The effect of uncensored web series (OTT) so we demand #Censor_Web_Series
Morally corrupt as the series is, this time around ALT Balaji has stooped to a new low. A new season of its show X.X.X Uncensored shows a Lieutenant Colonel’s wife seducing her civilian doctor 👇
(saying that the husband is only interested in his drinks and spending time with fellow officers), dressing him up in her husband’s uniform and then spanking him in a role-play (where she addresses the doctor as her husband). 👇
She rips open the uniform shirt too. Later it turns out that the woman is the doctor’s mother-in-law. First the doctor started the adulterous relationship despite knowing that the woman was married, and secondly the woman continued the relationship even after his marriage. 👇
This is sickening because ALT Balaji seeks to normalise that
Indian Army wives are sexually frustrated and look for partners outside their marriage.Incestuous relationships are extremely prevalent
⤴ Why she portrayed it as like this ❓
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अधिक मास को अगले मास का नाम दिया जाता है, उदा. आश्विन मास से पूर्व आनेकाले अधिक मास को ‘आश्विन अधिक मास’ कहते हैं और उसके उपरांत आनेकाले मास को ‘शुद्ध आश्विन मास’ कहा जाता है । अधिक मास किसी बडे पर्व की भांति होता है ।
इसलिए इस मास में धार्मिक कृत्य किए जाते हैं और ‘अधिक मास महिमा’ ग्रंथ का वाचन किया जाता है । सूर्य एवं चंद्र का एक बार मिलाप होने के समय से लेकर अर्थात एक अमावास्या से लेकर पुनः इस प्रकार मिलाप होने तक अर्थात अगले मास की अमावास्या तक का समय ‘चांद्रमास’ होता है ।
ऐसा कहते हैं कि, देवताको जो वस्तु भाती है, वही उन्हें पूजामें अर्पण की जाती है । उदाहरणके रूपमें गणपतिको लाल फूल, शिवजीको बेल, विष्णुको तुलसी इत्यादि ।
वास्तवमें उच्च देवताओंकी रुचि-अरुचि नहीं होती । विशिष्ट वस्तु अर्पण करनेके पीछे अध्यात्मशास्त्रीय कारण होता है । पूजाका उद्देश्य है, मूर्तिमें चैतन्य निर्माण होकर पूजकको उसका लाभ हो । यह चैतन्य निर्माण होनेके लिए विशिष्ट देवताको विशिष्ट वस्तु अर्पित की जाती है,
जैसे हनुमानजीको तेल, सिंदूर एवं मदारके फूल तथा पत्ते । इन वस्तुओंमें हनुमानजीके महालोकतकके देवताके सूक्ष्मातिसूक्ष्म कण, जिन्हें पवित्रक कहते हैं, उन्हें आकृष्ट करनेकी क्षमता होती है । अन्य वस्तुओंमें ये पवित्रक आकृष्ट करनेकी क्षमता अल्प होती है ।
🖥️📱 मराठी, हिंदी, इंग्रजी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, उडिया, तेलुगु, कन्नड, तमिळ आणि मल्याळम् या 11 भाषांमध्ये 5 जुलैच्या सायंकाळी ‘ऑनलाईन गुरुपौर्णिमा महोत्सवां’चे प्रक्षेपण
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👉 ‘मराठी’ भाषेतील ‘ऑनलाईन गुरुपौर्णिमा महोत्सव’ हा 5 जुलैला सायंकाळी 7 वाजता होणार असून तो FaceBook अथवा YouTube द्वारे पहाता येईल. त्याच्या लिंक्स पुढीलप्रमाणे :
सोशल मीडिया पर लोग टिक-टॉक ऐप को प्रो-चाइनीज बताते हुए इसे अनइनस्टॉल करने के लिए अभियान चला रहे हैं । कई लोगों का ये भी मानना है कि टिक-टॉक पर जिहादी गतिविधियों से हिन्दूफ़ोबिया को बढ़ावा देने वाले वीडियोज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है । #TeachLessonToChina
अब एक ईमेल लीक हुआ है, जिसे कथित तौर पर टिक-टॉक ने भारत में कार्यरत अपने सभी कर्मचारियों को भेजा है ।
इसमें कहा गया है कि ऐसे किसी भी कंटेंट को टिक-टॉक पर जगह नहीं दी जाए, जो चीनी सरकार के विरुद्ध हो ।
इसके तहत बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा और तिब्बत के समर्थन से सम्बंधित सभी कंटेंट को भी एप्लीकेशन से हटाने का निर्देश दिया गया है ।