1/ 19: कुछ लोग ऐसे हैं जो #ArnabGoswami की गिरफ़्तारी का जश्न मना रहे हैं। उनमें वही लोग हैं जो दिन भर बैठ कर हिन्दू देवी-देवताओं को गाली देने वाला ह₹।मखोर पंकज कनौजिया पर एक FIR भी दर्ज हो जाती है तो नरेंद्र मोदी को फासिस्ट बता कर अपना रोना चालू कर देते हैं। सफूरा...
2/ ...जरगर और उमर खालिद जैसे दंगाइयों के लिए आँसू बहाने वाले आज अर्णब गोस्वामी के लिए ठहाके लगा रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो कुछ महीनों पहले तक शिवसेना को गाली देते नहीं थकते थे। असली फासिज्म पर ताली पीटने वाले दंगाइयों पर कार्रवाई को फासिज्म बताते हैं।
3/ जिस तरह से एक पुराने केस को खोला गया, वो भी उसी पुलिस द्वारा जिसने इसे बंद किया था - यही ये दिखाने के लिए काफी है कि 'आत्महत्या के लिए उकसाने' का मामला बनाने के लिए हड़बड़ी में सब कुछ किया गया। भाजपा और मोदी को फासिस्ट बताने वालो, तुम्हारे बाप की महाराष्ट्र सरकार...
4/ ...में ये आखिरी कील ठुक रही है और ऐसा खुद सरकार ही कर रही है। TRP स्कैम का आरोप लगा कर फेल हुए, कुछ नहीं उखाड़ पाए। सुशांत मामले में घसीटा। अब एक 2 साल पुराना मामला उठाया है।
5/ कल को बीच सड़क पर अगर रवीश-राजदीप को कोई जूते से मार दे तो फिर अपना विलाप मत चालू कर देना कि भाजपा वाले गुंडे बन गए हैं। अगर हिम्मत है तो तब भी ताली पीटना। कल को अगर कोई देशद्रोही पत्रकार जेल जाता है तो फिर ये मत कहना कि मोदी फ्री स्पीच पर हमला कर रहा है क्योंकि आज...
6/ ...अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर तुमने ताली बजाई है। और गिरफ़्तारी? ऐसे थोड़ी न होती है गिरफ्तारी। ये अपहरण है। घर की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, बच्चे के साथ बदतमीजी और बिना वारंट या किसी कागज के किसी के घर में घुस जाना गुंडे-मवालियों का ही तो काम है न।
7/ अर्णब गोस्वामी पर अभी तो हँस लो लेकिन ये याद रखना कि ये व्यक्ति ₹1500 करोड़ का चैनल चलाता है, तुम्हारे हँसने से उस पर फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन हाँ, जो ये सब कर रहे हैं उनकी दिन पर दिन पोल ज़रूर खुलती ही चली जा रही है। ये भी सोचने वाली बात है कि जिस महाराष्ट्र में...
8/ ...इतने बड़े आदमी के साथ ऐसा हो सकता है क्योंकि उसने सत्ता की आलोचना की, तो कोई आम आदमी भला कैसे सरकार की तरफ उँगली उठाने की हिम्मत कर सकता है। उसे पता है, शिवसेना को कुछ भी कहने पर बाल मूँड़ दिए जाएँगे और दंगाइयों की औलादें ताली पीटेंगी।
9/ क्या कुछ बोल देना इतना बड़ा अपराध हो गया? कुछ अनपढ़-जाहिल-गँवार कह रहे हैं कि भाषा की मर्यादाएँ लाँघी हैं अर्णब ने। अच्छा? तो फिर प्रधानमंत्री को 'नीच' और 'चोर' कह कर तुम्हारा बाप राहुल गाँधी क्यों खुल्ला घूम रहा है? सैकड़ों इस्लामी कट्टरवादी नेता मोदी को जान से...
10/ ...मारने की धमकी देकर क्यों बाहर हैं? सोनिया गाँधी मोदी को 'मौत का सौदागर' कहने के इतने सालों बाद भी क्यों तुम्हारी अम्मी बनी हुई है? हजारों फिल्मों में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान के बाद भी वो एक्टर्स क्यों तुम्हारे भगवान बन बैठे हैं?
11/ वहाँ अमिताभ बच्चन जैसे महानालायक की हिम्मत भी नहीं है कि वो शिवसेना की आलोचना में एक तिल भर का शब्द बोल दे क्योंकि 4 मराठे घुसेंगे उसके घर में और उसे लताड़ देंगे। आज यूपी-बिहार में भाजपा की सत्ता के नीचे बैठ कर भाजपा को रोज गाली देकर जो तुम ये फासिस्ट वाला रोना...
12/ ...रोते हो ना, वो महाराष्ट्र में कर के देख लो। रवीश कुमार रोज झूठ बोलता है। कहाँ कुछ हो जाता है? तो सबसे ज्यादा सहनशील और सहिष्णु (हमारी नजर में डरपोक) भाजपा ही हुई ना?
13/ इनका फंडा सीधा-सादा है और ये है, "अगर हमारे गैंग के देशद्रोहियों के खिलाफ कहीं कोई 5 साल का बच्चा भी ट्विटर पर कुछ लिख भी दे तो हम मोदी को फासिस्ट बताएँगे। लेकिन, सरकार की आलोचना करने पर कॉन्ग्रेस या उसके साथी दलों के राज्यों में रोज खून कर दिया जाए फिर हम ताली...
14/ ...भी बजाएँगे। बंगाल और केरल में रोज भाजपा कार्यकर्ताओं को मार डालने वाली TMC और CPM की हम पूजा करेंगे और जिस मोदी को रोज गाली देकर भी किसी का कुछ नहीं उखाड़ा जाता, उस मोदी को हम फासिस्ट कहेंगे।"
15/ और हाँ, अगर खून पर ही ताली बजाने का शौक है तो जाकर यही बातें कहो फ़्रांस में। पेल दिए जाओगे। जनता तो हर चुनाव में तुम्हें जवाब दे ही देती है, तब EVM का जो रोना होता ही है तुम्हारा। अब कल को महाराष्ट्र में तुम्हारे बाप-दादाओं की सरकार को उखाड़ कर फेंक दिया जाए तो...
16/ ...फिर ये मत कहना कि EVM खराब है। और हाँ, दोगले तो तुम आज भी हो क्योंकि अर्नब के साथ मारपीट पर ताली पीट रहे हो और दोगले तब भी कहाओगे जब तुम नक्सलियों और आतंकियों के लिए सहानुभूति जताते हुए मोदी सरकार को गाली दोगे। और हाँ, दोगले तुम कल भी थे जब तुमने दंगाइयों के...
17/ ...लिए आँसू बहाए थे।
18/ आतंकवादी है अर्णब गोस्वामी जो एके-47 सहित अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर उनके घर में घुस गए तुम्हारे बाप लोग? गाड़ियों से उनके घर को घेर लिया गया, वो दाऊद है? दाऊद की एक इमारत को गिराने में जिनकी नानी मरती है, वो देश को 17 करोड़ रुपए टैक्स देने वाली अभिनेत्री के...
19/ ...दफ्तर को ध्वस्त करने में सेकेंडों नहीं लगाते। आज जब तुम्हें याद आ रहा है कि 'अभिव्यक्ति की आज़ादी' की कुछ सीमाएँ भी होती हैं, मर्यादा की रेखा भी होती है - तो याद दिला दूँ कि 'टुकड़े-टुकड़े' के समय ये ज्ञान कहाँ गया था?
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लालू यादव चुनावी जनसभाओं में अपनी ताकत झोंकने के लिए जाने जाते थे। 2015 विधानसभा चुनाव में लड़खड़ाते हुए, किसी तरह माइक पकड़ कर बोलते 68 वर्षीय 'जंगलराज के मसीहा' ने रोज 7-8 रैलियाँ की..
पर तेजस्वी यादव का 24 घण्टे में 19 जनसभाएँ करना बड़ी बात है..उन्होंने पूरा जोर लगा दिया है।
बिहार भाजपा के नेताओं को डूब मरना चाहिए। न किसी का जनाधार है न कोई मेहनत करना चाहता है। साधारण नेता भी 'राम मंदिर' के नाम पर वोट माँग रहे हैं।
एक बात याद रखो निकम्मों, भले अबकी मोदी तुम्हें बचा ले लेकिन हर चुनाव में जंगलराज का डर काम नहीं आएगा।
धो देगा तेजस्वी किसी दिन तुम्हें।
नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभाओं में भी तेजस्वी यादव ही निशाना हैं। नीतीश उन्हें ही ललकार रहे।
तेजस्वी ज्यादा से ज्यादा जनता से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतर भाषण भोजपुरी में होते हैं।
उनका हमला नीतीश पर होता है, उन्होंने 'रोजगार' को हथियार बनाया है। अब देखते जाइए...
1/ 21: हिमाचल प्रदेश में दुर्गाष्टमी के दिन दिन एक IAS अधिकारी #RitikaJindal सलोन स्थित माँ शूलिनी देवी के मंदिर में आ धमकती है। वो मंदिर में 'निरीक्षण' करने गई थी और 'व्यवस्थाओं का जायजा' भी लेना था। जाए भी क्यों ना, आखिर IAS-IPS अधिकारियों के बाप-दादाओं के ही तो...
2/ ...गुलाम हैं हिन्दू और और ये सारी सम्पत्तियाँ उनकी ही तो है। वहाँ IAS अधिकारी मंदिर में घुस कर पंडितो से बहस करती है और जबरन हवन में बैठ जाती है। फिर मीडिया में आकर Patriarchy और हिन्दुओं के 'रूढ़िवाद' पर ज्ञान देती है। जनता वाह-वाह कर उठती है।
3/ क्या उस IAS अधिकारी ने ये जानने का प्रयास किया कि अगर उन्हें महिला होने के कारण हवन में बैठने से रोका गया है, जैसा कि उनका दावा है, तो इसके पीछे का कारण क्या रहा होगा? शूलिनी देवी मंदिर में तो महिलाओं के प्रवेश या पूजा-पाठ पर कोई पाबन्दी तो हक़ी ही नहीं। फिर बात का...
1/ 14: हिन्दू पर्व-त्यौहारों पर ज्ञान देने का सिलसिला कम तो हुआ है लेकिन रुका नहीं है। अब दीवाली आ रही है। जल्द ही पटाखों का रोना शुरू होगा। फिलहाल नवरात्रि चल रही है। रेप की बातें चलाई जा रही हैं कि जिस देश में देवी की 9 दिन पूजा होती है, वहाँ बाकी दिन लड़कियों का...
2/ ...बलात्कार किया जाता है। दशहरा आते रावण को न जलाने की बातें की जाती हैं। नवरात्रि में महिषासुर को मूलनिवासी बताया जाता है। होली में रंगों को लेकर और पानी की बर्बादी का ज्ञान दिया जाता है। न्यू ईयर में सारे ज्ञान कहीं और घुस जाते हैं।
3/ ये वही बात हुई कि जब स्पेन में 1 ही घण्टे में 40 मीट्रिक टन टमाटर को फेंक-फेंक कर बर्बाद कर दिया जाता है तो बड़ा कूल लगता है और यहाँ शिवलिंग पर जल चढ़ाने में उन्हें दूध की बर्बादी दिखती है। गाय को हम खिलाते हैं, दूध लेते हैं और चढ़ाते हैं। क्या ये शरीर मे बम बाँध कर...
1/ 23: अधीर होकर काम करने से न तो काम बनता है और न ही इच्छानुसार परिणाम प्राप्त होते हैं। जनता है। गुस्सा होती है। गुस्सा होकर चाहती है कि फलाँ पार्टी ने धोखा किया तो BJP सीधा उसके घर पर रेड डलवा दे, उसे जेल में ठूँस दे और उसे रातोंरात नेस्तनाबूत कर दे। संयोग से,...
2/ ...लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है। और कभी-कभार हो भी जाता है तो चलता है लेकिन बराबर होने लगे तो यही जनता फिर गाली देने लगती है, जो ऐसा करने बोल रही थी। इसके लिए 2 ऐसे लोग हमने बिठा रखे हैं, जो समझता है कि कैसे करना है।
3/ साथ चुनाव लड़ के शिवसेना ने धोखा दिया। फिर विरोधियों कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बना कर सबसे ज्यादा सीटों वाली पार्टी को विपक्ष में बैठने को मजबूर कर दिया। फड़नवीस ने तड़के सुबह शपथ ली, उसमें बेइज्जती हुई सो अलग। दशकों से PM बनने के सपने देख रहे एक से बढ़ कर एक घाघ...
1/ 22: आइए, आपको एक कहानी सुनाता हूँ। जिस सपनों की नगरी में लोग दशकों हाथ-पाँव मार कर कुछ नहीं कर पाते, वहाँ एक पहाड़न ने 19 की उम्र में ऐसा डेब्यू किया, जिसकी चर्चा पूरे देश मे हुई। लेकिन, वो लड़की इस फ़िल्म के कारण खुद अवसादग्रस्त हो गई। ऊपर से एक ऐसी ट्रेजेडी हुई कि...
2/ ...वो अपने सालों की मेहनत का सुखद परिणाम आने के बावजूद खुशी तक नहीं मना सकती थी। आखिर उस फिल्म में ऐसा क्या था? या फिर उसकी रिलीज के बाद कौन सी ट्रेजेडी हुई? ये कहानी उसी लड़की की है।
3/ आजकल तस्वीरों में इतिहास बताने का चलन है। मैं शब्दों में इतिहास बताता हूँ। उसी वीरांगना के शब्दों में, जो अकेले तानाशाही सत्ताधीशों से टक्कर ले रही हैं। पहाड़ों से निकल कर मुम्बई में खुद को ब्रांड बना कर स्थापित करने वाली @KanganaTeam से आज से 14 साल पहले एक सवाल...
1/ 15: एक फ़ेसबुक पोस्ट। एक ऐसा फ़ेसबुक पोस्ट जो कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा और 1000 मुसलमान जुट गए। थाने में आग लगा दी गई, एक विधायक के आवास को घेर कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया, 300 गाड़ियाँ फूँक डाली गईं, 60 पुलिसवालों को घायल कर दिया गया और ईंट-पत्थर व लाठी-डंडों से...
2/ ...लोगों के घरों की खड़कियाँ तोड़ डाली गईं। एक फेसबुक पोस्ट की वजह से। लेकिन नहीं, एक समुदाय थोड़े न दोषी है? जिसके घर पर हमला किया गया वो दशकों से मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही कॉन्ग्रेस पार्टी का ही नेता है। लेकिन, कॉन्ग्रेस चुप है। वो दलित है, लेकिन दलितों के ठेकेदार...