प्रथम दृष्टया पढ़ने में ये बात कितनी अच्छी लगती है ना? पटाखे नहीं किसी का चूल्हा जलेगा! आइये इसी को थोड़ा आराम से सोचकर देखते हैं कि ये सचमुच फायदेमंद या कोई अच्छी बात है भी या नहीं?
आप जिस व्यापारी से पटाखे खरीदते हैं, सबसे पहले तो उसे थोड़ा सा मुनाफा होता है, जिससे वो अपना परिवार चलाता है और स्वरोजगार की तरफ बढ़ता है। इससे उसे रोजगार तो मिलता ही है, साथ ही उसके लिए किसी नौकरी का इंतजाम सरकारों को नहीं करना पड़ता, तो देश के संसाधनों पर बोझ भी कम होता है।
आमतौर पर पटाखे स्थानीय रूप से निर्मित भी नहीं होते. ये कई राज्यों से सफ़र करके आये होते हैं यानी इनके जरिये परिवहन उद्योग को काम मिलता है और टैक्स भी आया होता है। जाहिर है इससे केवल स्थानीय तौर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर फायदा होता है।
मामला यहीं ख़त्म नहीं होता। जिन जगहों पर ये पटाखे बनते हैं (उदाहरण के तौर पर शिवकाशी), वहां इनकी वजह से एक पूरा उद्योग, एक इंडस्ट्री स्थापित हो जाती है जिसके जरिये हजारों लोगों को रोजगार मिलता है और ना जाने कितने घरों का चूल्हा जलता है।
एक जानी मानी सी कहावत भी शायद आपने सुनी होगी – किसी व्यक्ति को मछली दे दो तो उसके एक दिन के खाने का इंतजाम होगा, लेकिन उसी को अगर मछलियाँ पकड़ना सिखा दो तो उसके जीवन भर का प्रबंध हो जाता है!
अब सोचिये एक दिन चूल्हा जलाने के लिए भीख देना सही होगा, या पटाखे खरीदकर श्रम और उद्यमों को सहारा देना व्यक्ति और राष्ट्र दोनों के हित में होगा?
वामपंथी सोच से बचें, ये आपको बीमार, बहुत बीमार बना सकता है!
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"Lotus In The Stone" by @anuradhagoyal takes us on a journey to the dizzying array of deities, temples, festivals, rituals, art, architecture, applied sciences & living traditions of India, that is Bharat, bringing us to an understanding of the society her culture nurtured.
Discussing the book noted author @bibekdebroy says: To appreciate and document this a person has to travel beyond the dotted line, to where history & geography seamlessly weave together in this land of ours.
The author is already well known for her blogs on travel and the #Indian culture which seems to have been lost from popular literature and travelogues in recent times. The book is available for pre-order on the @GarudaPrakashan website - garudabooks.com/lotus-in-the-s…
Do you remember Nisha Sharma? She was on news everyday for returning the #Groom & "Baraat" for the deman of #dowry!
She used to have boxes of appliances in the background, mehndi colored hands and a sad face for dramatic effect.
Based on her complaint, her would have been husband was put into jail for a year and spent next 8 years running to courts. He lost his job, his mother was suspended from her government service and his father died of a heart attack.
About 9 years later the court found that the story of Nisha Sharma was #fake. All the drama was staged because she wanted to marry her boyfriend. In the process, she destroyed a family. Media trial portrayed #patriarchy in #Indian society.