#HindiThreads
ख़बरदार यदि किसी ने फकेन्यूज़ फैलाया तो___
हमारे यहाँ फकेन्यूज़ फैलाने का copyright सिर्फ #GodiMedia और सरकार के पास ही है।
खुश मत होइए और गर्व भी मत कीजिए,
सरकार यह प्रयोग कर रही है बिल्कुल वैसा ही जैसा 21 दिन का Lockdown लगाने से पहले 1 दिन का lockdown लगाया था
और सरकार के मंत्री, कुछ बुद्धिजीवी समझदार और GodiMedia सबको ज्ञान दे रहे थे सिर्फ एक दिन के lockdown से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा!
अच्छी बात है कि यह किसी को फकेन्यूज़ नहीं लगा..
सरकार यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ उठ रहे आवाज को दबाने के लिए जल्द ही
एक कानून लागू कर रही है जिसमें सरकार बिना किसी एक्सक्यूज़ के किसी की भी यूट्यूब चैनल को बैन कर देगी,
अभी जो 20 चैनल बैन किए हैं सरकार ने, हमें उसके बारे में सही जानकारी प्राप्त कर ही विचार बनाना चाहिए,
कल को सरकार आपका चैनल भी बन्द कर देगी, सोशल मीडिया पर से आपका एकाउंट डिलीट
करवा देगी,
सरकार को तकलीफ़ हुआ है इसका मतलब जरूर उस चैनल के बात में बजन होगा,
33 लाख सब्सक्राइबर और करोड़ो व्यूज फकेन्यूज़ फैलाकर नहीं लाया जा सकता ऐसा मेरा मानना है।
2014&2019 में जो सरकार फकेन्यूज़ फैलाकर ही सत्ता में आई आज उसे ही फकेन्यूज़ से डर लगने लगा है।
#HindiThread & #HindiThreads :-
बेचारा #बिपिन_रावत जी की मौत हो गई और News Channels वाला एकदम Background music, High level video editing, और Selective words का use कर उसे exciting अंदाज़ में लोगों को दिखा रहें हैं।
क्या कोई शोक संदेश ऐसे बताया जाता है लोगों को...!?
(1/2)
ऐसा लगता है #BipinRawat मरे नहीं बल्कि पैदा हुएं हैं
हमने किसी के मौत पर ऐसा न्यूज प्रोग्राम शो की कभी कल्पना नहीं किया था #SushantSinghRajput पर भी नहीं
आज अगर गांधी-नेहरू-अम्बेडकर जैसे पत्रकार होते तो बहुत दुःखी होते
(गाँधी सिर्फ वकील ही नहीं पत्रकार भी थे)
इसका जिम्मेदार वर्तमान सरकार भी है।
अगर सरकार चाहती तो इन News Channels को instructions दे सकती थी कि #GeneralBipinRawat की दुःखद मौत को मजाक नहीं बनाया जाए।
#HindiThreads
अंबानी के माथे पर लगभग 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है!
और वह देश छोड़कर, लंदन निकल गए हैं इस दीवाली.....
अब आम जनता का दिवाला निलकेगा.....
पता नहीं कौन से बैंक डूबेंगे......
विजय माल्या भी लंदन में ही हैं जो कभी मोदीजी के दोस्त हुआ करते थे! और अब अम्बानी भी....
इतने दिनों से जो कम्पनियाँ भारत में काम कर रही थी वो बेवकूफ़ थी क्या...?
इतने दिनों तक लोगों ने फ्री और सस्ता data इस्तेमाल किया.... अब हिसाब बराबर करने का समय आ गया है....
3.50 लाख करोड़ कोई भी आम नागरिक यदि कर्ज ले लेता है तो वह अम्बानी जितना महान बिजनेसमैन दिखने लगेगा....
बस उसे मोदी जी जैसे बड़े नेताओं से दोस्ती होनी चाहिए..... वरना बैंक न उतना कर्ज देगा और न ही सरकार विदेश जाने के लिए वीजा....
अब बस उस एक महान शब्द का इंतजार है
"हम कर्ज़ नहीं चुका पाएगें"
तब देखना उतना ही बड़ा तूफान उठेगा....
2024 से यदि पहले हुआ तो मोदी सरकार खत्म....
#HindiThreads:- #AryanKhan Case मामले में कोर्ट में हर रोज सुनवाई चल रही है। #ArnabGoswami Case मामले में अदालत देर रात को भी बेल देकर सुनवाई करता है।
और एक आम भारतीय #नागरिक को कोर्ट से किसी प्रकार का न्याय या राहत पाने में महीनों, कभी कभार तो वर्षों लग जाता है।
कब तक हम एक देश एक समान कानून का झूठा ढ़िढोरा पीटते रहेंगें?
हाल ही में,
उत्तरप्रदेश के एक महिला मंत्री ने उत्तरप्रदेश के महिलाओं से अपील किया है कि वो "रात में पुलिस स्टेशन न जाए"!? वरना कुछ भी हो सकता है.
क्या पुलिस रात में महिलाओं की रक्षा वो भी police station में ही करने में
असमर्थ है?
यह कोई छोटी बात नहीं जिसको दाँत चियारकर इग्नोर कर दिया जाए.
ऐसे बातें सुनकर एक लोकतांत्रिक समाज और उसकी जनता को सरकार के खिलाफ क्रांति कर देनी चाहिए.
क्योंकि यह जनता की सुरक्षा का मामला है।
मैं हैरान हूँ कि आखिरकार लोगों ने यह सुनकर बर्दास्त कैसे कर लिया?
#AirIndia बिकने के साथ ही अब भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके पास कोई भी शुद्ध सरकारी Airlines नहीं है,
लेकिन सरकारी उड्डयन मंत्री जरूर हैं (ज्योतिरादित्य सिंधिया)
कायदे से Private उड्डयन मंत्री होना चाहिए, वरना कैसी निजी कम्पनिया सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं रखेगा? #HindiThreads
मतलब,
निजीकरण से निजी कंपनियों का भी कोई सुनने वाला नहीं है।
मुझे डर है, देश के सामने कौन इन Private company की बातों को रखेगा जब सरकार कोई नियम बनाकर इनपर अत्याचार करने लग जाएगी तब?
Logic के आधार पर तो संसद में भी कुछ देश के गिने चुने businessman का CEO/MD/वैगरह होना चाहिए
क्योंकि अब वह सिर्फ निजी कम्पनी (Private Companies) मात्र ही नहीं रह गई जो पहले कभी हुआ करती थी।
आज की private sector, अब देश चलाना शुरू कर दिया गया।
सरकार का क्या भरोसा, जो अपने खुद की जनता की नहीं हुई वो इन कम्पनियों का कैसे होगी? जब तक कोई नया मित्र न मिल जाए।
#HindiThread:-ये इवेंट भी बीत गया और किसी को पता भी नहीं चला!
बात 1-2या-10 की नहीं 1 करोड़ की हो रही है,इतनी बड़ी संख्या को भी ढंग से सेलेब्रेट भी नहीं किया गया तो कितना रोपण हुआ उसकी बात करना ही बेकार का,
जब से कागज का आविष्कार हुआ तब से एक ट्रेंड बनना भी शुरू हो गया
आप कुछ भी कागज पर कर सकते हो, कितना भी मुश्किल काम क्यों न हो!
चाहें आप सरकार हों या कवि, कहावत सुनी है न
"जहां न जाए रवि, वहां भी जाए कवि"
मतलब कविता रचयिता अपने कल्पना से सूर्य से से आगे निकल जाते हैं!
खैर अब हम वापस मुद्दे पर आ जातें हैं
सरकार एक बार फिर से चालाकी कर गईं, पर क्यों? और
किससे?
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा पर्यावरण पर?
हर साल हजारों-करोड़ रुपए का बिल पास करा लिया जाता है सांसद से, और लोग देखतें ही रह जातें हैं।
पर्यावरण के साथ धोखा करना और फिर भी देशवासियों का चुप रह जाना बहुत भारी पड़ेगा एक दिन
#PrimeTimeWithRavishKumar
Ravish Kumar Exposed the reality of farmers double income in 2022.
......Must watch......
#HindiThread:-
मान लीजिए आपके गांव में 100 किसान हैं और सभी सब्जी को मार्केट में बेचने जाते हैं
अब यदि 50 किसान किसानी छोड़कर शहर चले जाते हैं काम करने के लिए
और गांव में अब खेती करने के लिए सिर्फ 50 किसान ही बचे हैं तो इसका मतलब है कि
"अब बाजार में सामान कम पहुंचेगा और किसी भी चीज का भाव बढ़ जाएगा"
क्या आप इससे सहमत हैं?
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मोदी सरकार यही रणनीति बनाकर कह रहे थी कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी!
लेकिन सच्चाई कुछ और है
" दरअसल सरकार की योजना है किसानों की संख्या को आधा कर दिया जाए ना कि किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए"
तो जाहिर सी बात है जब शहरों में काम करने वालों की संख्या ज्यादा होगी तो कंपनियां वेतन भी कम देगी और सस्ते वेतन में काम करवाएंगे।