नेता तो बहुत हैं पर उनके मन में हिंदुओं के साम्राज्य जैसा कोई लक्ष्य नहीं, कोई महत्वाकांक्षा नहीं; इसलिए हिंदु नेताओं को सेकुलरिज्म की चादर ओढ़कर हिंदुओं के रक्त की प्यासी कौम से भाईचारा निभाने में भी कोई लज्जा नहीं आती!
सत्ता का जो तंत्र अंग्रेज स्थापित कर गए,
मात्र वे उसे ढोना चाहते हैं, उसपर बैठकर उसे भोगना चाहते हैं, यही हिंदु नेताओं की महत्वाकांक्षा है!
जबकि कम्युनिस्टों, मुसलमानों और ईसाईयों का स्पष्ट राजनैतिक लक्ष्य है। कम्युनिस्ट साम्यवादी शासन वाला भारत चाहते हैं, मुसलमान शरीयत कानून वाला इस्लामिक भारत चाहते हैं और ईसाई
बाइबिल वाला रोमानियाई भारत चाहते हैं, पर हिंदुओं के मन में ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है।
उनके पास चीन, अरब और रोम का मॉडल है पर हिंदुओं के पास ऐसा कोई मॉडल नहीं ।
हिंदुओं से राजनैतिक लक्ष्य की बात करो, महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी से मुक्ति से आगे उनकी कोई सोच नहीं होती!
जबकि महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी जैसी बीमारियां इसी राजनैतिक लक्ष्यहीनता के कारण हैं! जिस दिन हिंदुमन स्वराज, हिंदु साम्राज्य और अखण्ड भारत बनाने की महत्वाकांक्षा से भर जाएगा उस दिन भारत महगांई, बेरोजगारी और गरीबी जैसी बीमारियों से भी स्वतः मुक्त होने लगेगा!
हिंदुओं की राजनीतिक दिशाहीनता का इतिहास सदियों पुराना हो चला है। जिन्ना डायरेक्ट एक्शन डे की घोषणा करता है परंतु हिन्दू उसके प्रति भी मूकदर्शक रहता है जबकि वो जानता है कि दूसरा पक्ष कभी भी कार्यवाही करके हमारा कत्लेआम कर सकता है!
बर्मा, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान श्रीलंका
आदि को भारत से तोड़कर अलग किया जाता रहा परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक बना रहा। 1947 में भारत का 31 प्रतिशत हिस्सा काटकर मुसलमानों को दे दिया जाता है, परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक रहता है! ....और पाकिस्तान देने के बाद भी मुसलमानों को भारत में बसा लेता है!
1947 में रोके गए मुसलमान आज फिर भारत विभाजन की मांग कर रहे हैं पर हिंदू मौन है!
शेष भारत में लाखों एकड़ भूमि वक्फ बोर्डों के नाम कर दी जाती है परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक रहता है!
हिंदू अपने अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों के उत्थान का कार्य नहीं कर पाता,
फिर भी हिन्दू मूकदर्शक रहता है!
पूरा भारत हिंदुओ के हाथों से जा रहा है परंतु हिन्दू आज तक ये निर्धारित न सके कि हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए!
हिंदुओं का घर उजड़ रहा है पर हिन्दू चैन से सो रहे हैं।
मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में जाइये और बात कीजिये, आप पायेगें कि हर साल हिंदू
ही अपने मकान-दुकान बेचकर निकल रहे हैं!
और ये भारत के हर राज्य, हर शहर - कस्बे में हो रहा है।
भारत की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है, भारत के अंदर सैकड़ों पाकिस्तान जन्म ले चुके हैं।
भारत हिंदुराष्ट्र घोषित होगा तो सनातन संस्कृति के पोषण के लिए कानून बन सकेंगे।
हिंदुराष्ट्र भारत में हिंदुओं की संपत्ति अन्य कोई मजहब का व्यक्ति न खरीद सके, ऐसा कानून बना सकते हैं।
हिंदुराष्ट्र भारत में हिंदुओं का धर्मांतरण नहीं किया जा सके ऐसा कानून बनाया जा सकता है।
हिंदुराष्ट्र भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धर्म, संस्कृति और अपने पूर्वजों को
कोई गाली नहीं दे सकेगा, ऐसा कानून बना सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र भारत में समस्त नौकरियों में प्रथम वरीयता हिंदुओं को दी जाएगी, बिना जाति के भेदभाव के हिंदुओं को आर्थिक आधार पर आरक्षण होगा (मात्र हिंदुओं को)!
सेकुलर भारत अपंग और असहाय है, वह अपनी संस्कृति और मूल प्रजा की रक्षा के
लिए कोई कदम नहीं उठा सकता, चाहे सत्ता पर कोई भी क्यों ना बैठा हो ।
अंग्रेजों द्वारा थोपे गए संविधान और शासन तंत्र को इसी प्रकार हम ढोते रहेंगे, तो एक दिन वह आएगा कि भारत के हर संसाधन पर और सत्ता पर मुसलमानों का शासन होगा और जिस दिन वहां सत्ता के शीर्ष पर
कोई मुसलमान पहुंचेगा, उस दिन संविधान का पालन नहीं होगा बल्कि शरिया लागू कर भारत इस्लामिक राष्ट्र घोषित हो जाएगा!
तब तुम्हें वही मिलेगा जो मुसलमानों के 800 साल के शासन में काफिरों को मिलता रहा है.., वही मिलेगा जो ईरान में पारसियों को मिला, सीरिया में यजीदियों को मिला...!
हिंदू नेता भारत को हिंदुराष्ट्र बनाने में हिचकते हैं, उसकी बात तक करने से डरते हैं, उस पर चर्चा परिचर्चा करने से उनके हाथों में कंपन शुरू हो जाता है! परंतु याद रखना, जिस दिन मुसलमान सत्ता के शीर्ष पर होगा उस दिन इस्लामिक राष्ट्र घोषित करने में उन्हें तनिक भी लज्जा, हिचक और
देर नहीं होगी! इस्लामिक भारत में जो रोड़ा बनेगा उसे पारसियों, यजीदियों, सिंध और कश्मीरी हिंदुओं की तरह काट दिया जाएगा।
सिंध व कश्मीर में हिन्दुओं के साथ क्या हुआ, यह भी ध्यान में रखना चाहिए।
अगर भारत, हिन्दू और सनातन संस्कृति का तनिक भी मोह है और इसकी रक्षा चाहते हैं
तो केवल और केवल हिंदुराष्ट्र भारत के लिए संघर्षरत रहना चाहिए।
हर हिंदू को अपने हिंदू नेताओं को हिंदुराष्ट्र भारत के लिए मजबूर करना होगा!
हिन्दुओं की रक्षा सुरक्षा की गारंटी कोई सरकार, कोई नेता, कोई पार्टी, कोई संगठन नहीं बन सकता... जबकि स्वराज और
हिन्दुराष्ट्र अखंड भारत ही हिंदुओं की, भारत की, सनातन संस्कृति की रक्षा, सुरक्षा और पोषण की गारंटी बन सकता है...!
कुछ हिन्दू तो इतने कृतघ्न हैं कि इस शानदार पोस्ट को भी ध्यान से नहीं पढ़ पाएंगे। इसी हिप्पोक्रेटिक सोच का परिणाम है अतीत में हुए सभी आक्रमण और लंबे
समय तक गुलामी का दंश।
यदि आप वाकई सनातन संस्कृति की परवाह करते है और अभी भी आपके इष्टदेव उसी संस्कृति के मर्यादा पुरुष, देवी-देवता हैं जिनसे आप मुक्ति, मोक्ष और सुख की आकांक्षा रखते हैं तो अपने परिवार, मित्रों और सभी जानकार बंधुओं
तक ये पोस्ट भेजें ताकि सनातन संस्कृति की रक्षा, पालन और अनुसरण के लिए जागरूकता बढ़ाई जा सके👍🙏 #सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है
🚩🚩जय श्री राम🚩🚩
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इंडोनेशिया के पूर्व मुस्लिम राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपनाया
इंडोनेशिया में चर्चा है कि खत्म हो जाएगा इस्लाम धर्म और क्या 500 साल पुरानी भविष्यवाणी सच हो जाएगी
इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपना लिया है । इंडोनेशिया के
पहले राष्ट्रपति सुकर्णो को इंडोनेशिया में राष्ट्रपिता के जैसा दर्जा हासिल है । सुकर्णो नाम तो संस्कृत भाषा से मिलता जुलता है लेकिन वो एक मुसलमान थे ।
इंडोनेशिया में इस्लाम ने आक्रमण के माध्यम से... तलवार के जरिए अपनी जड़ें जमा लीं और 99 प्रतिशत आबादी को
इस्लाम में कन्वर्ट करवा लिया लेकिन इसके बाद भी वहां पर अरब कल्चर की जड़ें नहीं जम पाईं यही वजह है कि आज भी वहां लोगों के नाम संस्कृत भाषा से मिलते जुलते हैं
सुकुमावती सुकर्णोपुत्री ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप में पूरे धार्मिक रीति रिवाज से घर वापसी कर ली है और इस घटना को
ये सिर्फ पटाखों की आवाज नहीं है... ये देश के अंदर सुलग रहे एक गृहयुद्ध की अभिव्यक्ति (प्रगटीकरण) है !
-हिंदुओं का खून अब पानी हो चुका है... उनके अंदर कभी कोई गुस्सा नहीं आता है... इस देश के अंदर रहकर लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं... उस
पाकिस्तान के नारे लगाते हैं जो कोई देश नहीं है बल्कि हमारे महान पूर्वजों की जमीन पर मौजूद एक इस्लामिक उपनिवेश है ! उस पाकिस्तान की जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं जिसके निर्माण के लिए लाखों बेगुनाह हिंदुओं की जान जिन्ना और मुस्लिम लीग के समर्थकों ने ली थी... उस पाकिस्तान की
जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं जिस पाकिस्तान के समर्थकों ने बंटवारे के वक्त भारत की लाखों हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया था... उनको नंगा करके कराची और लाहौर की सड़कों पर घुमाया था... ये उस पाकिस्तान की जिंदाबाद के नारे लगाते हैं... जिसके निर्माण के वक्त
बन्दा बैरागी जी का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को ग्राम तच्छल किला, पुंछ में श्री रामदेव के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। युवावस्था में शिकार खेलते समय उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया। इससे उसके पेट से एक
शिशु निकला और तड़पकर वहीं मर गया। यह देखकर उनका मन खिन्न हो गया। उन्होंने अपना नाम माधोदास रख लिया और घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर चल दिये। अनेक साधुओं से योग साधना सीखी और फिर नान्देड़ में कुटिया बनाकर रहने लगे।
इसी दौरान गुरु गोविन्दसिंह जी माधोदास की कुटिया में आये।
उनके चारों पुत्र बलिदान हो चुके थे। उन्होंने इस कठिन समय में माधोदास से वैराग्य छोड़कर देश में व्याप्त आतंक से जूझने को कहा।
इस भेंट से माधोदास का जीवन बदल गया। गुरुजी ने उसे बन्दा बहादुर नाम दिया। फिर पाँच तीर, एक निशान साहिब, एक नगाड़ा और एक हुक्मनामा देकर दोनों छोटे पुत्रों
इस देश के अंदर पाकिस्तानियों को हम कब तक ढोते रहेंगे ?
-जब पाकिस्तान जीता तो हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानों ने कल जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी की... कल दिल्ली में उन इलाकों से पटाखों की आवाजें आती रहीं जहां शाहीनबाग आंदोलन का सबसे ज्यादा जोर था और ऐसा लगा कि ये कोई पटाखों
की आवाज नहीं है... ये उन अदृश्य जूतों की आवाज थी जो हिंदू को कायदे से बार बार लगाए जाते हैं और हिंदू हर बार ऐसे जूतों को ना सिर्फ सहता है बल्कि सहने का आदी हो चुका है
-वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने तक दिल्ली के सीलमपुरी और तमाम मुस्लिम बहुल इलाकों में फोड़े गए पटाखों पर ट्वीट
किया और कहा कि पाकिस्तान की जीत पर जो लोग पटाखें फोड़ रहे हैं वो लोग दिवाली पर पटाखे ना जलाने का ज्ञान बिलकुल भी ना दें ।
-पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कल एक बयान जारी करके पाकिस्तान की जीत को समूचे आलमे इस्लाम की जीत बताया है । और कहा है कि पाकिस्तान की
एक गांव में राजपूत, ब्राह्मण, बनिये, तेली, हरिजन आदि जातिके लोग रहते थे, सभी मिलजुल कर शान्ति से रहते थे।
एक दिन गांव के मुखिया के पास एक मुस्लिम अपनी पत्नी और आठ बच्चों के साथ आया और गांव मे रहने की भीख मांगने लगा।
रातों को जागकर गाँव की देखभाल करने वाले
एक चौकीदार ने इसका विरोध किया लेकिन किसीने उसकी बात को नहीं माना और मुस्लिम परिवार को गांव में रहने की अनुमति दे दी।
दिन गुजरते गये और मुस्लिम के आठों बच्चे बड़े हो गए जब उनकी शादी की बारी आई तो मुस्लिम सरपंच के पास गया और बोला कि हुजूर बच्चों की शादी होनेवाली है और
मेरे पास एक ही घर हैं तो गावँवालों ने उसको एक बंजर जमीन दे दी और कहा कि तुम उस पर घर बना कर रहो ।
इसके बाद मुस्लिम बनिये के पास गया और उससे पैसे उधार लिए । कुछ समय बाद उन आठों बच्चों के ७४ बच्चे हुए और देखते ही देखते लगभग ३० सालों मे उस गांव में मुस्लिमों की जनसंख्या ४०% हो गई।
पितृ पक्ष में किसको अधिकार है श्राद्ध करने
का और क्या है 16 तिथियों का महत्व?
श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। उक्त 16 दिनों में हर दिन अलग अलग लोगों के लिए श्राद्ध होता है।
वैसे अक्सर यह होता है कि जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु हुई है, श्राद्ध में पड़ने वाली उस तिथि को उसका श्राद्ध किया जाता है, लेकिन इसके अलावा भी यह ध्यान देना चाहिए कि नियम अनुसार किस दिन किसके लिए और कौन सा श्राद्ध करना चाहिए?
किसको करना चाहिए श्राद्ध?
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*पिता के श्राद्ध का अधिकार उसके बड़े पुत्र को है लेकिन यदि जिसके पुत्र न हो तो उसके सगे भाई या उनके पुत्र श्राद्ध कर सकते हैं। यह कोई नहीं हो तो उसकी पत्नी कर सकती है। हालांकि जो कुंआरा मरा हो तो उसका श्राद्ध उसके सगे भाई कर सकते हैं और जिसके सगे भाई न हो, उसका श्राद्ध