क्या आप अशोक स्तंभ के मूल स्वरूप से हो रही छेड़छाड़ से नाराज है ? क्या आप महान अशोक की याद में खड़े हुए एक बरसो पुराने स्मारक के सम्मान के ध्वस्त होने पर दुखी है अगर हाँ तो इस #thread को सेव कर लीजिए.. थोड़ा लंबा है पर भविष्य में काम आएगा #AshokStambh#डाटावाणी#घोरकलजुग 1/n
अपराध शास्त्र शोध में किसी घटना के घटित होने के पहले यह जान लेना चाहिए आखिर वो क्यो हो रही है इससे सबसे ज्यादा लाभ या नुकसान किसे हो रहा है मतलब इस घटना का मोटिव या मकसद क्या है जब आप अशोक स्तंभ को बदलने के फैसले को इस एंगल से सोचेंगे तो आपको सारी तस्वीर समझ आ जाएगी !!! 2/n
आप पहले की घटनाओं की #क्रोनोलॉजी को समझिए 2013 में यूनिटी रन होती है घर-घर से लोहा इकट्ठा किया जाता है सलीके से सरदार पटेल जैसे संघ विरोधी को संघ का समर्थक बताया जाता है स्टेच्यू आफ लिबर्टी की तर्ज पर उनकी सबसे बड़ी मूर्ति बनाई जाती है #statueofunity 3/n
उन्हें संघ के राष्ट्रवाद का नया चेहरा बनाने की कोशीश की जाती है और नेहरू,गाँधी से उनके मतभेदों की कहानियां रचकर उन्हें अपना नायक बनाने की कोशिश की जाती है औऱ हर उस तथ्य को तोड़ मोड़ने की कोशीश की जाती है जो सरदार को संघ से अलग करता है #sardarpatel#घोरकलजुग 4/n
2014 के बाद महात्मा #गाँधी के नाम से स्वच्छ भारत आंदोलन चलाया जाता है एक एक करके गाँधी के सारे प्रतीकों और तथ्यों को अपने हिसाब से बदलकर उन्हें कांग्रेस का खात्मा चाहने वाला संघ का नया विचारक बनाने का प्रयास किया जाता है #डाटावाणी 5/n
गाँधी को संघ के करीब लाने का प्रयास साहब को अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता प्रदान करने का बस छलावा है इसी कड़ी में नए नोट चलाना,नई संसद बनाना, नए वॉर मेमोरियल बनाना औऱ जोड़ ले तो आपको पैटर्न समझ आ जायेगा कि यह केवल अशोक स्तंभ के शेर बदलने प्रयास नही है #AshokaPillar 6/n
यह हर उस विरासत को बदलने का प्रयास है जो इस देश के शहीदों और गौरवमय इतिहास को याद करने पर हर देशवासी के गोरवान्वित करती है यह एक प्रयास है कि हमारी आने वाली पीढियां उन सब प्रतीकों औ नायकों को भूल जाए जिन्होंने इस देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया !! #AshokStambh #डाटावाणी 7/n
जो लोग अशोक स्तंभ के स्वरूप को बदलने को सही ठहरा रहे है उन्हें यही समझाना है कि अक्सर इतिहास को खत्म और बदलने वाले खुद इतिहास बन जाते है मैं दिल से लिखा हूँ आप दिमाग से समझना #डाटावाणी#घोरकलजुग
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तस्वीर में शराब पी रहे व्यक्ति को देखिए इनका नाम सुदीप्तो सेन है #KeralaStory के डायरेक्टर है विवेक अग्निहोत्री की तरह उनको भी बॉलीवुड ने शुरू में बतौर रायटर और डायरेक्टर के रूप में खारिज कर दिया था तो उन्होंने वो रास्ता पकड़ा जो कभी "लेनी राइफेनस्टाहली" और विवेक ने पकड़ा था
अब दूसरी तस्वीर में दिख रही महिला लेनी राइफेनस्टाहली को देखिए, तेज तर्रार तैराक, सुंदर एक्टर व प्रजेंटर थी,हर जगह असफल रही पर 1930 मे नाजी प्रोपेगेंडा बढ़ाने वाली फिल्में बनाना शुरू किया और अचानक पूरे विश्व की अटेंशन मिलने लगी उनकी फिल्मों ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे
मैं "लेनी" "विवेक" और "सुदीप्तो" में कोई समानता नही ढूंढ रहा हूँ लेकिन पैटर्न देखिये अब तक कश्मीर फाइल्स ने 300 करोड़ से ज्यादा कमा लिए है सरकारें टेक्स फ्री कर रही है वैसे ही लेनी की फिल्मों को हिटलर प्रमोट किया करता था और लेनी एक पैसा भी नाजी पार्टी को नही देती थी
नमस्कार...मैं.. रवीशकुमार....🙏
टीवी पर यह आवाज गूँजती है.. फिर मैं पूछता हूँ .. नो बज गए क्या...अपनी ताल के साथ समय की चाल बताने वाली आवाज मामूली नही थी यह समय के साथ समाज का हाल भी बताती थी. शायद अब यह आवाज टीवी पर नही आएगी लेकिन क्या सबकुछ खत्म हो गया है?? #RavishKumar
नही..कुछ भी खत्म नही हुआ है अब तो नई शुरुआत हुई है आपको रवीश के इस्तीफे के बहाने मरी हुई पत्रकारिता को फिर से जिंदा करने का मौका मिल गया है आपके पास मौका है कि एक रवीश की जगह हजारों रविशकुमार खड़े करने का ताकि पत्रकारिता एक आंदोलन में बदल जाए पर क्या यह संभव है?? #RavishKumar
बिलकुल संभव है .इसके लिए आपको पत्रकारिता के 5W +H पर लौटना ही होगा और वो मीडिया से ही शुरू होता है जब पूरा मीडिया ही "झपट पैसा" के सिद्धान्त पर चल रहा हो तो आप सामान्य पत्रकार से क्यों कर नैतिकता और ईमानदारी की अपेक्षा रखते है #RavishResigns
सबके पर "कतर" जाएंगे
जापान ने जर्मनी को हरा दिया है कल सऊदी अरब ने अर्जेंटीना को हरा दिया था दो दिन में दो "विश्वगुरु" हार चुके है सऊदी अरब ने विश्व विजेता अर्जेंटीना का विजय रथ रोक दिया है अर्जेंटीना पिछले 36 मैच में नही हारा था #Japan#ArgentinaVsSaudiArabia#FIFAWorldCup
अर्जेंटीना में मेसी जैसा सुपरस्टार था लेकिन फिर भी हार गया जापान औऱ सऊदी अरब जैसे छोटे देशों की बड़ी जीत में भारत के विपक्ष के लिए कुछ महत्वपूर्ण सबक है
1.आप अपनी ताकत पर भरोसा रखिये तो आप सबसे ताकतवर को भी पटखनी दे सकते है #FIFAWorldCup#ArgentinaVsSaudiArabia
2. किसी बड़े खिलाडी पर फोकस मत कीजिए वो अच्छा करेगा या नही करेगा वो उसके ऊपर छोड़ आप बाकी 10 खिलाडी पर फोकस कीजिए अगर वो नही खेले तो अकेला एक खिलाडी भी कुछ नही कर पायेगा 3. राजनीति और खेल बिना टीम के नही जीते जाते है तो ऐसी टीम बनाइये जिसका एक मात्र उद्देश्य अच्छा खेलना हो
27 साल के गुजरात मॉडल का सच लिख रहा हूँ जिसे गोदी मीडिया कभी नही दिखायेगा...
1.शिक्षा पर ज्ञान देने वाले विश्वगुरू के राज्य में 10 वी कक्षा तक हर 30 छात्र पर 1 शिक्षक होना चाहिए पर गुजरात इसमें देश के 3 सबसे पिछड़े राज्यों में आता है दो अन्य राज्य बिहार और झारखंड हैं #डाटावाणी
2.स्वच्छता का नारा देने वाले साहब के गुजरात में आज भी 32 % ग्रामीण खुले में शौच करते है और 51 % ग्रामीण महिलाए सेनेटरी नैपकिन की जगह सादे कपड़े का उपयोग करती है स्वच्छता के इन मापदंडों में गुजरात देश के अंतिम 5 राज्यों में आता है #डाटावाणी#घोरकलजुग #GujaratElections2022
3.सबको स्वास्थ्य देने का दावा करने वाला साहब के गुजरात मे आज भी 1 लाख लोगों पर 95 हॉस्पिटल बेड है जबकि पूरे देश मे इसका औसत संख्या 139 है
वो सुबह फिर तो आएगी
4 अप्रेल 1968 की घटना है मार्टिन लूथर किंग जूनियर की महज 39 वर्ष की उम्र में हत्या हो गई थी पूरे अमेरिका में शोक की लहर थी इस खबर से गोरे और काले लोगो के बीच बरसो से चली आ रही तनातनी और उग्र हो गई थी पूरा अमेरिका बारूद के ढेर पर बैठा था..दंगे शुरू हो गए थे
फिर अचानक से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रॉबर्ट केनेडी एक ट्रक की छत पर चढ़कर दंगों के बीच काले लोगो की बस्ती मैं जाकर घोषणा करते है “आज मैंने अपने दूसरे भाई को खोया है। उसी तरह खोया है। उसी लड़ाई में खोया है। मैं आपके साथ बैठ रोने आया हूँ। #RobertFkenneddy#JawaharlalNehruJi
आपके मन में आक्रोश होगा कि गोरे लोग इसके जिम्मेदार हैं। तो यह गोरा आपके बीच खड़ा है। आप अपना आक्रोश मुझ पर उतार लें। यह वक्त अमेरिका को एक साथ खड़े होने का है, मार्टिन लूथर किंग के वाशिंगटन में देखे स्वप्न के पूरा करने का। उस नयी सुबह देखने का...
दूसरे गाल के लिए कलेजा चाहिए !
अंधभक्तो को पता नहीं है, एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा आगे करना, कितनी बहादुरी का काम है ! थप्पड़ का जवाब थप्पड़ से देना आसान है, लेकिन दूसरा गाल आगे करना सबके बस में नहीं है, जो करता है..'महात्मा' बन जाता है ! #Gandhi
अहिंसा सिर्फ़ गांधी की नहीं,इंसानी फ़ितरत है अहिंसा के जरिए गांधी कोई नया फार्मूला लेकर नहीं आए थे, बल्कि उन्होंने आज़माएं हुए फार्मूले को लपका और उसे ताक़त दी।उनमें दम था,इसलिए अहिंसा उनका नारा बन गया, ब्रांड बन गया।
जहां इंसानियत है,वहां अहिंसा है,लेकिन जिन्हें हिंसा में दिलचस्पी है,जो मारने-काटने की बात करते हैं,वही गांधी से इंकार कर सकते हैं ! बात सिर्फ गांधी की नहीं है,वो सब जिन्होंने दुनिया को दिशा दी है,सोच दी है, फ़क़ीर ही रहे हैं,उनके पास तलवार नहीं थी, ,