिर वातावरण से। इसमें सबसे अधिक मात्रा में होता है Calcium.

इसके अलावा होता है Potassium, Aluminium, Magnesium, Iron, Phosphorus, Manganese, Sodium तथा Nitrogen. कुछ मात्रा में Zinc, Boron, Copper, Lead, Chromium, Nickel, Molybdenum, Arsenic, Cadmium, Mercury तथा
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आखिर कौन है ये लोग ? चेहरे से बाबा अघोरी दिखते हैं या वैज्ञानिक ? जी हां धोती कुर्ता वाले वैज्ञानिक... #सनातन के वैज्ञानिक... ध्यान से सुनिए !

सत्य सनातन धर्म की जय 🚩 1/3
2/3
3/3
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#बंग
शब्द
वांग से निकला
वांड़्ग का अर्थ #वद् है

ग्रंथों को वांड्गमय कहते हैं
#तमिल में #वा मतलब आ #वांग मतलब आइये
#वांगालय मतलब ग्रंथों का घर सरस्वती पूजा बंगाल से तमिलनाडु तक सबसे बड़ा पर्व है जो दशहरे पर होती है #वसंतपंचमी तो #विद्यालयारंभ #संगीत
कोलकाता नही है सही शब्द #कलिका,#ता है काली को विद्या की देवी कहते है #मसि शिवाही को कहते है काले रंग से लिखने की कला और कल यानि यंत्र कल यानि मशीनें पुर्जे कल यानि ध्वनि विद्याहेतु विज्ञान का केंद्र #कलिकाअत्ता यानि छापाखाना भारत का वाद्ययंत्र निर्माणालय नौका
संस्कृत को मिटाने से समस्त #सनातन इतिहास समाप्त हो जायेगा
संस्कृत से समस्त एशिया #ईश्यालय इजरालय , ईरान #आर्यायन #मैक्सिको मयअक्षिकोण ..... #वयहार #व्यवहार #विहार बिहार , उड्डीश्या #उड़ने की कला का केंद्र उर्दू इंगलिश हमला है #सनातन पर
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अति सुंदर घड़ी जो हमारे सनातन धर्म का दर्शन कराती है......

12:00 बजने के स्थान पर _आदित्याः_ लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं।

01:00 बजने के स्थान पर _ब्रह्म_ लिखा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है-....2
- 🕉️एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति।

02:00 बजने की स्थान पर _अश्विनौ_ लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं।

03:00 बजने के स्थान पर _त्रिगुणाः_ लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं- सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण।

.....3
04:00 बजने के स्थान पर _चतुर्वेदाः_ लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

05:00 बजने के स्थान पर _पञ्चप्राणाः_ लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं।

06:00 बजने के स्थान पर .....4
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#सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है🙏🚩
जब भी कोई सेकुलर कहता है कि #सभी_धर्म_समान है सबकी शिक्षा एक है तब मुझे इतना गुस्सा आता है कि उसके मुह में जुता निकाल के घुसेड़ दु,सारे धर्म समान नही है मजहब ,रिलीजन, ओर धर्म को एक समान कहना भी पाप है। 1/2👇
@anshi_v20
महजबी किताब की शिक्षा मानव मात्र के लिए संकट पैदा करती है जबकि सनातन धर्म की शिक्षा वसुदेव कुटुम्बकम की नींव रखती है ,मज़हब की शिक्षा स्त्री को सेक्स की वस्तु समझती है पर सनातन धर्म की शिक्षा नारी तू नारायणी देवी का रूप समझती है 2/3👇
मजहबी शिक्षा 5से 10 साल की बच्ची से सेक्स जायज बताती है तो सनातन की शिक्षा उन्ही बेटियो को नवरात्रि में कन्या पूजन कराती है।
धरती ,पानी,नदी,पहाड़,पेड़ सबमे ईश्वर देंखने वाले पवित्र सनातन धर्म की तुलना कबाइली जिहादी मजहबों ओर रिलीजनो से करना पाप समान है। 3/4👇
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#सनातन धर्म में #विद्यारंभ संस्कार
शुभ घड़ी में #कलम-दवात और #पटरी का पूजन करने के बाद ही प्रारंभ होती थी । पाठशाला में जब बच्चा प्रवेश लेता था तब दूधिया भरी दावात और #नरकट की बनी कलम होती थी। गांव में गड़ही और जलाशय के किनारे नरकट होता था।
पका नरकट काटकर बच्चे खूबसूरत कलम गढ़ते थे। उसके उपरांत लकड़ी की काली पटरी पर सफेद दूधिया में कलम डूबो कर सुंदर लिखाई की जाती थी .
खास बात यह थी कि पांचवी कक्षा तक नरकट और कीरिच की कलम से लिखने के चलते लिखावट बेहद सुंदर होती थी।
परंतु आज प्रचलन में न कलम रही ना दवात। नरकट आज भी है पर इसका प्रयोग महज मड़ई निर्माण तक ही रह गया है। पटरी और कलम-दवात का प्रचलन बंद होने से शिक्षा भी प्रभावित है .. परम्परायें पुरानी होने के साथ धीरे-धीरे खत्म होती चली जाती है ,पर बच्चों को इसी में आनंद आता था।
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Thread on Sanatan Dharma. Part 1

Hinduism,the world's oldest known Dharma, its not like an organized religion like christianity or islam. It has no founder no pope no hierarchy and even no name. Hinduism is not a religion it's actualy called Sanatan Dharma, Sanatan means Ancient
The word Religion is not the synonym for word Dharma, religion is synonym for word Mazhab which is an urdu language word and quran and bible can be said Religious books or Mazhabi kitab but they cannot be said as Adhyatmik or Dharmik books
The word Hindu is not mentioned anywhere in any Spiritual books of Sanatan Dharma, it was Persian who used to call Hindus to the people living across the river Sindhu, initially they called them Sindus and it became Hindus due to pronunciation issue with Persians.
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थ्रेड...

|| प्राचीन भारत में मंदिर बनाने का नक्शा ||

🌷 कुण्डलिनी जाग्रत करने के स्थान थे प्राचीन मंदिर 🌷

प्राचीन भारत में मंदिर बनाने से पहले जगह और दिशा का विशेष महत्व होता था। मंदिरो का निर्माण अलग अलग शैलियों के हिसाब से हुआ करता था पर अधिकतर मंदिर ऐसी पद्धति से बनते थे
जिसमे हर एक कुण्डलिनी चक्र के हिसाब से गर्भगृह, मंडप, प्रस्थान, परिक्रमा आदि का निर्माण होता था और जिस चक्र के हिसाब से उस जगह का निर्माण होता था वहाँ व्यक्ति को चलकर या बैठकर उस चक्र को जागृत करने में सहयोग मिलता था।
यही कारण होता है की प्राचीन मंदिरो में आज भी जाने पर व्यक्ति मानसिक रूप से शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है। एक चित्र साझा कर रहे है जिसमे आपको बताया गया है की मंदिर निर्माण का विचार कैसा होता था।

🌷 #सनातन 🌷
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