लॉकडाउन देर से हुआ है, लेकिन नहीं होने से कहीं बेहतर है। तालाबंदी के विचार का मजाक उड़ाने वालें 21 दिनों तक मौन रहकर देश का बड़ा उपकार करेंगें।
वादा किए गए वित्तीय पैकेज को पूरा करने के लिए 4 दिन और समय क्यों लग रहा है? हमारे पास 4 घंटे में पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है।
सही बात यह है कि हर नागरिक को लॉकडाउन का समर्थन करे चाहे जितने भी कठिनाई हो।