इस देश के अंदर पाकिस्तानियों को हम कब तक ढोते रहेंगे ?
-जब पाकिस्तान जीता तो हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानों ने कल जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी की... कल दिल्ली में उन इलाकों से पटाखों की आवाजें आती रहीं जहां शाहीनबाग आंदोलन का सबसे ज्यादा जोर था और ऐसा लगा कि ये कोई पटाखों
की आवाज नहीं है... ये उन अदृश्य जूतों की आवाज थी जो हिंदू को कायदे से बार बार लगाए जाते हैं और हिंदू हर बार ऐसे जूतों को ना सिर्फ सहता है बल्कि सहने का आदी हो चुका है
-वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने तक दिल्ली के सीलमपुरी और तमाम मुस्लिम बहुल इलाकों में फोड़े गए पटाखों पर ट्वीट
किया और कहा कि पाकिस्तान की जीत पर जो लोग पटाखें फोड़ रहे हैं वो लोग दिवाली पर पटाखे ना जलाने का ज्ञान बिलकुल भी ना दें ।
-पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कल एक बयान जारी करके पाकिस्तान की जीत को समूचे आलमे इस्लाम की जीत बताया है । और कहा है कि पाकिस्तान की
जीत का जश्न हिंदुस्तान का मुसलमान भी मना रहा है
- शोएब अख्तर ने भी ट्वीट करके ये बयान दिया है कि पाकिस्तान की जीत का जश्न भारत के अंदर रहने वाले लोगों ने भी मनाया है... उन्होंने खुलकर भारत के मुसलमानों की तरफ संकेत किया है कि पाकिस्तान की जीत पर भारत के मुसलमान खुश हैं
-सवाल ये है कि ये कोई दबी छुपी बात नहीं है कि हिंदुस्तान का मुसलमान पाकिस्तान के जीतने पर खुश होता है... गली नुक्कड़ की चाय की दुकानों पर बैठने वाले लोग इन बातों को बहुत अच्छी तरह जानते और समझते हैं कि मैं जिस गांव का रहना वाला हूं वहां के मुसलमान बिलकुल खुलकर चाय
की दुकानों पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम का समर्थन करते हैं । मेरे आपके सभी के इस तरह के अनुभव रहे हैं लेकिन इसे बाद भी हम गांधी और नेहरू के किए गए पापों को भुगतने के लिए मजबूर रहे हैं
-रविवार की रात को देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में जश्न मनाया गया और इस जश्न
के तमाम वीडियो भारत के अंदर सोशल मीडिया फेसबुक ट्विटर व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे हैं । पटाखों की आवाजें दिल्ली के लोगों ने अपने कानों से सुनी है कोई दबी छुपी बात नहीं है
-लेकिन इसके बाद भी पूरी भारत सरकार दिल जीतने की मुहिम में जुटी हुई है । अभी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडिया टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में ये बताया था कि यूपी में 20 प्रतिशत मुसलमान हैं लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों में 37 प्रतिशत मुसलमान हैं । यहां का खाकर यहां का पानी पीकर यहां की सरकार से मदद लेकर... सरकारी राशन
पर कब तक पाकिस्तान की सोच वाले लोगों को पाला पोसा जाता रहेगा
-हमें इस बात का बहुत दुख और अफसोस है कि हम आज भी इन मामलों पर ब्लैक एंड व्हाइट में कुछ भी नहीं सोच पा रहे हैं... हम सभी लोग कन्फ्यूज हैं...
-कल पाकिस्तान ने विश्वकप में जो मैच जीता है ... वो भी भारत के हिंदुओं के लिए
एक ऐतिहासिक सबक हो सकता है... जिस तरह पृथ्वीराज चौहान ने तराइन के पहले युद्ध में मुहम्मद गोरी को हराया था और फिर इसके बाद उसके माफ कर दिया था... उसका नतीजा दूसरे तराइन के युद्ध के बार सिर्फ पृथ्वीराज चौहान को नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान को भुगतना पड़ा । आंखें तो
पृथ्वीराज चौहान की फोड़ी गई लेकिन उम्मीद की रोशनी तो पूरे भारत की ही चली गई
-खेल या युद्ध... हार या जीत... कई बार परिस्थितियों और किस्मत पर भी निर्भर करती है... जिस तरह लगातार विश्वकप में पाकिस्तान भारत से हारता रहा और अचानक जीत गया । ठीक उसी तरह ये
जरूरी नहीं है कि हर बार भारत की सेना पाकिस्तान को हराती ही रहेगी... कभी ना कभी ऐसे ग्रह नक्षत्र और परिस्थितियां ऐसी जरूर बदलेंगी जब पाकिस्तान भारत पर बड़ी विजय हासिल कर लेगा । बंद घड़ी भी 24 घंटे में एक बार सही समय बताती ही है।
-मैं कभी नहीं चाहता हूं कि ऐसा हो लेकिन कड़वी और सच बात यानी कटुसत्य बोले बिना नहीं रह सकता हूं । आप अपने घर के अंदर तब तक ही सेफ हैं जब तक बॉर्डर पर आर्मी खड़ी है वरना बाहर का पाकिस्तान और अंदर का पाकिस्तान 2 मिनट के अंदर आपको दबोच लेगा । ये जो पाकिस्तान के
नेता फजलुर्रहमान... रोज नारे लगाते हैं कि चलो इस्लामाबाद... वो जब भारत की सेना हार जाएगी तो नारा लगाएंगे... चलो दिल्ली । मुझे आतंकी हाफिज सईद का वो बयान रह रह कर याद आता रहता है जो उसने अपने एक भाषण में दिया था.. इंशाल्लाह... दिल्ली दुल्हन बनेगी ! हमारे लिए दिल्ली दुल्हन बनेगी !
-ये सोच है पाकिस्तान की और भारत के अंदर रहने वाले पाकिस्तान के समर्थकों की... मेरी भारत सरकार से और देश के लोगों से भी ये अपील है कि जिन लोगों ने पाकिस्तान की जीत पर पटाखें फोड़े हैं इसकी उचित तरीके से जांच करवाकर फैसला लें या तो इन लोगों को फांसी की सजा दी जाए या फिर इन लोगों को
देश निकाला दिया जाए ।
-आखिर देश के गद्दारों पर... देश के दुश्मनों पर फैसला तो करना ही होगा... श्रीमदभगवतगीता में स्पष्ट लिखा है... संशयात्मा विनश्यती.. यानी जो संशय में रहता है शक में रहता है वो नष्ट हो जाता है ! ठीक इसी तरह हिंदू अगर संशय में रहेगा और कोई एक्शन नहीं लेगा तो
नष्ट हो जाएगा ।
-भारत के समस्त लोगों ने मेरी ये अपील है कि इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं । देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने 1947 के एक भाषण में कहा था कि जिन लोगों को पाकिस्तान से मोहब्बत है वो पाकिस्तान चले जाएं यहां भारत के अंदर
रहकर पाकिस्तान से दोस्ती नहीं चलेगी । सरदार पटेल की ये बात हर मोबाइल तक पहुंचनी चाहिए ।
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नेता तो बहुत हैं पर उनके मन में हिंदुओं के साम्राज्य जैसा कोई लक्ष्य नहीं, कोई महत्वाकांक्षा नहीं; इसलिए हिंदु नेताओं को सेकुलरिज्म की चादर ओढ़कर हिंदुओं के रक्त की प्यासी कौम से भाईचारा निभाने में भी कोई लज्जा नहीं आती!
सत्ता का जो तंत्र अंग्रेज स्थापित कर गए,
मात्र वे उसे ढोना चाहते हैं, उसपर बैठकर उसे भोगना चाहते हैं, यही हिंदु नेताओं की महत्वाकांक्षा है!
जबकि कम्युनिस्टों, मुसलमानों और ईसाईयों का स्पष्ट राजनैतिक लक्ष्य है। कम्युनिस्ट साम्यवादी शासन वाला भारत चाहते हैं, मुसलमान शरीयत कानून वाला इस्लामिक भारत चाहते हैं और ईसाई
इंडोनेशिया के पूर्व मुस्लिम राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपनाया
इंडोनेशिया में चर्चा है कि खत्म हो जाएगा इस्लाम धर्म और क्या 500 साल पुरानी भविष्यवाणी सच हो जाएगी
इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपना लिया है । इंडोनेशिया के
पहले राष्ट्रपति सुकर्णो को इंडोनेशिया में राष्ट्रपिता के जैसा दर्जा हासिल है । सुकर्णो नाम तो संस्कृत भाषा से मिलता जुलता है लेकिन वो एक मुसलमान थे ।
इंडोनेशिया में इस्लाम ने आक्रमण के माध्यम से... तलवार के जरिए अपनी जड़ें जमा लीं और 99 प्रतिशत आबादी को
इस्लाम में कन्वर्ट करवा लिया लेकिन इसके बाद भी वहां पर अरब कल्चर की जड़ें नहीं जम पाईं यही वजह है कि आज भी वहां लोगों के नाम संस्कृत भाषा से मिलते जुलते हैं
सुकुमावती सुकर्णोपुत्री ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप में पूरे धार्मिक रीति रिवाज से घर वापसी कर ली है और इस घटना को
ये सिर्फ पटाखों की आवाज नहीं है... ये देश के अंदर सुलग रहे एक गृहयुद्ध की अभिव्यक्ति (प्रगटीकरण) है !
-हिंदुओं का खून अब पानी हो चुका है... उनके अंदर कभी कोई गुस्सा नहीं आता है... इस देश के अंदर रहकर लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं... उस
पाकिस्तान के नारे लगाते हैं जो कोई देश नहीं है बल्कि हमारे महान पूर्वजों की जमीन पर मौजूद एक इस्लामिक उपनिवेश है ! उस पाकिस्तान की जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं जिसके निर्माण के लिए लाखों बेगुनाह हिंदुओं की जान जिन्ना और मुस्लिम लीग के समर्थकों ने ली थी... उस पाकिस्तान की
जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं जिस पाकिस्तान के समर्थकों ने बंटवारे के वक्त भारत की लाखों हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया था... उनको नंगा करके कराची और लाहौर की सड़कों पर घुमाया था... ये उस पाकिस्तान की जिंदाबाद के नारे लगाते हैं... जिसके निर्माण के वक्त
बन्दा बैरागी जी का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को ग्राम तच्छल किला, पुंछ में श्री रामदेव के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। युवावस्था में शिकार खेलते समय उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया। इससे उसके पेट से एक
शिशु निकला और तड़पकर वहीं मर गया। यह देखकर उनका मन खिन्न हो गया। उन्होंने अपना नाम माधोदास रख लिया और घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर चल दिये। अनेक साधुओं से योग साधना सीखी और फिर नान्देड़ में कुटिया बनाकर रहने लगे।
इसी दौरान गुरु गोविन्दसिंह जी माधोदास की कुटिया में आये।
उनके चारों पुत्र बलिदान हो चुके थे। उन्होंने इस कठिन समय में माधोदास से वैराग्य छोड़कर देश में व्याप्त आतंक से जूझने को कहा।
इस भेंट से माधोदास का जीवन बदल गया। गुरुजी ने उसे बन्दा बहादुर नाम दिया। फिर पाँच तीर, एक निशान साहिब, एक नगाड़ा और एक हुक्मनामा देकर दोनों छोटे पुत्रों
एक गांव में राजपूत, ब्राह्मण, बनिये, तेली, हरिजन आदि जातिके लोग रहते थे, सभी मिलजुल कर शान्ति से रहते थे।
एक दिन गांव के मुखिया के पास एक मुस्लिम अपनी पत्नी और आठ बच्चों के साथ आया और गांव मे रहने की भीख मांगने लगा।
रातों को जागकर गाँव की देखभाल करने वाले
एक चौकीदार ने इसका विरोध किया लेकिन किसीने उसकी बात को नहीं माना और मुस्लिम परिवार को गांव में रहने की अनुमति दे दी।
दिन गुजरते गये और मुस्लिम के आठों बच्चे बड़े हो गए जब उनकी शादी की बारी आई तो मुस्लिम सरपंच के पास गया और बोला कि हुजूर बच्चों की शादी होनेवाली है और
मेरे पास एक ही घर हैं तो गावँवालों ने उसको एक बंजर जमीन दे दी और कहा कि तुम उस पर घर बना कर रहो ।
इसके बाद मुस्लिम बनिये के पास गया और उससे पैसे उधार लिए । कुछ समय बाद उन आठों बच्चों के ७४ बच्चे हुए और देखते ही देखते लगभग ३० सालों मे उस गांव में मुस्लिमों की जनसंख्या ४०% हो गई।
पितृ पक्ष में किसको अधिकार है श्राद्ध करने
का और क्या है 16 तिथियों का महत्व?
श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। उक्त 16 दिनों में हर दिन अलग अलग लोगों के लिए श्राद्ध होता है।
वैसे अक्सर यह होता है कि जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु हुई है, श्राद्ध में पड़ने वाली उस तिथि को उसका श्राद्ध किया जाता है, लेकिन इसके अलावा भी यह ध्यान देना चाहिए कि नियम अनुसार किस दिन किसके लिए और कौन सा श्राद्ध करना चाहिए?
किसको करना चाहिए श्राद्ध?
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*पिता के श्राद्ध का अधिकार उसके बड़े पुत्र को है लेकिन यदि जिसके पुत्र न हो तो उसके सगे भाई या उनके पुत्र श्राद्ध कर सकते हैं। यह कोई नहीं हो तो उसकी पत्नी कर सकती है। हालांकि जो कुंआरा मरा हो तो उसका श्राद्ध उसके सगे भाई कर सकते हैं और जिसके सगे भाई न हो, उसका श्राद्ध