#HindiThreads
अंबानी के माथे पर लगभग 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है!
और वह देश छोड़कर, लंदन निकल गए हैं इस दीवाली.....
अब आम जनता का दिवाला निलकेगा.....
पता नहीं कौन से बैंक डूबेंगे......
विजय माल्या भी लंदन में ही हैं जो कभी मोदीजी के दोस्त हुआ करते थे! और अब अम्बानी भी....
इतने दिनों से जो कम्पनियाँ भारत में काम कर रही थी वो बेवकूफ़ थी क्या...?
इतने दिनों तक लोगों ने फ्री और सस्ता data इस्तेमाल किया.... अब हिसाब बराबर करने का समय आ गया है....
3.50 लाख करोड़ कोई भी आम नागरिक यदि कर्ज ले लेता है तो वह अम्बानी जितना महान बिजनेसमैन दिखने लगेगा....
बस उसे मोदी जी जैसे बड़े नेताओं से दोस्ती होनी चाहिए..... वरना बैंक न उतना कर्ज देगा और न ही सरकार विदेश जाने के लिए वीजा....
अब बस उस एक महान शब्द का इंतजार है
"हम कर्ज़ नहीं चुका पाएगें"
तब देखना उतना ही बड़ा तूफान उठेगा....
2024 से यदि पहले हुआ तो मोदी सरकार खत्म....
तो उम्मीद किया जा सकता है 2024 से पहले न हो....पर कुछ कहा भी तो नहीं जा सकता है....
इस informationfull समय मे informationless हुई जनता तक यह बात न जाने कब पहुचेगा.....
और पता भी कैसे चलेगा....अधिकांश News-Cum-Entertainment चैनल तो उनके ही हैं! m.economictimes.com/magazines/pana…
आजतक कथित मजबूत मोदी सरकार विजय माल्या से पैसे वापस नहीं ला पाए, जबकि न जाने कितने बार UK गए हागे.
और ये 49 बेडरूम किसके लिए.... जीवन जीने के लिए तो 1-2 बेडरूम ही काफी होता है।
मैं अम्बानी जी से request करुँगा जब मोदीजी झोला लेकर लंदन जाए तो कम से कम 2 बेडरूम उनको दे दें....
इतना ज्यादा कर्ज़ में डूबी कम्पनी को खरीदेगा कौन....?
जाहिर सी बात है, बैंकों को बचाने के लिए सरकार.... जनता का टैक्स का पैसा use करेगें ताकि बैंकिंग सिस्टम चलता रहे....
अब तो बैंकिंग सिस्टम के साथ साथ हवाई यात्र और रेल यात्रा , टेलीफोन service आदि भी प्रभावित होगा... #Ambani
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#HindiThreads:- #AryanKhan Case मामले में कोर्ट में हर रोज सुनवाई चल रही है। #ArnabGoswami Case मामले में अदालत देर रात को भी बेल देकर सुनवाई करता है।
और एक आम भारतीय #नागरिक को कोर्ट से किसी प्रकार का न्याय या राहत पाने में महीनों, कभी कभार तो वर्षों लग जाता है।
कब तक हम एक देश एक समान कानून का झूठा ढ़िढोरा पीटते रहेंगें?
हाल ही में,
उत्तरप्रदेश के एक महिला मंत्री ने उत्तरप्रदेश के महिलाओं से अपील किया है कि वो "रात में पुलिस स्टेशन न जाए"!? वरना कुछ भी हो सकता है.
क्या पुलिस रात में महिलाओं की रक्षा वो भी police station में ही करने में
असमर्थ है?
यह कोई छोटी बात नहीं जिसको दाँत चियारकर इग्नोर कर दिया जाए.
ऐसे बातें सुनकर एक लोकतांत्रिक समाज और उसकी जनता को सरकार के खिलाफ क्रांति कर देनी चाहिए.
क्योंकि यह जनता की सुरक्षा का मामला है।
मैं हैरान हूँ कि आखिरकार लोगों ने यह सुनकर बर्दास्त कैसे कर लिया?
#AirIndia बिकने के साथ ही अब भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके पास कोई भी शुद्ध सरकारी Airlines नहीं है,
लेकिन सरकारी उड्डयन मंत्री जरूर हैं (ज्योतिरादित्य सिंधिया)
कायदे से Private उड्डयन मंत्री होना चाहिए, वरना कैसी निजी कम्पनिया सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं रखेगा? #HindiThreads
मतलब,
निजीकरण से निजी कंपनियों का भी कोई सुनने वाला नहीं है।
मुझे डर है, देश के सामने कौन इन Private company की बातों को रखेगा जब सरकार कोई नियम बनाकर इनपर अत्याचार करने लग जाएगी तब?
Logic के आधार पर तो संसद में भी कुछ देश के गिने चुने businessman का CEO/MD/वैगरह होना चाहिए
क्योंकि अब वह सिर्फ निजी कम्पनी (Private Companies) मात्र ही नहीं रह गई जो पहले कभी हुआ करती थी।
आज की private sector, अब देश चलाना शुरू कर दिया गया।
सरकार का क्या भरोसा, जो अपने खुद की जनता की नहीं हुई वो इन कम्पनियों का कैसे होगी? जब तक कोई नया मित्र न मिल जाए।
#HindiThread:-ये इवेंट भी बीत गया और किसी को पता भी नहीं चला!
बात 1-2या-10 की नहीं 1 करोड़ की हो रही है,इतनी बड़ी संख्या को भी ढंग से सेलेब्रेट भी नहीं किया गया तो कितना रोपण हुआ उसकी बात करना ही बेकार का,
जब से कागज का आविष्कार हुआ तब से एक ट्रेंड बनना भी शुरू हो गया
आप कुछ भी कागज पर कर सकते हो, कितना भी मुश्किल काम क्यों न हो!
चाहें आप सरकार हों या कवि, कहावत सुनी है न
"जहां न जाए रवि, वहां भी जाए कवि"
मतलब कविता रचयिता अपने कल्पना से सूर्य से से आगे निकल जाते हैं!
खैर अब हम वापस मुद्दे पर आ जातें हैं
सरकार एक बार फिर से चालाकी कर गईं, पर क्यों? और
किससे?
इसका क्या प्रभाव पड़ेगा पर्यावरण पर?
हर साल हजारों-करोड़ रुपए का बिल पास करा लिया जाता है सांसद से, और लोग देखतें ही रह जातें हैं।
पर्यावरण के साथ धोखा करना और फिर भी देशवासियों का चुप रह जाना बहुत भारी पड़ेगा एक दिन
#PrimeTimeWithRavishKumar
Ravish Kumar Exposed the reality of farmers double income in 2022.
......Must watch......
#HindiThread:-
मान लीजिए आपके गांव में 100 किसान हैं और सभी सब्जी को मार्केट में बेचने जाते हैं
अब यदि 50 किसान किसानी छोड़कर शहर चले जाते हैं काम करने के लिए
और गांव में अब खेती करने के लिए सिर्फ 50 किसान ही बचे हैं तो इसका मतलब है कि
"अब बाजार में सामान कम पहुंचेगा और किसी भी चीज का भाव बढ़ जाएगा"
क्या आप इससे सहमत हैं?
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मोदी सरकार यही रणनीति बनाकर कह रहे थी कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी!
लेकिन सच्चाई कुछ और है
" दरअसल सरकार की योजना है किसानों की संख्या को आधा कर दिया जाए ना कि किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए"
तो जाहिर सी बात है जब शहरों में काम करने वालों की संख्या ज्यादा होगी तो कंपनियां वेतन भी कम देगी और सस्ते वेतन में काम करवाएंगे।
के द्वारा;
फिर अचानक आसमान से मुसीबत का पहाड़ टूटा या फिर न जाने क्या हुआ;
White house ने भारत के प्रधानमंत्री; राष्ट्रपति और जिसको भी follow किया था एक ही हफ्ते बाद सबको unfollow कर दिया।
मैं आज तक अपमानित महसूस कर रहा हूँ कि हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ
कोई भी ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता है!? #HindiThread :- (उपर से पढ़ें)
.#HindiThread:-
"सिकुड़ता मानसिकता": सोशल मीडिया के संदर्भ में
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आज भारत की ज्यादातर आबादी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक यूट्यूब और दूसरे कई प्लेटफार्म यूज़ करते हैं जिस पर #Reel's या फिर #ShortVideos वाला फीचर उपलब्ध है जहां लोग अपनी जिंदगी का कई घंटे बिताते हैं रोजाना
बच्चे जवान पूरे पुरुष स्त्री कोई भी हर तबका एक ही तरह का कांटेक्ट दिख रहा है सारे प्लेटफार्म पर चाहे वह फेसबुक हो यूट्यूब हो इंस्टाग्राम हो या फिर कोई और
जगह ऐसे में डर है कि कहीं लोगों के विचार आए और मानसिकता एक जैसे ना हो जाए एक समान ना हो जाए और भविष्य में समाज के लिए खतरा
ना बन जाए
"लोगों के विचारों को इन सोशल मीडिया एप्स के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है"
अभी शुरुआत है
इसलिए लोगों को मजा आ रहा है
लेकिन इसका खामियाजा आज नहीं तो कल कभी ना कभी हर किसी को भुगतना ही पड़ेगा
चाहे वह बच्चे हो या फिर उनके मां-बाप आज हर किसी को.....