अब मैं आपको आज, 12 अक्टूबर रात्रि 9.47 अष्टमी तिथि के प्रारम्भ होते ही कवल्था/ कालीमठ #Uttarakhand में माँ काली के मंदिर में विशेष पूजा के दर्शन करवाती हूँ।
मुझे इस विशेष पूजा जानकारी @alok_bhatt जी से मिली, आज संध्या 7 बजे से यहीं हूँ 🙏🏻
मंदिर में माँ काली की कोई प्रतिमा नहीं है, शुम्भ निशुम्भ, रक्तबीज के वध के बाद काली को शांत करने जब भगवान शिव उन के चरणों में लेट गए, तब माँ काली एक कुंड में अंतर्ध्यान हो गयीं। रजतपट श्री यन्त्र से ढके इस कुंड की पूजा साल में केवल शरदिया नवरात्री की अष्टमी को ही की जाती है।
अष्टमी की मध्यरात्रि को कुछ मुख्य पूजारी ही कुंड में समायी माँ काली की पूजा करते हैं, और दिव्य शक्ति दर्शन के लिए मंदिर को खोला जाता है।
दर्शन कीजिए 🙏🏻
“The religion of Atharva Veda is that of a primitive man to whom,
the world is full of shapeless ghosts & spirits.”
-- #SarvepalliRadhakrishnan
Indian philosophy, vol 1, Page 119
Look who we’ve been made to worship! #TeachersDay
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“The process of God making in the factory of man’s minds can not be so clearly seen anywhere else,
as in Rig Veda.” - #SarvepalliRadhakrishnan
Indian philosophy, Vol 1, p 73
“Man’s never ceasing effort to rise above level of beast,
finds striking illustrations in India.” #SarvepalliRadhakrishnan
Indian philosophy, Vol 2, page 766.
And we were made to place him on the highest pedestal by #Congress !
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What you must know about a #Pashmina shawl before spending a fortune to acquire one!
This special breed of goats from high altitudes of Himalayas, have a double fleece, a fine & soft undercoat of hair, mingled with straighter, much coarser outer coating of hair.
Each goat sheds its winter coat, from which the usable #Pashmina fiber is 80 to 150gm only. It’s extremely delicate & is about 12-13.5 microns thin & for this very reason it can be only hand spun. Whereas the Pashmina products available today are 99% made from machine made thread
The fiber is then separated from the coarse hair & washed to be spun into thread.
Only skilled hands can spin the delicate #Pashmina fibre. One artisan can spin just 20 grams/ day, meaning 15-20 days of spinning will get yarn needed for one shawl.
*Pictures of my karigars.
#अक्षय_तृतीया को विष्णुजी दो ऋषियों
नर नारायण के रूप में अवतरित हुए जिनकी तपस्या से संसार में सुख शांति का विस्तार हुआ
द्वापर में दोनों ने #श्रीकृष्ण व अर्जुन बन लीला रची
केदार-बदरीवन में उन्होंने जिन पार्थिव लिंग की पूजा की, वह शिव रूपी केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग हुए- शिव पुराण
नर-नारायण ने घोर तपस्या से केदारेश्वर व बदरीकाश्रम में विष्णु के विग्रहरूप की स्थापना की- महाभारत
केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के आसपास पांडवों ने मंदिर निर्माण किया, #आदि_शंकराचार्य ने मंदिर का पुनर्निर्माण किया,
आगे चलकर राजा भोज ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। #Kedarnath
Do you know why every mauzie on this earth is taught to hate #Jews ?
The richest #Jewish tribe Banu Qaynuqa, who were craftsmen, goldsmiths, money lenders & traders lived in two fortresses in the south-western part of Yathrib, now called Medina. 1/n
These #Jews were in close contact with Meccan merchants, supported pre izlamic Arab tribe Khazraj & others in Yathrib in their conflicts with their Arab rivals & hence resented Mohmmad’s attack on the Quraishs of Mecca in December 623, on 17th day of Ramadan (battle of badr)
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To get rid of opposing #Jews , Prophet in 624, raided & besieged fortesses of Banu Qaynuqa for 15 days & expelled them from Yathrib…confiscated & divided their property, arms & tools etc among his followers & took for himself, 1/5 share of the spoils.. “
- Ibn Hisham. 3/n
भारतीय संस्कृति=हर प्रथा के पीछे सुंदर प्रसंग
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को सूर्यास्त के पश्च्यात प्रदोष काल में, गोबर से लिपि भूमि पर कंडे,घास-फूस, लकड़ियों का विधिवत पूजन कर #होलिका_दहन करना चाहिए-नारद पुराण
प्रज्वलन केलिए बच्चों द्वारा प्रसूता स्त्री के घरसे 🔥माँगने का विधान है
होलिका दहन-
दीपयाम्यघ्ते घोर चिन्ता राक्षसी।
सत्तमहिताय सर्व जगतँ प्रीतये पार्वतीयये।।
आज हम दुःख-चिन्ता देने वाले सभी राक्षसों को जला रहे हैं, ये कार्य, भगवान शिव को प्रसन्न करने तथा समस्त संसार के कल्याण के लिए किया जा रहा है। #होलिकादहन#होलिकादहन2021
#होलिका_दहन के समय होलिका के शव की पूजा का विधान है जो आज भी होली की पिरक्रमा, अग्नि में घी, दूध, धान, निम्बू इत्यादि की आहुति के रूप में देखा जाता है
मंत्र:
अतो माँ पाहि मीतिन्यो मतिवापत्यमात्मन
आयुर्देही यशो देही शिशुनाँ करू रक्षणम
शत्रुणां च क्षयं देहि होलिके पूजिता सदा ।।