दाहिर ने घोषणा कर दी थी कि बेडौइन
(अरबी खानाबदोश) ले साथ कोई समझौता या बातचीत नही होगी,ये स्पष्ट संदेश था सेना के लिये भी की राष्ट्र की अस्मिता के लिये बलिदान देने का समय आ गया है
5 हज़ार घुड़सवार सैनिक व 26 हाथियों पर सवार लड़ाके थे जो बिन कासिम की सेना की तुलना में बहुत छोटी थी,कासिम की सेना में 50 हज़ार की संख्या में पैदल,घुड़सवार,व धनुर्धारी सैनिकों से परिपूर्ण थी,