ये बेहद विचलित करने वाली खबर है #TV9भारतवर्ष से।वही चैनल,जिसकी स्थापना की थी।दो दिन से पशोपेश में था कि जो बातें सामने आ रही हैं,वो लिखूँ कि नहीं। सोचा , लोग कहेंगे कि पुरानी खुन्दक है,इसलिए लिख रहा है।लेकिन ... अब जिसे जो सोचना है , सोचे। #MeToo 1/18
तथ्य इतने ज़्यादा विचलित करने वाले हैं कि अब चुप नहीं रहा जा सकता और वो तथ्य है TV9 में ट्रेनी महिला पत्रकारों का यौन शोषण। अभी तक दो ट्रेनी सामने आए हैं और आरोप लगा है चैनल के Senior Executive Editor/Output head अजय आज़ाद पर। #MeToo 2/18
आरोप है कि ये संपादक, महिला ट्रेनी पत्रकारों पर लगातार दबाव डालते रहे कि वो इनके सामने खूब खुलें, इन्हें सर ना बोले, दोस्त मानें, इनसे ऑफिस के बाहर मिले, इन्हें अपने घर बुलाएँ और फिर इतनी अश्लील भाषा कि मैं यहाँ लिख भी नहीं सकता। #MeToo 3/18
नोएडा में चैनल के दफ़्तर में ये शिकायतें 6 दिन पहले गईं।शिकायत 2 महीने पहले भी हुई।पर दबी रही।यही वजह है कि अब तक इस संपादक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।लेकिन इस चैनल का मुख्यालय हैदराबाद में हैं और वहाँ आज भी कुछ अच्छे लोग हैं,जो चाहते हैं कि इन बच्चों को इंसाफ़ मिले। #MeToo 4/18
इन भले लोगों के मुताबिक़ पहली शिकायत 17/18 जनवरी को ट्रेनी कविता( बदला हुआ नाम) ने भेजी।कविता ने आरोप लगाया कि अजय आज़ाद ने उन्हें लगातार एक महीने तक देर रात दो बजे से अगले दिन सुबह तक what’s app पर आपत्तिजनक मैसेज किए और बहुत कुछ चाहा । #MeToo 5/18
शिकायत के मुताबिक़ ये संपादक कविता को लिखते रहे कि वो उनके सामने खुले,वो नहीं खुलेगी तो आगे कैसे बढ़ेगी? वो चाहेगी तो संपादक उसे उसका अपना शो दे देंगे , एंकर भी बना देंगे।उसे बहुत आगे ले जाएँगे।पर उससे पहले कविता को खुलना होगा।सर नहीं कहना होगा। #MeToo 6/18
सर कहेगी।या जी लिखेगी तो बात आगे कैसे बढ़ेगी ? उसे सारे दरवाज़े खोलने होंगे।कविता हमेशा लिखती रही कि सर आप मेरे लिए मेरे पितातुल्य हैं।लेकिन ये संपादक हर तरीक़ा अपनाते रहे।साम दाम दंड भेद।हर तरीक़ा।कभी डराया। कभी समझाया।कभी सपने दिखाए कि तुम सबकी बॉस बन जाओगी। #MeToo 7/18
शिकायत के मुताबिक़, संपादक ने फिर कविता के चेहरे और शरीर को लेकर कई टिप्पणियाँ की, बार बार छूने की भी कोशिश की।कविता ने हमेशा ट्रेनी होने के बावजूद संपादक को अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।लेकिन आरोप के मुताबिक़ अजय रूके नहीं और कहते रहे कि वो उसे अपना माने। #MeToo 8/18
शिकायत के मुताबिक़ संपादक भद्दे/अश्लील मैसेज भेजते रहे और हिदायत भी देते रहे कि डिलीट कर दिया करो तुरंत।आख़िरकार कविता ने जब जॉब छोड़ने की धमकी दी तो अजय ने नवंबर के आख़िरी हफ़्ते में मैसेज बंद किए लेकिन दिसंबर के पहले हफ़्ते से दूसरी ट्रेनी को मैसेज भेजने शुरू कर दिए।#MeToo 9/18
दूसरी ट्रेनी सरिता ( बदला हुआ नाम ) की शिकायत के मुताबिक़ अजय ने उसे पूरे पाँच हफ़्ते तक बहुत परेशान किया।रात में तीन बजे तक मैसेज और फिर सुबह सात बजे से फिर मैसेज।इस ट्रेनी को भी ये संपादक खुलने, सारी दीवार गिराने और सर नहीं बोलने और अपना मानने की सलाह देता रहा। #MeToo 10/18
सरिता की शिकायत के मुताबिक़ अजय ने उससे कई बार ऑफिस से बाहर मिलने के लिए लिखा। मॉल या रेस्टोरेन्ट या सरिता के घर पर,जिसे सरिता ने हमेशा टाला।आरोप है कि फिर वो उसे फ़ोन पर किस इत्यादि भेजने लगा और लिखता कि वो सो नहीं पा रहा है,उससे वो जल्द मिले।कार में घूमने चले। #MeToo 11/18
एक ट्रेनी नौकरी बचाते हुए जितना टाल सकती थी,उसने टाला।लेकिन इससे संपादक का हौसला और बढ़ गया और शिकायत के मुताबिक़ उसकी भाषा बेहद सड़कछाप और अश्लील होती चली गई।शरीर के हर हिस्से पर भद्दी टिप्पणी के अलावा वो बिस्तर, होटल आदि चलने की बात लिखने लगा। #MeToo 12/18
शिकायत के अनुसार,ये सिलसिला जनवरी 2020 के दूसरे हफ़्ते तक चला।
सरिता से जब ये सहा नहीं गया तो उसने अजय की शिकायत TV9 प्रबंधन को 20 जनवरी को कर दी।18 जनवरी को पहली शिकायत,20 को दूसरी शिकायत। इतने गंभीर आरोप पर अजय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है अब तक। #MeToo 13/18
कहाँ यहाँ तक जा रहा है कि सामने तो दो ही लड़कियाँ आई हैं पर अजय आज़ाद ने पिछले तीन चार महीने में कई और महिला पत्रकारों को भद्दे मैसेज भेजे हैं और Favour माँगे हैं।वक्त आ गया है कि ये सब भी बिना डरे सामने आएँ और सच बताएँ। #MeToo 14/18
खबर ये भी है कि न्यूज़रूम में और senior भी हैं,जो Trainees से FAVOUR लेने की कोशिश में हैं और मैसेज भेज रहे है।इनमें से एक GuestRelations में है जो शराब पी कर रात को बाहर चलने की ज़िद करता है।सारी ट्रेनी दहशत में हैं।यक़ीन नहीं होता कि एक न्यूज़रूम में ये माहौल है। #MeToo 15/18
ऐसे predators पर कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि कोई फलाने का आदमी है तो कोई ढिकाने के पैर छूता है।पर मैं दो लोग BV Rao Group Editor और Barun Das CEO को Professionaly जानता हूँ।ये दोनों इस कुचक्र से अलग हैं और उम्मीद है कि बच्चों को इंसाफ़ दिलाएँगे । #MeToo 16/18
साथ ही मैं अजय से कहूँगा कि तुम्हारे साथ मैंने काम किया है।तुम ऐसे बिलकुल भी नहीं थे।मैंने हमेशा तुम्हारी तारीफ़ ही की है।पर इस बार तुमसे अपराध नहीं , घिनौना अपराध हुआ है-ये तुम भी जानते हो। बेहतर हो कि सार्वजनिक माफ़ी माँग कर नई शुरुआत करो। #MeToo 17/18
और TV9 की समस्त लड़कियाँ , तुम सब धाकड़ लड़कियाँ हो , यही पहले दिन तुम्हें बताया था। किसी से भी मतलब किसी से भी डरना नहीं है। सम्मान से सिर उठा कर जीना है।किसी ने भी भविष्य में कोई बदतमीज़ी की तो तुरंत हिसाब।समाज,देश और क़ानून तुम्हारे साथ है। #End#MeToo 18/18
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आज नोएडा के ब्रह्मपुत्र मार्केट में 7 साल का बच्चा झोले में पैन रख कर बेच रहा था।मैं एक दुकान पर था।अचानक वो पास आया और एक toy car देख कर बोला “ अंकल मुझे ये कार दिला दो।”
मैंने देखा रिमोट कंट्रोल कार रखी थी।
“ कुछ खाओगे भी ? “
“ नहीं अंकल ? बस कार “
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“ कार का क्या करोगे ? “
मैंने मुस्कुराते हुए पूछा।
“ खेलूँगा अंकल “
वो और मुस्कुराया।
मैंने दुकानदार से कह कर कार निकलवा दी।कार उसके हाथ में थी।
तभी वो बोला : “ नहीं अंकल मुझे कार नहीं चाहिए “
“ क्यों ? क्या हुआ ?
मैं हैरान था।
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उस बच्चे ने पीछे की अलमारी की तरफ़ इशारा किया और बोला।
“ अंकल मुझे ये दिला दो “
मैंने पलट कर देखा।मैं और हैरान हुआ। अलमारी से एक बहुत सुंदर गुड़िया और उसके खिलौने झांक रहे थे।
“ अरे तुम गुड़िया से खेलोगे ? “
और फिर उस बच्चे ने जो जवाब दिया , वो सुनते ही मेरी आँखें नम हो गईं।
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#Corona जैसे संकटकाल में भी जब TV झूठ-नफ़रत फैला रहा है तो मज़दूरों ने अपने हक़ के लिए कैमरा थाम लिया है और बन गए रिपोर्टर।इस THREAD के सारे वीडियो मुझे ग़ाज़ियाबाद के लोनी में फँसे मज़दूर रितेश ने भेजे हैं।रितेश Tiles लगाने का काम करते हैं।
जब मज़दूर बने TV रिपोर्टर-2
रितेश ग़ाज़ियाबाद के लोनी के इंद्रपुरी पुलिस चौकी के पास लेबर चौक की गली में बिहार के सहरसा के 40 मज़दूरों के साथ रहते हैं।मज़दूर रितेश की इस रिपोर्ट में सुनिए भावुक मज़दूर आशीष कुमार और अन्य की दास्तान। @112UttarPradesh@Uppolice
मेरठ के शाहिद का ट्रक Essential services में लगा है।लेकिन सामान छोड़ने के बाद हाइवे पर इसे जो भी मज़दूर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल चलता दिखता है,ये ट्रक रूक जाता है और सबको लिफ़्ट देता है। और वो भी FREE. इस जज़्बे को सलाम। #Lockdown21
हाईवे के हीरो - 2
National highway पर एक काम बहुत अच्छा हुआ है। सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करने वालों के लिए आसपास के लोगों ने पानी की बोतलें भर कर रख दी हैं।थके हारे लोगों के लिए ये पानी किसी अमृत से कम नहीं है
यूपी के नोएडा की झुग्गियों में आज क़रीब 100 परिवारों से मिला।सभी दिहाड़ी मज़दूर हैं।दिन के 300-400₹ मिलते थे तो जीवन चलता था।10 दिन से कोई काम नहीं,ना कोई दिहाड़ी
इन परिवारों ने बताया कि अब इनके पास एक वक्त का खाना खाने लायक़ भी पैसे नहीं बचे हैं।
कोरोना से पहले भूख मारेगी - 2
तक़रीबन सभी परिवार यूपी के महोबा से नोएडा मज़दूरी करने आए हैं।इन्हें राज्य सरकार से ना तो कोई सहायता मिली है,ना कोई जानकारी है।
इनका कहना है कि हम सब बीमारी से पहले भूख से मर जाएँगे
इनकी माँग है: या तो इन्हें कोई काम मिले या गांव भेजा जाए
कोरोना से पहले भूख मारेगी - 3/6
दिहाड़ी मज़दूरों का कहना है कि बाज़ार राशन लेने जाते हैं तो पुलिस लाठी मारती है,ऊपर से सामान और महंगा हो गया है। थोड़ा भी पहले बता दिया जाता तो ये अपने गाँव चले जाते।
भारत में #Corona मरीज़ 500 होने वाले हैं और अगले 3 हफ़्ते में ये संख्या 10-12000 पार कर सकती है।अस्पतालों में हाहाकार मचने वाला है।डॉक्टर्स/नर्स हफ़्तों तक घर नहीं जा पाएँगे और ऐसे में इन डॉक्टरों के साथ हुआ है एक बहुत बड़ा धोखा !!
रिपोर्ट पर आगे बढ़ने से पहले ये देखिए असम से आई एक तस्वीर।ये तस्वीर असम मेडिकल कॉलेज की है,जिसमें स्वास्थ्य कर्मी ने अपने बचाव के लिए Plastic bag से बना वो Gown पहना हुआ है,जो आमतौर पर Biomedical waste को उठाने के लिए पहना जाता है।
ये तस्वीर @DrHarjitBhatti ने ट्विट की है और लिखा है कि ताली से ज़्यादा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए PPE यानी Personal Protection Equipment ज़रूरी हैं,जिसके बिना #Corona से लड़ना असंभव है और डॉक्टरों की मानें तो भारत के पास ये PPE ना के बराबर हैं।
Thread. #ShaheenBagh में हालात तनावपूर्ण बनाने की कोशिश की जा रही है।अभी कुछ देर पहले के ये कुछ वीडियो गवाह हैं कि इस सबके पीछे कौन है और उनका क्या मक़सद है ? 1/4
ये वीडियो देखिए। #ShaheenBagh को भीड चारों तरफ़ से घेरने की कोशिश की जा रही है और भीड़ नारा लगा रही है : शाहीन बाग ख़ाली करो।
और #ShaheenBagh के इस तीसरे वीडियो में भीड़ अनुराग ठाकुर का नारा लगा रही है : देश के ग़द्दारों को , गोली मारो ... को । और दिल्ली पुलिस , हमेशा की तरह आज भी तमाशबीन है। कोई भी समझ सकता है कि ये किसके इशारे पर हो रहा है और क्यों हो रहा है ? 3/4