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29 Nov, 18 tweets, 3 min read
1-एक टक देर तक उस सुपुरुष को निहारते रहने के बाद बुजुर्ग भीलनी के मुंह से स्वर/बोल फूटे -

"कहो राम ! सबरी की डीह ढूंढ़ने में अधिक कष्ट तो नहीं हुआ ?"

राम मुस्कुराए :- "यहां तो आना ही था मां, कष्ट का क्या मोल, क्या मूल्य ?"
2-"जानते हो राम !

तुम्हारी प्रतीक्षा तब से कर रही हूँ, जब तुम जन्मे भी नहीं थे|

यह भी नहीं जानती थी, कि तुम कौन हो ?

कैसे दिखते हो ? क्यों आओगे मेरे पास ?

बस इतना ज्ञात था कि कोई पुरुषोत्तम आएगा जो मेरी प्रतीक्षा का अंत करेगा|
3-राम ने कहा :- "तभी तो मेरे जन्म के पूर्व ही तय हो चुका था कि राम को सबरी के आश्रम में जाना है”|

"एक बात बताऊँ प्रभु भक्ति के दो भाव होते हैं, पहला ‘मर्कट भाव’, और दूसरा ‘मार्जार भाव’|
4-”बन्दर का बच्चा अपनी पूरी शक्ति लगाकर अपनी माँ का पेट पकड़े रहता है, ताकि गिरे न...

उसे सबसे अधिक भरोसा माँ पर ही होता है और वह उसे पूरी शक्ति से पकड़े रहता है।
5-यही भक्ति का भी एक भाव है,

जिसमें भक्त अपने ईश्वर को पूरी शक्ति से पकड़े रहता है| दिन रात उसकी आराधना करता है...” (मर्कट भाव)

पर मैंने यह भाव नहीं अपनाया|
6-”मैं तो उस बिल्ली के बच्चे की भाँति थी,

जो अपनी माँ को पकड़ता ही नहीं, बल्कि निश्चिन्त बैठा रहता है कि माँ है न,

वह स्वयं ही मेरी रक्षा करेगी, और माँ सचमुच उसे अपने मुँह में टांग कर घूमती है...

मैं भी निश्चिन्त थी कि तुम आओगे ही, तुम्हें क्या पकड़ना..." (मार्जार भाव)
7-राम मुस्कुरा कर रह गए |

भीलनी ने पुनः कहा :- "सोच रही हूँ बुराई में भी तनिक अच्छाई छिपी होती है न...

“कहाँ सुदूर उत्तर के तुम, कहाँ घोर दक्षिण में मैं”|

तुम प्रतिष्ठित रघुकुल के भविष्य, मैं वन की भीलनी... यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो तुम कहाँ से आते ?”
8-राम गम्भीर हुए | कहा :-

भ्रम में न पड़ो मां ! “राम क्या रावण का वध करने आया है” ?

रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से बाण चला कर भी कर सकता है|
9-राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है मां,

ताकि “सहस्त्रों वर्षों बाद, जब कोई भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को क्षत्रिय राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था”|
10-जब कोई भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है,

जहाँ एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार करता है|
11-राम वन में बस इसलिए आया है

ताकि “जब युगों का इतिहास लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि ‘शासन/प्रशासन/सत्ता’ जब पैदल चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे तभी वह रामराज्य है”|
(अंत्योदय)
12-राम वन में इसलिए आया है, ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतीक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं|

राम रावण को मारने भर के लिए नहीं आया हैं मां|

माता सबरी एकटक राम को निहारती रहीं |
13-राम ने फिर कहा :-

राम की वन यात्रा रावण युद्ध के लिए नहीं है माता !

“राम की यात्रा प्रारंभ हुई है, भविष्य के आदर्श की स्थापना के लिए”|

राम निकला है, ताकि “विश्व को संदेश दे सके कि माँ की अवांछनीय इच्छओं को भी पूरा करना ही 'राम' होना है”|
14-राम निकला है कि ताकि

“भारत को सीख दे सके कि किसी सीता के अपमान का दण्ड असभ्य रावण के पूरे साम्राज्य के विध्वंस से पूरा होता है”|

राम आया है, ताकि “भारत को बता सके कि अन्याय का अंत करना ही धर्म है”|
15-राम आया है,

ताकि “युगों को सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि पहले देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाय,

और खर-दूषणों का घमंड तोड़ा जाय”|
16-राम आया है, ताकि

“युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहीं बल्कि वन में बैठी सबरी के आशीर्वाद से जीते जाते हैं”|

सबरी की आँखों में जल भर आया था|

उसने बात बदलकर कहा :- "बेर खाओगे राम” ?

राम मुस्कुराए, "बिना खाये जाऊंगा भी नहीं मां"
17-सबरी अपनी कुटिया से झपोली में बेर ले कर आई और राम के समक्ष रख दिया|

राम और लक्ष्मण खाने लगे तो कहा :-

"बेर मीठे हैं न प्रभु” ?

"यहाँ आ कर मीठे और खट्टे का भेद भूल गया हूँ मां !

बस इतना समझ रहा हूँ, कि यही अमृत है”|
18-सबरी मुस्कुराईं, बोलीं :- "सचमुच तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो, राम"

अखंड भारत-राष्ट्र के महानायक,

मर्यादा-पुरुषोत्तम, भगवान श्री राम को बारम्बार सादर वन्दन !

जय श्रीराम !!

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More from @shaleen_sharma

29 Nov
1-#Gayatri destroys the three kinds of #Taapa or pain.

Gayatri bestows on one the four kinds of #Purushartha, viz. #Dharma
(#righteousness), #Artha (wealth), #Kama (desired objects) and
#Moksha (#Liberation or freedom) (1/13)

#AstrologyAndSpirituality.
2-It destroys the three Granthis or knots of ignorance, #Avidya, #Kama and #Karma.

Gayatri purifies the mind.

Gayatri bestows on the Upasaka Ashta-#Siddhis

Gayatri makes a man powerful and highly intelligent. (2/13)

#AstrologyThread.
3-Gayatri eventually gives Liberation or emancipation from the wheel of birth and death. (3/13)

#TheWisdomOfTheVillageJyotishi
Read 14 tweets
28 Nov
1-#Savita is the presiding Deity of the #GayatriMantra,

#Fire (#Agni) is the mouth,

#Vishvamitra is the #Rishi and #Gayatri is the metre.

Gayatri Mantra is recited during the investiture of sacred thread, practice of #Pranayama and #Japa, etc. (1/15)

#संस्कृतिबोध
2-What Gayatri is, the same is #Sandhya, and what Sandhya is, the same is Gayatri.

Sandhya and Gayatri are identical.

He who meditates on Gayatri,

..meditates on Lord #Vishnu, the Supreme Lord of the #Universe. (2/15)

#सनातनशुद्धरूपसेविज्ञान
3-A man can repeat the Gayatri Mantra mentally, in all states, even while lying, sitting, walking, etc.

There is no sin of commission or omission of any sort in its repetition.

(3/15)

#MysticPrayers
Read 15 tweets
28 Nov
1-ॐ सूर्य सुन्दरलोकनाथममृतं वेदान्तसारं शिवं

ज्ञानं ब्रह्ममयं सुरेशममलं लोकैकचित्तं स्वयम् ।

इन्द्रादित्यनराधिपं सुरगुरुं त्रैलोक्यचूडामणि

ब्रह्माविष्णुशिवस्वरूपहृदयं वन्दे सदा भास्करम् ।। (1/18)

#Astrology.
2-Om Suryam sundaralokanathamamritam vedantasaram sivam,

Jnanam brahmamayam suresamamalam lokaikaphittam svayam;

Indradityanaradhipam suragurum trailokyachudamanim,

Brahmavishnusiva svarupa hridayam vande sada bhaskaram (2/18)
3-I always adore #Surya, the #Sun,

the beautiful Lord of the world,

the immortal,

the quintessence of the #Vedanta,

the auspicious,

the absolute knowledge,

Lord of the gods,

ever-pure,

the one true #consciousness of the world himself, (3/18)

#AstrologyThread.
Read 18 tweets
27 Nov
1-Multiple commentaries have come and gone about the great #GayatriMantra.

I have personally found the exposition by Swami #Sivananda and Swami Chinmayananda worthwhile. (1/20)

#Astrology.
2-For the next few days, we shall talk about the #GayatriMantra – the pinnacle of #Japa #Sadhana

Here is laying out my little understanding. (2/20)

#AstrologyThread.
3-ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यम् ।

भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ (3/20)

#AstrologicalThread.
Read 20 tweets
27 Nov
1-What could be a man’s point-of-opening into the #Vedic Corpus?

For me it is #Ayurveda, #VedicAstrology and #Vastu. (1/16)

#Astrology.
2-Vedic #Astrology that ways is well & truly a #Vedanga…for it virtually has answers to every question one might have

If one has a subtle enough perception! (2/16)

#Astrology.
3-Consider this from the works of #Parashara.

This is used as a tool for #BirthTimeRectification and #PrashnaAstrology by #Jyotishis

..especially in the #Tamil School of #VedicAstrology. (3/16)

#AstrologicalThread
Read 16 tweets
26 Nov
1-What is the #Philosophy of #Japa and why is it important for #Sadhana?

What Is Japa?

Japa is the repetition of any Mantra or Name of the Lord. (1/15)

#AstrologicalRemedies.
2-In this Kali Yuga or iron age when the physique of the vast majority of persons is not good,

..rigid Hatha Yogic practices are very difficult.

Japa is an easy way to God-realization. (2/15)

#AstrologyRemedies.
3-Tukaram, Dhruva, Prahlada, Valmiki Rishi, Ramakrishna Paramahamsa -

..all had attained salvation by uttering the Name of God. (3/15)

#Remedies
Read 15 tweets

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