दूसरे गाल के लिए कलेजा चाहिए !
अंधभक्तो को पता नहीं है, एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा आगे करना, कितनी बहादुरी का काम है ! थप्पड़ का जवाब थप्पड़ से देना आसान है, लेकिन दूसरा गाल आगे करना सबके बस में नहीं है, जो करता है..'महात्मा' बन जाता है ! #Gandhi
अहिंसा सिर्फ़ गांधी की नहीं,इंसानी फ़ितरत है अहिंसा के जरिए गांधी कोई नया फार्मूला लेकर नहीं आए थे, बल्कि उन्होंने आज़माएं हुए फार्मूले को लपका और उसे ताक़त दी।उनमें दम था,इसलिए अहिंसा उनका नारा बन गया, ब्रांड बन गया।
जहां इंसानियत है,वहां अहिंसा है,लेकिन जिन्हें हिंसा में दिलचस्पी है,जो मारने-काटने की बात करते हैं,वही गांधी से इंकार कर सकते हैं ! बात सिर्फ गांधी की नहीं है,वो सब जिन्होंने दुनिया को दिशा दी है,सोच दी है, फ़क़ीर ही रहे हैं,उनके पास तलवार नहीं थी, ,
लेकिन बादशाहों को उन्होंने अपनी कुटिया में आने पर मजबूर किया है। तलवार के दम पर जिन्होंने दुनिया जीती है,वो इतिहास में दर्ज तो है, लेकिन लोगों के दिलों में नहीं हैं।उन्हें बहादुर और क्रूर शासक के तौर पर याद किया जाता है,म्यूजियम में उनकी तलवार रखी मिल सकती है
लेकिन जिन्होंने अहिंसा का रास्ता पकड़ा है, इंसानियत को ताक़त दी है, उन्हें किसी म्यूजियम की ज़रूरत नहीं है,वो हर जगह हैं, उनके मंदिर हैं, मूर्तियां हैं।असल में गांधी का विरोध नहीं... उनके विचारों का है, जो सबको साथ खड़ा करते हैं, ऊंच-नीच का फ़र्क ख़त्म कर देते हैं,
नफ़रत को बुरा कहते हैं। ठीक है, कहा जा सकता है आज़ादी की लड़ाई में उनका बड़ा किरदार रहा है, जो अहिंसा के साथ नहीं थे, जो ईंट का जवाब पत्थर से देने की बात करते थे और उन्होंने दिया भी है। इसके बावजूद अहिंसा को नकारा नहीं जा सकता है।
असल में इन्हें सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह में दिलचस्पी नहीं है,बल्कि गांधी से दिक्कत है। उन्हें छोटा करने के लिए दूसरों को बड़ा करने में लगे हैं। जब आप गांधी की टीम में आते हैं तो नफ़रत, सांप्रदायिकता ,ऊंची-नीच, जात-पात से दूर होना पड़ता है,जिससे सियासत मुश्किल हो जाती है।
गांधी का विरोध वो कर रहे हैं, जिन्होंने उन्हें ना पढ़ा है, ना समझा है, बस सियासी फायदे के लिए उनकी लाठी खींचने में लगे हैं। अभी वही सुर्खियों है,जो गांधी को बुरा कहे, उन पर सवाल लगाए। हालांकि ऐसे करने वाले बहुत थोड़े हैं,लेकिन लगातार उन्हें ताक़त मिल रही है। #महात्मागांधी
इसकी वजह है कि जिन्हें बोलना चाहिए,वो ख़ामोश हैं। सब वही हैं, वीर सावरकर पर लगातार बोल रहे हैं,उनके आलोचकों को देशद्रोही बता रहे हैं। इन्हें पता है, जब तक गांधी हैं,एक रंग का हिंदुस्तान नहीं बनाया जा सकता है,इसलिए लगातार उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है। #gandhijayanthi
गांधी को कमज़ोर करने की कोशिश हो रही है,पर उन्हें दिलों से निकालना आसान नहीं है,क्योंकि नफ़रत की उम्र थोड़ी होती है और गांधी जिस मोहब्बत का पैग़ाम देकर गए हैं,वो हमेशा ज़िंदा रहने वाली है।'गांधी का ही कमाल है,उनके प्रेम भी सुर्खियां हासिल की जा सकती है और नफरत से भी #डाटावाणी
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सुनो भारत के युवाओ..आज आपके सबसे बड़े लीडर का जन्मदिन है आज राजीव जीवित होते तो इस देश की तस्वीर कुछ अलग ही होती लेकिन आज वो हमारे बीच में नही है आज हर तरफ झूठ है तो देश के युवाओँ को सच बताने की जिम्मेदारी हर उस व्यक्ति की है जिन्होने राजीव को पढ़ा,सुना और देखा है #RajivGandhi
राजीव ने इस देश को क्या दिया है उसका जवाब आपके हाथ में है जिससे आप यह पोस्ट पढ़ रहे है यह राजीव गांधी ही थे,जिन्होंने भारत में दूरसंचार क्रांति लाई.आज जिस डिजिटल इंडिया का जाप साहब करते रहते है उसका मूल विचार राजीव का ही था सी-डॉट से लेकर एमटीएनएल जैसी कंपनियां उनकी ही देन है
90 के दशक लाखो लोगो को रोजगार देने वाले एसटीडी पीसीओ बूथ उनकी ही देन है आज जो स्वरोजगार का मॉडल मोदी सरकार जनसेवा केंद्र के नाम कॉपी पेस्ट करके आपको परोस रही है उसकी नींव औऱ अधोसरंचना राजीव ने ही दी थी #RajivGandhi
क्या आप अशोक स्तंभ के मूल स्वरूप से हो रही छेड़छाड़ से नाराज है ? क्या आप महान अशोक की याद में खड़े हुए एक बरसो पुराने स्मारक के सम्मान के ध्वस्त होने पर दुखी है अगर हाँ तो इस #thread को सेव कर लीजिए.. थोड़ा लंबा है पर भविष्य में काम आएगा #AshokStambh#डाटावाणी#घोरकलजुग 1/n
अपराध शास्त्र शोध में किसी घटना के घटित होने के पहले यह जान लेना चाहिए आखिर वो क्यो हो रही है इससे सबसे ज्यादा लाभ या नुकसान किसे हो रहा है मतलब इस घटना का मोटिव या मकसद क्या है जब आप अशोक स्तंभ को बदलने के फैसले को इस एंगल से सोचेंगे तो आपको सारी तस्वीर समझ आ जाएगी !!! 2/n
आप पहले की घटनाओं की #क्रोनोलॉजी को समझिए 2013 में यूनिटी रन होती है घर-घर से लोहा इकट्ठा किया जाता है सलीके से सरदार पटेल जैसे संघ विरोधी को संघ का समर्थक बताया जाता है स्टेच्यू आफ लिबर्टी की तर्ज पर उनकी सबसे बड़ी मूर्ति बनाई जाती है #statueofunity 3/n
यह शाह की जीत और मोदी की हार है!!!
उद्धव ने इस्तीफा दे दिया है एकनाथ की घर वापसी हो गई है शिवसेना का घर भी सुधर गया है पूरा मीडिया फडणवीस को सबसे बड़ा चाणक्य साबित करने में लग गया है लेकिन सियासत के इस शतरंज के सबसे बड़े शातिर शाह ही साबित हुए है #AmitShah #DevendraFadnavis 1/n
जब 2019 विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए थे तो अमित शाह ने युद्ध स्तर पर हरियाणा की सियासी जमावट की थी 48 घँटे के अंदर दुष्यंत को उपमुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी की सरकार बना दी थी लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार के लिए बिलकुल भी प्रयास नही किये थे #AmitShah 2/n
उस समय उध्दव ठाकरे से एक बार भी बात नही की थी और महाराष्ट्र का एक भी बार दौरा नही किया क्यो उन्होंने लोकसभा चुनाव की तरह शिवसेना को मनाकर साथ मे क्यो नही मिलाया ?? क्योंकि अमित शाह देवेंद्र फडणवीस को कभी मुख्यमंत्री बनाना नही चाहते थे #DevendraFadnavis#डाटावाणी 3/n
2.जनसंख्या नियंत्रण: सरकार को अब जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की कोई आवश्यकता नही है क्योंकि सामान्यतः23 की उम्र में विवाह करने वाला ग्रामीण युवा 28 तक ट्रेनिंग और रोजगार तलाश में ही बिजी रहेगा,बाद में विवाहित होकर वो फेमिली प्लानिंग ही करेगा #घोरकलजुग#घोरकलजुग 2/n
3. दहेज प्रथा कम होगी: परमानेंट नौकरी और पेंशन न होने की स्थिति मे गाँव मे दहेज की डिमांड कम या बिलकुल खत्म हो सकती है उल्टा 25 -26 की उम्र तक रुकने पर वधु पक्ष को पैसा देना पड़ सकता है 🤣🤣 #घोरकलजुग#Agneepath 3/n
#सुनो_राजीव_के_राहुल ...
मुझे तब भी गुस्सा नही आया था जब तुम्हे इस देश के भगवान के अंध भक्तों ने सरे आम पप्पू कहा था क्योकि तुम प्रेम के पुजारी हो तुम प्रेम सिखाते हो नफरत नही...#HappyBirthdayRahulGandhi#डाटावाणी 1/n
मुझे तब भी गुस्सा नही आया था जब तुम्हारे शहीद पिता को कोर्ट से क्लीन चिट मिलने पर भी स्वयं आकंठ भृष्टसागर में डूबे दुष्टों ने भृष्ट कहा था क्योकि तुम प्रेम के पुजारी हो तुम प्रेम सिखाते हो नफरत नही...#Rajeevgandhi#घोरकलजुग 2/n #HappyBirthdayRahul
मुझे तब भी गुस्सा नही आया था जब तुम्हारी माता का विदेशी कहकर मख़ौल उड़ाया गया, और महिलाओं का मोल लगाने वाले व्यापारी ने तुम्हारी माँ की ममता का मोल लगाया था क्योकि तुम प्रेम के पुजारी हो तुम प्रेम सिखाते हो नफरत नही..#soniyagandhi#राहुलगांधी 3/n
सरकारें जब कोई पालिसी बनाती है तब उसके होने वाले प्रभाव और दुष्प्रभाव का व्यापक अध्ययन करती है उस पालिसी के सारे स्टेक होल्डर से बात करती है संसद में संवाद करती है उसे जरा भी संशय होता है तो केवल पायलट प्रोजेक्ट लांच करती है #AgnipathScheme 1/n
पर इस सरकार की सबसे बड़ी समस्या ही संवाद हीनता है यह वन वे कम्युनिकेशन पर चलने वाली सरकार है जिसका मुखिया खुद सीधे सवालों से बचता रहता है #नोटबन्दी,#GST, #CAA या किसान कानून ऐसे निर्णय थे जिसकी किसी ने भी मांग नही की थी यह भारत की जनता पर थोपे गए कानून थे #Agniveer 2/n
इसलिए इनका इतना विरोध हुआ था सरकार ने सनक में यह सब पालिसी डिसीजन लिए थे सरकार को हर घटना को सनसनीखेज औऱ सम्भावना से भरा बताने की इतनी सनक है कि वो पूरे देश को अपने राजनीतिक प्रयोगों की प्रयोगशाला बना देती है नोटबन्दी असफल रही, GST में आज भी संशोधन हो रहे है #घोरकलजुग 3/n