(कहीं पढ़ा था)
धर्म कि रक्षा ऐसे ही होती हैं, हम धर्म के बिना अधूरे हैं ,ये धर्म हमें हमारी जड़ो से जोड़े रखता हैं ।
धर्म हैं क्या कोई पूछता हैं तो सही मायने में मैं जवाब नहीं देता ,उन सब के लिए आज कुछ लिख रहा हूँ
#Thread
धर्म वही हैं जब कोई अब्दुल हमीद दुश्मन के इलाके में घुस के उसके 6 टैंक उड़ा देता हैं ।
धर्म तब न्याय मांग रहा था और अब्दुल हमीद ने न्याय किया ।
धर्म वही है जब राइफलमैन जसवंत सिंह गढ़वाल अकेला अपनी पोस्ट पे डटकर सैकड़ो चीनी दुश्मनों को धूल चटाकर वीरगति प्राप्त करते है ।
धर्म उस वक्त नजर गड़ाए जसवंत सिंह की तरफ देख रहा था ।
जब हेमचन्द बंगाल से लेकर दिल्ली तक अपने दुश्मनों को काटता हुआ दिल्ली पे फतेह करता है ,धर्म वही था ।
न्याय हेमचन्द ने धर्म के साथ किया ।
उन सब "उत्तराओ" ने धर्म की रक्षा करी हैं ।
किस्मत वाले होते है वो लोग जिन्हें धर्म की स्थापना करने का अवसर मिलता हैं ।
धर्म की कोई परिभाषा नही होती बस जो सही है वो धर्म हैं ।
धर्म के ध्वज्यावाहक बनिए ।