#AirIndia बिकने के साथ ही अब भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके पास कोई भी शुद्ध सरकारी Airlines नहीं है,
लेकिन सरकारी उड्डयन मंत्री जरूर हैं (ज्योतिरादित्य सिंधिया)
कायदे से Private उड्डयन मंत्री होना चाहिए, वरना कैसी निजी कम्पनिया सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं रखेगा? #HindiThreads
मतलब,
निजीकरण से निजी कंपनियों का भी कोई सुनने वाला नहीं है।
मुझे डर है, देश के सामने कौन इन Private company की बातों को रखेगा जब सरकार कोई नियम बनाकर इनपर अत्याचार करने लग जाएगी तब?
Logic के आधार पर तो संसद में भी कुछ देश के गिने चुने businessman का CEO/MD/वैगरह होना चाहिए
क्योंकि अब वह सिर्फ निजी कम्पनी (Private Companies) मात्र ही नहीं रह गई जो पहले कभी हुआ करती थी।
आज की private sector, अब देश चलाना शुरू कर दिया गया।
सरकार का क्या भरोसा, जो अपने खुद की जनता की नहीं हुई वो इन कम्पनियों का कैसे होगी? जब तक कोई नया मित्र न मिल जाए।
मैं निजीकरण का विरोध करता हूँ, लेकिन इन कम्पनियों के साथ भी बुरा तो नहीं होना चाहिए जो देश चला रहे हैं।
अजीब है न;
Private companies देश चला रही है और सरकार Election railly में व्यस्त है।
ऐसा ही चलता रहा तो कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री सड़क किनारे वाले किसी नाले को परियोजना बताकर उद्धघाटन करते हुए भी नज़र आएंगे।
मतलब यह कि,
कुछ दिनों बात प्रधानमंत्री भी बेरोजगार हो जाएगें, उसके पास टाइम ही टाइम होगा.....
फिर किसी नदी किनारे मगरमच्छ को गोद मे उठाकर बाहर ले आएगें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद मे मगरमच्छ देख गोदिमीडिया जनता को यकीन दिलाएगा की प्रधानमंत्री कभी झूठ नहीं बोलतें।
फिर किसी माली की बगान में टिकुला (कच्चा आम) को ढेला मारकर तोड़ेंगे, चोरी करेगें और भाग जाएगा।
कितना सुंदर और मनोरम दृश्य होगा.....!
आ हा हा हा....
जिस प्रकार से विद्यार्थियों को दोष दे दिया जाता है"पढ़ने में कमजोर था,इसलिए बेरोजगार है!"
उम्मीद है प्रधानमंत्री मोदी के लिए ऐसा नहीं बोला जाएगी कि सबकुछ बेच दिया इसलिए बेरोजगार हो गया है।
और कौन बोलेगा? कोई नहीं? जो बोलेगा उसे "जैक-मा" की तरह गायब कर दिया जाएगा।
और लिखना चाहता हूँ पर सोने का वक्त हो गया है। मैं नहीं चाहता कोई मुझे भी 18-18 घंटे काम करने के लिए याद करें।
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#HindiThread:-ये इवेंट भी बीत गया और किसी को पता भी नहीं चला!
बात 1-2या-10 की नहीं 1 करोड़ की हो रही है,इतनी बड़ी संख्या को भी ढंग से सेलेब्रेट भी नहीं किया गया तो कितना रोपण हुआ उसकी बात करना ही बेकार का,
जब से कागज का आविष्कार हुआ तब से एक ट्रेंड बनना भी शुरू हो गया
आप कुछ भी कागज पर कर सकते हो, कितना भी मुश्किल काम क्यों न हो!
चाहें आप सरकार हों या कवि, कहावत सुनी है न
"जहां न जाए रवि, वहां भी जाए कवि"
मतलब कविता रचयिता अपने कल्पना से सूर्य से से आगे निकल जाते हैं!
खैर अब हम वापस मुद्दे पर आ जातें हैं
सरकार एक बार फिर से चालाकी कर गईं, पर क्यों? और
किससे?
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा पर्यावरण पर?
हर साल हजारों-करोड़ रुपए का बिल पास करा लिया जाता है सांसद से, और लोग देखतें ही रह जातें हैं।
पर्यावरण के साथ धोखा करना और फिर भी देशवासियों का चुप रह जाना बहुत भारी पड़ेगा एक दिन
#PrimeTimeWithRavishKumar
Ravish Kumar Exposed the reality of farmers double income in 2022.
......Must watch......
#HindiThread:-
मान लीजिए आपके गांव में 100 किसान हैं और सभी सब्जी को मार्केट में बेचने जाते हैं
अब यदि 50 किसान किसानी छोड़कर शहर चले जाते हैं काम करने के लिए
और गांव में अब खेती करने के लिए सिर्फ 50 किसान ही बचे हैं तो इसका मतलब है कि
"अब बाजार में सामान कम पहुंचेगा और किसी भी चीज का भाव बढ़ जाएगा"
क्या आप इससे सहमत हैं?
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मोदी सरकार यही रणनीति बनाकर कह रहे थी कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी!
लेकिन सच्चाई कुछ और है
" दरअसल सरकार की योजना है किसानों की संख्या को आधा कर दिया जाए ना कि किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए"
तो जाहिर सी बात है जब शहरों में काम करने वालों की संख्या ज्यादा होगी तो कंपनियां वेतन भी कम देगी और सस्ते वेतन में काम करवाएंगे।
के द्वारा;
फिर अचानक आसमान से मुसीबत का पहाड़ टूटा या फिर न जाने क्या हुआ;
White house ने भारत के प्रधानमंत्री; राष्ट्रपति और जिसको भी follow किया था एक ही हफ्ते बाद सबको unfollow कर दिया।
मैं आज तक अपमानित महसूस कर रहा हूँ कि हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ
कोई भी ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता है!? #HindiThread :- (उपर से पढ़ें)
.#HindiThread:-
"सिकुड़ता मानसिकता": सोशल मीडिया के संदर्भ में
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आज भारत की ज्यादातर आबादी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक यूट्यूब और दूसरे कई प्लेटफार्म यूज़ करते हैं जिस पर #Reel's या फिर #ShortVideos वाला फीचर उपलब्ध है जहां लोग अपनी जिंदगी का कई घंटे बिताते हैं रोजाना
बच्चे जवान पूरे पुरुष स्त्री कोई भी हर तबका एक ही तरह का कांटेक्ट दिख रहा है सारे प्लेटफार्म पर चाहे वह फेसबुक हो यूट्यूब हो इंस्टाग्राम हो या फिर कोई और
जगह ऐसे में डर है कि कहीं लोगों के विचार आए और मानसिकता एक जैसे ना हो जाए एक समान ना हो जाए और भविष्य में समाज के लिए खतरा
ना बन जाए
"लोगों के विचारों को इन सोशल मीडिया एप्स के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है"
अभी शुरुआत है
इसलिए लोगों को मजा आ रहा है
लेकिन इसका खामियाजा आज नहीं तो कल कभी ना कभी हर किसी को भुगतना ही पड़ेगा
चाहे वह बच्चे हो या फिर उनके मां-बाप आज हर किसी को.....
#HindiThread:- जब किसी की एक्सीडेंट हो जाता है तब:-
◆हमारा नैतिकता क्या कहता है?
••हमें बिना समय गवाए मदद करना चाहिए; पैसे की परवाह नहीं करना चाहिए; इंसान की जान के आगे पैसे का कोई महत्व नहीं!
◆क्या कहता है निजीकरण?
••लोग मारतें हैं तो मरे; हमें प्रॉफिट चाहिए; भाड़ में गई नैतिकता; हमने लाखों रुपए खर्च किया है, फ्री/सस्ते में इलाज चाहिए तो सरकारी अस्पताल चले जाओ....
"इस दुनिया में नैतिकता और अच्छाई की कोई जगह नहीं"
पैसा सबसे ऊपर है
अब तय आपको करना है दोस्तों;
आपको नैतिकता के साथ जाना है या फिर पैसों के साथ?
मैं निजीकरण का विरोध करता हूँ। और भविष्य में कभी ऐसी पार्टी को वोट नहीं दूगाँ जो निजीकरण को support करेगा। @PMOIndia@narendramodi@FinMinIndia#StopPrivatization