नीचता की परिकाष्ठा देखिए आप "उरी" फ़िल्म के वक्त जब ये लोग हाइपर नेशनलिज़्म शब्द खोज के लाए थे उस वक्त भी जनता ने इन्हें तमाचा मारा था ।
#Thread
आप इन दोनों फिल्मों में एक समानता जरूर पाते हैं दोनों फिल्में देश प्रेम पे आधारित हैं ,दोनों फ़िल्म अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए लड़ी लड़ाई पे है ये म लड़ाई पे आधारित फिल्में है जिन्हें हमने जीता ।
मैं कोई अक्षय कुमार का फैन या फ़िल्म के लिए यहां नही लड़ रहा ,मैं यहां लड़ रहा हूँ अपने इतिहास के लिए ,इतिहास पे पहले भी फिल्म बनी "पद्मावत" उस वक्त तो इन्होंने खिलजी के नीच कार्य पे कोई आर्टिकल नही छापा ,इससे पता चलता है ...
इनके समस्या ये है कि फ़िल्म में अफगानी लोगो को जेहादी और लुटेरे क्यों बोला गया ।
पहली बात लुटोरो को लुटेरा नही बोलेंगे तो क्या बोलेंगे ।
इन्हें पसन्द मुगल और अफगानी ही आएंगे ।
तलवे उनके ही चाटेंगे ।
समस्या एक इनके ये भी की कैसे यहां के लोग राष्ट्रवाद पे एक हो जाते है ।
तो आर्टिकल की हैडलाइन ही गलत है ।
अब दूसरी बात करते है राष्ट्रवाद वालीज़ एक बात बताओ रे वामपंती नीच इंसानों ,
क्या अपनी मिट्टी ,अपने देश से प्रेम करना पाप है क्या?
मेरी सरकार से भी अपील है सारे मीडिया हाउस ,सारी छोटी मोटी न्यूज़ पोर्टल जितने भी है सब के पिछले 2 साल का बैंक स्टेंटमनेट निकलवा लीजिए ।
ऐसे लोगो के वाकई जाँच होनी चाइए, इनके असली रंग तब ही सामने आएंगे ।
बाकी ये लोग ऐसी हरकतें करेगे तो हर भारतीय का फर्ज बनता है इनके मुँह पे कसकर तमाचा मारे ।
धन्यवाद ।🙏