इंडोनेशिया के पूर्व मुस्लिम राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपनाया

इंडोनेशिया में चर्चा है कि खत्म हो जाएगा इस्लाम धर्म और‌ क्या 500 साल पुरानी भविष्यवाणी सच हो जाएगी

इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने हिंदू धर्म अपना लिया है । इंडोनेशिया के
पहले राष्ट्रपति सुकर्णो को इंडोनेशिया में राष्ट्रपिता के जैसा दर्जा हासिल है । सुकर्णो नाम तो संस्कृत भाषा से मिलता जुलता है लेकिन वो एक मुसलमान थे ।

इंडोनेशिया में इस्लाम ने आक्रमण के माध्यम से... तलवार के जरिए अपनी जड़ें जमा लीं और 99 प्रतिशत आबादी को
इस्लाम में कन्वर्ट करवा लिया लेकिन इसके बाद भी वहां पर अरब कल्चर की जड़ें नहीं जम पाईं यही वजह है कि आज भी वहां लोगों के नाम संस्कृत भाषा से मिलते जुलते हैं

सुकुमावती सुकर्णोपुत्री ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप में पूरे धार्मिक रीति रिवाज से घर वापसी कर ली है और इस घटना को
इंडोनेशिया में इस्लाम के विनाश से देखा जा रहा है

इस बात की चर्चा पूरी दुनिया में क्यों हो रही है ? इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना और भविष्यवाणी है जिसका इतिहास आपको समझना होगा

इंडोनेशिया में हिंदुओं की संख्या मात्र 1.74 प्रतिशत रह गई है और वो भी इसलिए
क्योंकि इंडोनेशिया का एक द्वीप है जिसका नाम है बाली । बाली की 87 प्रतिशत जनसंख्या आज भी हिंदू है । वहां पर करीब 87 प्रतिशत हिंदू हैं

इंडोनेशिया में इतनी तेजी से इस्लाम कैसे फैला ? इसको आपको बाद में समझाएंगे पहले ये समझिए कि इंडोनेशिया का मूल धर्म क्या था ?
और इंडोनेशिया को इस्लाम ने कैसे तलवार के जोर से हड़प लिया है ।

इंडोनेशिया को लेकर यूरोपीय विद्वानों का कहना है कि इंडोनेशिया में हिंदू धर्म करीब एक हजार सालों से स्थापित है लेकिन हमारा ये मानना है कि इंडोनेशिया में करीब 2 हजार सालों से हिंदू धर्म है
मूल रूप से इंडोनेशिया पहले एक हिंदू देश ही था और ये पूरी तरह से भारतीय संस्कृति के प्रभाव में था यहां संस्कृत के शब्द बहुत लोकप्रिय थे ।

दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य और कलिंग साम्राज्य ने भी भारतीय संस्कृति का विस्तार इंडोनेशिया में किया था । बाद में इंडोनेशिया
में ही एक बहुत बड़ा हिंदू एम्पायर खड़ा हुआ जिसे श्री विजय साम्राज्य कहा जाता है

इंडोनेशिया के आखिरी हिंदू साम्राज्य मजापहित साम्राज्य के राजा ब्राविजय पंचम थे । इंडोनेशिया के डेमेक सल्तनत से हुई जंगों में पराजय के बाद उसे मुसीबत में पड़कर मजबूरी में इस्लाम स्वीकार करना पड़ा था
उस वक्त राजा के मुख्य पुजारी शब्दपलान ने ये भविष्यवाणी की थी कि 500 सालों के बाद इंडोनेशिया में बहुत बड़ा भूकंप और तबाही आएगी... ज्वालामुखी माउंट लाऊ से आग निकलेगी... और फिर धीरे धीरे इंडोनेशिया में लोग दोबारा से हिंदू बनना शुरू कर देंगे और इंडोनेशिया में इस्लाम का
विनाश होने के बाद दोबारा पूरा इंडोनेशिया हिंदू धर्म में लौट आएगा

इंडोनेशिया के मुसलमान लोग भी इस भविष्यवाणी पर भरोसा करते हैं । साल 2004 में इंडोनेशिया में एक बहुत बड़ी सुनामी आई थी जिसमें एक लाख 68 हजार लोगों की मौत हो गई थी तब भी शब्दपलान की इस भविष्यवाणी पर पूरी
दुनिया में चर्चा शुरू हो गई थी और अब एक बार फिर सुकुमावती सुकर्णोपुत्री के इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म में वापस आने के बाद ये चर्चा हो रही है कि शब्दपलान की भविष्यवाणी सच साबित होने जा रही है और पूरा इंडोनेशिया दोबारा सनातन धर्म में लौट आएगा
जैसे भारत में ब्रिटिश लोगों ने कब्जा कर लिया था वैसे ही इंडोनेशिया में डच ने कब्जा कर लिया था साल 1951 में जब इंडोनेशिया को आजादी मिली तो वहां की कुर्सी पर मुसलमानों का कब्जा हो गया और उन्होंने अपना संविधान इस तरह से बनाया कि हिंदू धर्म की मान्यता ही खत्म कर दी
उन्होंने संविधान में लिखवाया कि जो एकेश्वरावाद में भरोसा नहीं करते हैं उनको वो धर्म नही नहीं मानते हैं तब बाली द्वीप में हिंदू धर्म को मान्यता दिलवाने के लिए बड़ा प्रोटेस्ट चला था और इस प्रोटेस्ट के साथ ही वहां के मुस्लिम राष्ट्रपति सुकर्णो को एक याचिका सौंपी गई
जिसमें ये कहा गया कि हिंदू धर्म बहुआयामी है और ये एकेश्वरावाद को भी मानता है... उपनिषद के उदाहरण दिए गए जिसके बाद सुकर्णो ने हिंदू धर्म को भी मान्यता दी ।

लेकिन हिंदू धर्म के लगातार सामाजिक दमन की वजह से वहां सरकारी फायदे के लिए और सरकारी प्रशासन से नजदीकी
बनाने के लिए लोग बड़ी संख्या में मुसलमान होते चले गए

लेकिन अब एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि दोबारा इंडोनेशिया की पूरी घरवापसी होगी और शब्दपलान की भविष्यवाणी सच हो जाएगी ।
#सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है

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