मार्कंडेय जी के बारे में कहा जाता है कि जब मार्कंडेय ऋषि पैदा हुए थे तो उन्हें आयु दोष था। उनके पिता ऋषि मृकण्ड को ज्योतिषियों ने बताया कि बालक की आयु कम है। यह सुनकर मार्कंडेय के माता-पिता चिंतित हो गए।
इसके बाद ब्राह्मणों की सलाह पर मार्कंडेय के माता-पिता ने गंगा गोमती संगम तट पर बालू से शिव की मूर्ति बनाकर उपासना में लीन हो गये। जब मार्कण्डेय की उम्र पूरी होने पर यमराज उन्हें लेने आए तो अपने माता-पिता के साथ मार्कंडेय भी शिव जी की अराधना में लीन थे।
मार्कंडेय के प्राण लेने के लिए जैसे ही यमराज आगे बढ़े तभी भगवान शिव प्रकट हो गए। इसके बाद यमराज को अपने कदम पीछे बढ़ाने पड़े। भगवान शिव ने कहा कि मेरा भक्त मार्कंडेय सदैव अमर रहेगा और मुझसे पहले उसकी पूजा की जाएगी।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं
वन्दे महाकाल महासुरेशम॥
महादेव सदैव अपने भक्तो की रक्षा करते हैं व उन पर आने वाली समस्त विपत्तियों को हर लेते हैं। काल भी उनके आगे विवश हो जाता है।
The char Dhams are Badrinath, Dwarka, Puri & Rameswaram. It is believed that every Hindu should visit the Char Dhams during one's lifetime. The Char Dham as defined by Adi Shankaracharya consists of four #Hindu pilgrimage sites.
It is also 1 of the 108 Divya Desams dedicated to Vishnu ji who is worshipped as #Badrinath It is open for 6 months every year between the end of April & the beginning of Nov because of extreme weather conditions in the region.
2. Kailash Parvat is located in western #Tibet At an elevation of 6,656 meters above sea level.
Kailash Parvat is considered the axis of the universe, the center of the world.
3. As you can see from Google Maps, the distance from Stonehenge in the #UK to Kailash is 6,666 km, which is also the distance from Kailash Range to North Pole.
The distance from Mt Kailash to the South Pole is 13,332 km, which is exactly twice the distance to the North Pole.