8. ऑनलाइन बैंकिंग, OTP, E-commerce इन सब में सुरक्षा के नाम पर, verification के लिए यही जानकारी माँगी जाती है।
3/n
10. क्योंकि ये सब जानकारी अगर सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है, तो फ़िशिंग फ़्रॉड करने वालों को और कुछ नहीं चाहिए। इसके बेस पर वो डूप्लिकेट sim से लेकर income tax डिटेल तक पा सकते हैं।
4/n
12. लेकिन इससे आर्थिक फ़्रॉड के ख़तरे पूरी तरह ख़त्म नहीं होते हैं। 5/n
14. ये डेटा सब-रजिस्ट्रार के स्तर पर प्रकाशित और maintain होगा। इसकी कोई गोपनीयता होगी? क्या ये फ़िशिंग फ़्रॉड करने वालों के हाथ बिलकुल नहीं लगेगा?
6/n
16. समझें कि प्राइवसी का मुद्दा सिर्फ़ निजी ज़िंदगी के मामलों तक सीमित नहीं है। online banking व commerce के जमाने में ये आर्थिक सुरक्षा का भी मुद्दा है।7/n
18. प्राइवेसी के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के मद्देनज़र NPR डेटाबेस के क्या security feature होंगे, क्या ये तय हुआ है?
8/n
20. फ़िशिंग फ़्रॉड के अपराधियों तक ये किसी भी नागरिक का समग्र डेटा न पहुँचे, इस पर क्या कदम लिए गए हैं?
9/n
10/n
सभी पहलुओं को बिना पूरी तरह समझे फ़ैसले हुए है, फिर बाद में चाहे जितने पैबंद लगें, रफू हो, नुक़सान नागरिक और देश भुगतते हैं।
सरकार से इन सवालों के जवाब माँगिए।क्योंकि देश आपका ही है
As quoted by ministry tweet, TOI report does not give an impression that documents will compulsorily be asked.
It says that if someone has these document, they will have to provide the information....
‘But if one has the documents, the information is to be provided even though no document needs to be shown‘.
So instead of obfuscating they issue, govt. may please tell if providing these information is optional for those who possess the documents?