22 की उम्र, लाखों रुपए हाथ में और 4 साल के सेना के अनुभव के बाद भी आपको अपना भविष्य में कोई संभावना नजर नहीं आती तो आप किसी लायक नही है। यह तथ्य उनका है जो भारत को सुदृढ़ नहीं देखना चाहते।
देश में यह ट्रेंड जैसा बन चुका है की सरकार जो भी फैसले ले उसका विरोध शुरू हो जाता है, चाहे वो धारा 370 का हटना हो, CAA व NRC हो, कृषि कानून हो, राम मंदिर हो, गांधी व नेहरू जी के इलावा अन्य आजादी के वीरों का सम्मान हो या फिर अग्निपथ योजना।
स्वर्गीय श्री विपिन रावत जी के शब्दों में, "यदि आप सेना को रोजगार समझकर ज्वाइन करते हैं तो आपकी वन्हा पर कोई जगह नहीं है।" देश की सेना में जाना नौकरी बाद में है और देशप्रेम और देशसेवा पहले है।
पहले तो इसे आप मोदी की योजना न मानकर देश की सेना की योजना माने, निश्चित तौर पर स्वर्गीय श्री विपिन रावत जी और सभी आला अफसरों का इसमें प्रमुख योगदान रहा होगा।
अग्निपथ जैसी ऐतिहासिक योजना का देश के प्रत्येक नागरिक को स्वागत करना चाहिए और युवाओं को इसके प्रति उत्साहित करना चाहिए। यह बड़े स्तर पर रोजगार की रोटेशन तो करेगा ही साथ ही बड़े स्तर पर युवाओं को भविष्य के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से भी तैयार करेगा।
इस योजना के द्वारा युवा नशे जैसी प्रवृति से बचकर अनुशासित, ईमानदार व सशक्त बनेंगे साथ ही विषम परिस्थितियों में इन पत्थर मारने वालों से स्वयं को और अपने परिवार को बचाने में सक्षम होंगे। अधिकतर युवा यदि सेना में सेवाएं देंगे तो समाज में महिलाओं की सुरक्षा का स्तर भी बढ़ेगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका प्रमुख प्रभाव पड़ेगा। भारत जैसा देश जो चारो तरफ से विरोधियों से घिरा हुआ है, हमारी तरफ आंख उठाने से पहले कोई देश सौ बार सोचेगा।
पहले तो सभी लोग इजराइल जैसी योजना भारत में चाहते थे और अब जब मोदी जी ने यह ऐतिहासिक कदम ले लिया है (देश की सेना के साथ छेड़ छाड़ करना राजनीतिक तौर पर एक हिम्मत का कार्य है) तो अब सभी इसका विरोध कर रहें हैं, कृपया इसे देश के भविष्य को देखते हुए समझें न की राजनीतिक तौर पर।
निश्चित तौर पर प्रत्येक योजना में कुछ खामियां होती हैं और इसकी खामियों को खुल कर बताना चाहिए, तभी समय के साथ इसमें और अधिक सुधार आएगा न की ऐसी अच्छी व ऐतिहासिक योजना का जमीनी स्तर से खंडन करना चाहिए।
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The ancient city of #Dwarka is known in #Sanatan culture to have been the great and beautiful city of Krishna. The Hindu writings say that when Krishna left the Earth to join the spiritual world, the age of Kali began and Dwarka and its inhabitants were submerged by the sea.
The tales of the submersion can also evoke a tsunami like the one that struck India in 2004.
The modern Dwarka is today one of the seven sacred towns of #Hinduism, visited each year by pilgrims worshiping #Krishna.
The search for its submerged part began in the 1930s, and the first archaeological excavation took place in 1963. Numerous ancient artefacts were found, as well as the submerged remains of the ancient Dwarka during the next excavation led by an underwater archaeologist.
तिरुपति बालाजी के 7 रहस्य जिन्हें जानकर आप अभिभूत हो जाएंगे। 🧵👇
भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी जी की मूर्ति विराजमान है जिसे भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है।
1. मूर्ति पर लगे बाल असली है।
भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के मूर्ति पर लगे बाल कभी नहीं उलझते वह हमेशा मुलायम रहते हैं ऐसा क्यों होता है इसका जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है।
2. हजारों साल से बिना तेल का जलता दिया।
मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक जलता है, आपको जानकर हैरानी होगी यह दीपक हजारों सालों से ऐसे ही जल रहा है वह भी बिना तेल के। यह बात काफी ज्यादा हैरान करने वाली है ऐसा क्यों है इसका जवाब आज तक किसी के पास नहीं है।
Gurukuls were 'Higher Learning Institutes' comparatively from KG to PhD.
No King used to decide what was taught nor controlled the Gurukuls. Kings used to only contribute to them. Majority Gurukuls were directly funded by Hindu Temples.
18 subjects were taught. Education was imparted free and it was for real life not theoretical like today.
Gurukuls gave complete life skills so you can go on to become to do anything be it is Vedic studies, Medicine, Engineering, defence, food, entrepreneurship etc.
The Srimad Bhagavad Purana tells the account of King Muchukunda and Sri Krishna.
1 day of heaven is equivalent to 1 earth year, so the duration of Satyayuga is 4,800 x 360, or 1,728,000 years. The duration of the Tretayuga is 3,600 x 360, or 1,296,000 years. The duration of the Dwaparyuga is 2,400 x 360, or 864,000 years.
1. Don't join it. spend time doing ur 10th and 12th at your cost, then find a 3rd grade college and do a useless graduation and spend rest of life in finding job.
2. Join #Agniveer, leave after 4 years with 23.5 lacs in hand. Start a business.
3. Join #AgnipathRecruitmentScheme, pursue graduation at cost of Armed forces. Leave after 4 years with 23.5 lacs in hand.
4. Join Agnipath, do graduation, leave after 4 years to join other uniformed forces for rest of life.
5. Join Agnipath, Do graduation while in job, apply for CDS in 4th year and become a commissioned officer in Armed Forces for rest of life.
Chitragupta is the one who must keep track of our acts and report to Yama when we die. Brahma's son is Chitragupta.
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All stories in ancient Indian texts must be interpreted in philosophical terms. Chitragupta is a lovely allegory. Secret Images are how the word is rendered. What is the location of the drawings, and why is it kept a secret?
It is recorded within us whenever we sense anything, think, speak, or do something. It may stay in our conscious awareness for a while before moving into our subconscious. These records are kept in our heads, and these recordings are referred to as Chitra.