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माउंटबेटन की डायरियों को छिपाने के लिए UK $800K का भुगतान कर रहा है,लेकिन क्यों?
यूके सरकार इन कागजातों को दफनाने के लिए ब्रिटिश लेखक एंड्रयू लोनी के खिलाफ अदालती लड़ाई में इतनी राशि का भुगतान कर रही है। डर यह है कि ब्रिटिश शाही परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचे।
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यूके, पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों को खतरे में डाल सकता है।
#माउंटबेटन महारानी विक्टोरिया के परपोते थे। वह एक शाही व्यक्ति था और हर गर्वित शाही व्यक्ति की तरह, उसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल नेवी की सेवा की।
वे भारत के अंतिम वायसराय भी बने।
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1922 में माउंटबेटन की मुलाकात एक युवती #एडविना से हुई। उन्होंने शादी करने का फैसला किया, जिसमें कथित तौर पर कई उतार-चढ़ाव आए।
बताया जा रहा है कि दोनों का अन्य लोगों से अफेयर था।
वैसे माउंटबेटन की शादी किसी से छिपी नहीं थी। तो, ब्रिटिश सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है?
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लेडी माउंटबेटन की करीबी दोस्तों में से एक भारत के पहले प्रधान मंत्री #जवाहरलाल_नेहरू थे।
माउंटबेटन पेपर एक खजाना है, इतिहास है और कथित तौर पर बहुत सारे घोटाले हैं।
इसलिए, कुछ साल पहले, जब #लोनी ने इन कागजों तक अप्रतिबंधित पहुंच के लिए कहा, तो सरकार ने इनकार कर दिया।
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लेकिन #लोनी ने ब्रिटिश कानून सूचना की स्वतंत्रता का हवाला दिया और बाकी का खुलासा करने से इनकार करते हुए सरकार को उनमें से कम से कम 99.8 प्रतिशत माउंटबेटन पेपर जारी करने के लिए मजबूर किया।
अप्रकाशित कागजात कथित तौर पर 1947 और 1948 के वर्षों का दस्तावेजीकरण करते हैं ...
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... जिसमें लॉर्ड और लेडी माउंटबेटन की #डायरी और दोनों के बीच कुछ #पत्राचार शामिल हैं।
इस जोड़े को अनफ़िल्टर्ड विचारों को कागज़ पर उतारने की आदत थी। दोनों ने डायरी रखी, दोनों ने अपने दिल को पत्रों में उंडेला।
1942 में लॉर्ड माउंटबेटन ने अपनी पत्नी को लिखा था :-
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"एडविना डार्लिंगेस्ट, मुझे बहुत बुरा लगता है कि जीवन के सबसे कठिन सप्ताह के दौरान आपको दो बार छोड़ना पड़ा। मुझे डर है, जैसा कि मैंने एक बार तुमसे पहले कहा था, तुम्हें एक नाविक से शादी नहीं करनी चाहिए थी। मुझे विशेष रूप से अच्छी बातें कहने का शौक नहीं है।
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मैं आपके अधिकांश अन्य प्रशंसकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद नहीं कर सकता। लेकिन यह मुझे लगा कि मुझे कहना होगा, आप वास्तव में भव्य और बहुत प्यारे और प्यारे हैं।"
#माउंटबेटन ने भारत विभाजन की देखरेख की थी। उनकी डायरियों से इस बात का खुलासा हो सकता है ...
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माउंटबेटन, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप के मामा थे।
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वह प्रिंस ऑफ वेल्स, #प्रिंस_चार्ल्स के लिए एक पिता के समान थे, दोनों बहुत करीब थे। माना जाता है कि माउंटबेटन ने प्रिंस चार्ल्स के निजी जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, चाहे वह तत्कालीन प्रेमिका #कैमिला_पार्कर_बाउल्स के साथ उनका अफेयर हो या #डायना के साथ उनकी शादी।
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शाही परिवार ने प्यार से #माउंटबेटन को "अंकल डिकी" कहा। वे उसकी डेयरी चलाने की आदत के बारे में जानते थे। उनके पास उनके दस्तावेज भी थे।
लेकिन परिवार में किसने सोचा होगा कि #अंकल_डिकी की डायरी से एक दिन सार्वजनिक खजाने की निकासी शुरू हो जाएगी ?
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अब तक, यूके सरकार ने माउंटबेटन के विचारों को दुनिया से छिपाने की कोशिश करते हुए,उनकी रक्षा करने में $800,000 खर्च किए हैं।
अभी,लंदन में एक परीक्षण चल रहा है जो यह निर्धारित करेगा कि यूके कैबिनेट की चिंताओं के बावजूद सभी निजी डायरी और पत्र जनता के लिए जारी किए जाने चाहिए या नहीं।
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#अमेरिकी_विदेश_मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, S-400 प्रणाली को लेकर हमारी चिंताएं बरकरार है। मुझे लगता है कि यह क्षेत्र में और उससे बाहर अस्थिरता पैदा करने में रूस की भूमिका को उजागर करता है। 1/4
#अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता से S-400 खरीद को लेकर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों पर पूछा गया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब #CAATSA प्रतिबंधों की बात आती है, तो हमने इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। इस विशेष लेनदेन पर हम #भारत_सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं।
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रूस से S-400 खरीद को लेकर अमेरिका खफा है। इसके कई कारण है। अमेरिका सालों से चाहता है कि भारत रूसी रक्षा प्रणालियों पर अपनी निर्भरता खत्म कर दे। पिछले कुछ सालों में भारत ने अमेरिका से रक्षा आयात बढ़ाया है। हालांकि इस सबके बावजूद रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लाइर बना हुआ है।
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#उत्तराखंड से रातों-रात 2 लाख मुस्लिम बच्चे गायब...
पिछले 50-60 वर्षों से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार हर महीने छात्रवृत्ति देती रही है। लेकिन जैसे ही उत्तराखंड सरकार ने इन बच्चों के बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ने के लिए कहा, 1,95,360 बच्चे तुरंत गायब हो गए। कैसे ?👇
इन गैर-मौजूद छात्रों के नाम पर, सरकार केवल उत्तराखंड में हर साल #सारे14_करोड़_रुपये की छात्रवृत्ति वितरित कर रही थी। जो अब घटकर सिर्फ #2_करोड़ रह गई है ! आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पिछले 50-60 सालों से देश भर में भ्रष्टाचार का कितना बड़ा स्तर चल रहा है !!!
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वर्षों से #कांग्रेस_सरकार स्पष्ट रूप से पैसे लूटती रही है और मदरसों के रूप में कमीशन का पैसा नीचे से ऊपर तक वितरित किया गया है, अन्यथा यह कैसे हो सकता है कि कांग्रेस सरकार को इस घोटाले के बारे में पता भी नहीं था और #भाजपा को आते ही पता चल गया।
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#भारत से लगती सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना नहीं ...
#चीनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन को भारत की संभावित सैन्य आक्रामकता से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि #भारत संघर्ष के नए दौर के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
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#चीन के साथ लगती सीमा पर तनाव बरकरार है और फिलहाल इसके खत्म होने की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है। यही नहीं, चीनी सेना की जो तैयारी है उससे तो लगता है कि आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ सकता है। चीन की आर्मी यानी पीएलए ने सीमा पर नए तरह के वाहन तैनात किए हैं ...
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जिससे हर क्षेत्र में आना जाना सुगम होगा और वह पठारी इलाकों में तैनात आपने सैनिकों तक रसद और अन्य साजो सामान पहुंचा सकेगी।
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों चीन की ओर से तैयारियों को देखते हुए एलएसी के नजदीक के पहाड़ों पर भारत ने ...
लास्ट👇
#चीन को लेकर #भारत का सबसे बड़ा पॉलिसी शिफ्ट, क्या LAC बन जाएगी LoC ?
अब भारत/चीन के संबंधों में एक खतरनाक मोड़ आ गया है। दोनों देशों के सीमा विवाद पर 13वें राउंड की मीटिंग के बाद भारतीय सेना ने जो बयान जारी किया है उससे ऐसा लगता है कि अब भारत को चीन पर विश्वास नहीं रहा।
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ये #भारत की तरफ से चीन को लेकर अब तक का सबसे सख्त बयान है।
भारत ने पहली बार ये कहा है कि LAC पर मौजूदा स्थिति चीन की ओर से #यथास्थिति_बदलने और #द्विपक्षीय_समझौतों का उल्लंघन करने की वजह से हुई है, इसलिए यह जरूरी था कि #चीन इस मामले में उचित कदम उठाए।
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इससे पहले जब #कमांडर_स्तर की बातचीत होती थी तो दोनों देश यही कहते थे कि सब अच्छा रहा, उन्हें एक दूसरे पर भरोसा है और सकारात्मक बातचीत हो रही है। खबर का #पहला_पॉइंट ये है कि अब भारत और चीन दोनों देशों ने एक-दूसरे को लेकर अपनी पॉलिसी में अब तक का सबसे बड़ा शिफ्ट किया है।
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हमारे इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया है। आजादी के बाद से बामी-कामी इतिहासकारों ने हमें दुर्भावनापूर्ण मंशा के कारण गलत तथ्यों के साथ जोड़ दिया है।
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अधिकांश भारतीयों को ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ शुरू हुए #भारतीय_स्वतंत्रता_संग्राम में आदिवासी लोगों के योगदान के बारे में जानकारी नहीं है।
चाखी खुंटिया, जो जगन्नाथ मंदिर के प्रसिद्ध 'पांडा' थे और अशांत समय की मांग के कारण वे एक #स्वतंत्रता_सेनानी बन गए।
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बहुत से लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि #रानी_लक्ष्मीबाई के पति की मृत्यु के बाद अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
#चाखी_खुंटिया का जन्म 20 जनवरी 1827 को हजुरी परिवार में हुआ था। उनके पिता, रघुनाथ खुंटिया #जगन्नाथ_पुरी के प्रसिद्ध पुजारी थे।
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पाकिस्तानी मीडिया में मादरे वतन का उल्लेख ख़ूब मिलता है। मादरे वतन यानि मातृभूमि। भारत में जावेद अख़्तर सरीखे मुस्लिम व्यक्ति जब वंदे मातरम कहता है, तो ज़्यादातर लोगों को अच्छा लगता है।
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तारिक फ़तह तो #वंदे_मातरम का विरोध करने वालों को अक्सर गरियाते ही रहते हैं। बहर हाल,अभी लगभग सवा सौ साल पहले तक,वंदे मातरम गीत कोई नहीं जानता था। जबकि आज ये गीत अधिसंख्य भारतीयों के लिए अस्मिता और गौरव का प्रतीक बन चुका है।
इस गीत के रचियता #बंकिम_चन्द्र पहले भारतीय आईसीएस थे👇
उन्होंने अनेक किताबें लिखीं, #आनंदमठ से मशहूर हुए। वंदे मातरम गीत इसी उपन्यास का अंश था। अंग्रेज़ों द्वारा इसकी व्याख्या कुछ इस तरह की गई, कि भारत भूमि की वंदना के बहाने यह पुस्तक अंध राष्ट्रवाद को उकसावा देती है। सन् "1882" में पुस्तक प्रकाशित हुई, और ...
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