1/ 25: कहते हैं कि नेता जो अच्छा होता है, उसके किए कार्यों को जनता तक पार्टी के अन्य रणनीतिकार और नेतागण कैसे पहुँचाते हैं, ये मायने रखता है। वाजपेयी काल में तमाम ताम-झाम के बावजूद BJP ऐसा नहीं कर पाई थी। बिहार में जब भूपेंद्र यादव को प्रभारी बना कर भेजा गया था, तब...
2/ ...सभी को लगा था कि पता नहीं राजस्थान से आया ये व्यक्ति कितनी जल्दी राजनीतिक रूप से जटिल इस राज्य को समझ पाएगा। लेकिन, उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 विधानसभा चुनाव में दिखा दिया कि वो राम माधव, धर्मेंद्र प्रधान और कैलाश विजयवर्गीय के साथ BJP के रणनीतिकारों की...
3/ ...एक उच्च-स्तरीय श्रेणी में आते हैं।
4/ उन्हें बिहार आते ही सबसे पहले एहसास हुआ होगा कि यहाँ सुशील कुमार मोदी को लेकर न सिर्फ ABVP कैडर बल्कि, जनता में भी जबरदस्त नाराजगी है। सबसे पहले तो उन्होंने समस्तीपुर से एक साफ यादव चेहरा नित्यानंद राय को लाकर प्रदेश अध्यक्ष पद पर बिठाया, जिन्होंने 2019 लोकसभा...
5/ ...चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा को मात दी। उनके केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बनने के बाद शुरू हुआ सुशील कुमार मोदी के चक्रव्यूह को तोड़ने का खेल। ये एक ऐसा व्यक्ति है जिसने पिछले 16 सालों से चुनाव ही नहीं लड़ा है। बेतिया से संजय जायसवाल को लाकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का...
6/ ...पद दिया गया।
7/ डॉक्टर संजय जायसवाल एक खानदानी नेता हैं और जिस पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से उनके पिता ने हैट्रिक लगाई थी, वहीं से ये भी हैट्रिक लगा कर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। चम्पारण में BJP का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। वैश्य समाज के एक नेता को आगे करने का अर्थ ही...
8/ ...था कि सुशील कुमार मोदी के पर कतरना, जो प्रक्रिया अभी और तेज़ होगी। हो सकता है कि भाजपा उन्हें राज्य की राजनीति से हटा कर कहीं और भेज दे और किसी अन्य चेहरे को उप-मुख्यमंत्री के रूप में पदस्थापित करे। लेकिन, चांस है कि नया चेहरा दलित होगा।
9/ तो अब आगे क्या? आगे भाजपा अब बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के साथ खुद भी आत्मनिर्भर बनेगी। एक सवाल बार-बार उठता है कि BJP अकेले क्यों नहीं लड़ी? इसका जवाब है कि 2015 में अकेले लड़ कर देखा था और जनता ने नकार दिया। इस बार भी कोई गारंटी नहीं थी कि नीतीश फिर से लालू से नहीं...
10/ ...जा मिलता। वो अब भी हो सकता है। मेरा आकलन है कि कम से कम 25 सीटों पर जदयू को लोजपा ने बड़ा नुकसान पहुँचाया है। इससे दुःखी नीतीश तो संशय में पड़ गए थे लेकिन BJP के 3 बड़े नेताओं ने उनके आवास पर जाकर उन्हें आश्वासन दिया है कि CM आप ही रहेंगे।
11/ ये बहुत बड़ी बात है क्योंकि कल तक जो नीतीश अपनेआप को PM उम्मीदवार मानते थे, अब वो भाजपा और मोदी के एहसान तले ऐसे दबे हैं कि मंत्रिमंडल गठन से लेकर राज्यसभा चुनाव और राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव तक, वो वही करेंगे जो भाजपा कहेगी। अगले 5 वर्ष भाजपा खुद को पूरे राज्य...
12/ ...में मजबूत करेगी और तैयारी अब बिहार में 2014 लोकसभा चुनाव व 2025 विधानसभा चुनाव के लिए शुरू हो जाएगी। जदयू खत्म हो रहा है और लालू युग का अवसान हो गया है, ऐसे में नए राजनीतिक परिदृश्य में BJP के लिए अच्छा स्कोप है।
13/ कॉन्ग्रेस अब तक मुस्लिम वोटों का मसीहा बन कर बैठी थी। सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी ने 5 सीटें जीत कर मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाली पार्टियों को दिखा दिया है कि वो 1 लाख हज हाउस बना दें लेकिन अगर उनके जैसा कोई कट्टर विकल्प मिला तो मुसलमान एकजुट होकर ऐसी तथाकथित...
14/ ...सेक्युलर पार्टियों को धोखा दे सकता है। पाँचों सीटों पर ओवैसी को जम कर वोट मिले हैं। वामपंथी चुनौती नहीं हैं क्योंकि उन्हें मिली 16 सीटें RJD के कोर वोट बैंक की मदद से आई हैं और उन्होंने सीटें भी ऐसी ही चुनी, जहाँ उनका दशकों पहले से जनाधार रहा है। 5 तो पटना-आरा...
15/ ...क्षेत्र में ही हैं। BJP के लिए रास्ता साफ है, बस संगठन और मजबूत करना है।
16/ पप्पू यादव अपने गढ़ में ही तीन नम्बर पर रहा और जीते हुए उम्मीदवार से एक तिहाई वोट पाने को भी तरस गया। जब आप अपने गढ़ को छोड़ कर मीडिया कैमरे के चक्कर में पटना में रुपए बाँटने निकल जाते हैं तो यही होता है। उपेंद्र कुशवाहा को 2014 लोकसभा चुनाव में 3 लोकसभा सीटें क्या...
17/ ...मिल गई थी, उसने खुद को बड़ा किंगमेकर समझ लिया था। उसके साथ ही गठबंधन कर के AIMIM को 5 और BSP को 1 सीट मिल गई लेकिन इसकी RLSP शून्य पर अटकी हुई है। एक बात और साफ हो गई कि अब बिहार में 100% यादव वोट लालू की बपौती नहीं हैं और वो अपने विवेक से वोट डाल सकते हैं।
18/ 3 वायरल वीडियो को देख लीजिए। एक में एक बुजुर्ग महिला गैस, राशन, बिजली, शौचालय इत्यादि की बात करते हुए कहती हैं कि वोट मोदी को ही देंगी। एक वीडियो में जहाँ मुस्लिम युवक RJD को वोट देने की बात करता है, उसकी पत्नी मोदी को वोट देने की बात कह रही है। एक अन्य वीडियो...
19/ ...में एक बुजुर्ग कहता है कि वो पहले से ही लालटेन दबाता आ रहा है लेकिन उसकी पत्नी तमाम योजनाओं की बात कर मोदी को पसंदीदा नेता बताती हैं, जिसके बाद उसका पति कहता है कि मालकिन यही है -जिसको कहेगी वोट दे दूँगा। PM मोदी ने भी विजय समारोह में कहा कि महिलाएँ ही भाजपा...
20/ ...'साइलेंट वोट बैंक' हैं।
21/ बिहार, दिल्ली नहीं है। भाजपा यहाँ हार का रिस्क नहीं उठा सकती थी। पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर चेतावनी दे दी है। बिहार में हार का अर्थ होता कि वहाँ कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास कम हो जाता, अब लड़ाई दिलचस्प हो...
22/ ...गई है। त्रिपुरा, केरल और पश्चिम बंगाल - राजनीतिक खूनखराबे के तीनों गढ़ों में से सिर्फ त्रिपुरा ही अभी तक हाथ आया है। पश्चिम बंगाल के बाद केरल और ओडिशा ही वो राज्य हैं, जो लोकसभा में हिंदी बेल्ट में कम होने वाली सीटों की भरपाई करेंगे। बंगाल विजय से ही भाजपा...
23/ ...दक्षिण में उत्साह के साथ आगे बढ़ेगी।
24/ अंत में, उत्तर प्रदेश में हाथरस इवेंट मैनेजमेंट और विकास दुबे के नाम पर ब्राह्मणों को बरगलाने का कुचक्र भी फेल हो गया है। पीएम मोदी ने बिहार में जीत का सारा श्रेय जेपी नड्डा को देते हुए जिस तरह से 'नड्डा जी आगे बढ़ो, हम आपके साथ हैं' का नारा दिया, पार्टी में...
25/ ...लोकतांत्रिक व्यवस्था की तरफ इशारा मिलता है। हिमाचल के ब्राह्मण जेपी नड्डा फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष हैं। कल गडकरी थे, राजनाथ थे, शाह थे और अब नड्डा हैं। कल को कोई और होगा। फिलहाल मोदी का एक ही विकल्प है, और वो खुद मोदी ही हैं।
*2024
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1/ 15: कुछ महीनों पहले मैं जब भी कोरोना की बातें करता था तो मेरे डिजाइनर दोस्त तुरंत केरल की बातें करने लगते थे। कुछ भी बोलो तो 'केरला मॉडल'। मोदी ने इतने करोड़ लोगों को अनाज दिया तो 'केरला मॉडल'.. अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले लॉकडाउन सही समय पर सही सख्ती के साथ...
2/ ...लगाया तो 'केरला मॉडल'। जबकि मैं शुरुआत से ही कहता आ रहा था कि ये झूठा 'केरला मॉडल' कुछ है ही नहीं। कोरोना वायरस से निपटने का दुनिया के सबसे सटीक नमूनों में से एक है यूपी मॉडल। जी हाँ, मैं अभी आँकड़े देता हूँ।
3/ असल में कोई ये मानने को तैयार ही नहीं था कि यूपी मॉडल हो भी सकता है क्योंकि ये यूपी ' बीमारू राज्य' मानते हैं (जो कि ये नहीं है) और चूँकि वहाँ एक मठाधीश भगवा पहन कर शासन कर रहा है, इसीलिए वो कभी कुछ ऐसा कर ही नहीं सकता कि उसकी तारीफ हो। भाई, कुछ 'कूल' होना चाहिए,...
1/ 19: कुछ लोग ऐसे हैं जो #ArnabGoswami की गिरफ़्तारी का जश्न मना रहे हैं। उनमें वही लोग हैं जो दिन भर बैठ कर हिन्दू देवी-देवताओं को गाली देने वाला ह₹।मखोर पंकज कनौजिया पर एक FIR भी दर्ज हो जाती है तो नरेंद्र मोदी को फासिस्ट बता कर अपना रोना चालू कर देते हैं। सफूरा...
2/ ...जरगर और उमर खालिद जैसे दंगाइयों के लिए आँसू बहाने वाले आज अर्णब गोस्वामी के लिए ठहाके लगा रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो कुछ महीनों पहले तक शिवसेना को गाली देते नहीं थकते थे। असली फासिज्म पर ताली पीटने वाले दंगाइयों पर कार्रवाई को फासिज्म बताते हैं।
3/ जिस तरह से एक पुराने केस को खोला गया, वो भी उसी पुलिस द्वारा जिसने इसे बंद किया था - यही ये दिखाने के लिए काफी है कि 'आत्महत्या के लिए उकसाने' का मामला बनाने के लिए हड़बड़ी में सब कुछ किया गया। भाजपा और मोदी को फासिस्ट बताने वालो, तुम्हारे बाप की महाराष्ट्र सरकार...
लालू यादव चुनावी जनसभाओं में अपनी ताकत झोंकने के लिए जाने जाते थे। 2015 विधानसभा चुनाव में लड़खड़ाते हुए, किसी तरह माइक पकड़ कर बोलते 68 वर्षीय 'जंगलराज के मसीहा' ने रोज 7-8 रैलियाँ की..
पर तेजस्वी यादव का 24 घण्टे में 19 जनसभाएँ करना बड़ी बात है..उन्होंने पूरा जोर लगा दिया है।
बिहार भाजपा के नेताओं को डूब मरना चाहिए। न किसी का जनाधार है न कोई मेहनत करना चाहता है। साधारण नेता भी 'राम मंदिर' के नाम पर वोट माँग रहे हैं।
एक बात याद रखो निकम्मों, भले अबकी मोदी तुम्हें बचा ले लेकिन हर चुनाव में जंगलराज का डर काम नहीं आएगा।
धो देगा तेजस्वी किसी दिन तुम्हें।
नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभाओं में भी तेजस्वी यादव ही निशाना हैं। नीतीश उन्हें ही ललकार रहे।
तेजस्वी ज्यादा से ज्यादा जनता से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतर भाषण भोजपुरी में होते हैं।
उनका हमला नीतीश पर होता है, उन्होंने 'रोजगार' को हथियार बनाया है। अब देखते जाइए...
1/ 21: हिमाचल प्रदेश में दुर्गाष्टमी के दिन दिन एक IAS अधिकारी #RitikaJindal सलोन स्थित माँ शूलिनी देवी के मंदिर में आ धमकती है। वो मंदिर में 'निरीक्षण' करने गई थी और 'व्यवस्थाओं का जायजा' भी लेना था। जाए भी क्यों ना, आखिर IAS-IPS अधिकारियों के बाप-दादाओं के ही तो...
2/ ...गुलाम हैं हिन्दू और और ये सारी सम्पत्तियाँ उनकी ही तो है। वहाँ IAS अधिकारी मंदिर में घुस कर पंडितो से बहस करती है और जबरन हवन में बैठ जाती है। फिर मीडिया में आकर Patriarchy और हिन्दुओं के 'रूढ़िवाद' पर ज्ञान देती है। जनता वाह-वाह कर उठती है।
3/ क्या उस IAS अधिकारी ने ये जानने का प्रयास किया कि अगर उन्हें महिला होने के कारण हवन में बैठने से रोका गया है, जैसा कि उनका दावा है, तो इसके पीछे का कारण क्या रहा होगा? शूलिनी देवी मंदिर में तो महिलाओं के प्रवेश या पूजा-पाठ पर कोई पाबन्दी तो हक़ी ही नहीं। फिर बात का...
1/ 14: हिन्दू पर्व-त्यौहारों पर ज्ञान देने का सिलसिला कम तो हुआ है लेकिन रुका नहीं है। अब दीवाली आ रही है। जल्द ही पटाखों का रोना शुरू होगा। फिलहाल नवरात्रि चल रही है। रेप की बातें चलाई जा रही हैं कि जिस देश में देवी की 9 दिन पूजा होती है, वहाँ बाकी दिन लड़कियों का...
2/ ...बलात्कार किया जाता है। दशहरा आते रावण को न जलाने की बातें की जाती हैं। नवरात्रि में महिषासुर को मूलनिवासी बताया जाता है। होली में रंगों को लेकर और पानी की बर्बादी का ज्ञान दिया जाता है। न्यू ईयर में सारे ज्ञान कहीं और घुस जाते हैं।
3/ ये वही बात हुई कि जब स्पेन में 1 ही घण्टे में 40 मीट्रिक टन टमाटर को फेंक-फेंक कर बर्बाद कर दिया जाता है तो बड़ा कूल लगता है और यहाँ शिवलिंग पर जल चढ़ाने में उन्हें दूध की बर्बादी दिखती है। गाय को हम खिलाते हैं, दूध लेते हैं और चढ़ाते हैं। क्या ये शरीर मे बम बाँध कर...
1/ 23: अधीर होकर काम करने से न तो काम बनता है और न ही इच्छानुसार परिणाम प्राप्त होते हैं। जनता है। गुस्सा होती है। गुस्सा होकर चाहती है कि फलाँ पार्टी ने धोखा किया तो BJP सीधा उसके घर पर रेड डलवा दे, उसे जेल में ठूँस दे और उसे रातोंरात नेस्तनाबूत कर दे। संयोग से,...
2/ ...लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है। और कभी-कभार हो भी जाता है तो चलता है लेकिन बराबर होने लगे तो यही जनता फिर गाली देने लगती है, जो ऐसा करने बोल रही थी। इसके लिए 2 ऐसे लोग हमने बिठा रखे हैं, जो समझता है कि कैसे करना है।
3/ साथ चुनाव लड़ के शिवसेना ने धोखा दिया। फिर विरोधियों कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बना कर सबसे ज्यादा सीटों वाली पार्टी को विपक्ष में बैठने को मजबूर कर दिया। फड़नवीस ने तड़के सुबह शपथ ली, उसमें बेइज्जती हुई सो अलग। दशकों से PM बनने के सपने देख रहे एक से बढ़ कर एक घाघ...